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vksrivastav
White वक़्त कितना भी बुरा हो गुज़र ही जाता है नशा कितना भी चढ़ा हो उतर ही जाता है ©vksrivastav वक़्त कितना भी बुरा हो #
वक़्त कितना भी बुरा हो #
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White दिल के अरमान दबा पाना कितना मुश्किल है ग़ैरों को अपना बता पाना कितना मुश्किल है जो अपना हो के भी अपना ना हुआ उसी की चाह में लुट जाना कितना मुश्किल है ©vksrivastav दिल के अरमान दबा पाना कितना #Shayari #Love #vksrivastav
दिल के अरमान दबा पाना कितना #Shayari Love #vksrivastav
read moreShiv Narayan Saxena
बोल मधुर हों प्रेम के, जग अपना हो जाय। नफ़रत वाले बोल से, अनचाहे झगड़ाय।। ग़लत नीति पर राज्य को, कर विरोध चेताय। देश विरोध न आड़ में, भूले से हो जाय।। दल विरोध की आड़ ले, राष्ट्र से मत कर द्रोह। निरलज अंधा द्रोह में, बनत देश - विद्रोह।। ©Shiv Narayan Saxena #देश_की_बात कैसा और कितना विरोध poetry in hindi
#देश_की_बात कैसा और कितना विरोध poetry in hindi
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset न जाने कितना ग़म है इसके अंदर.. कोई नग़्मा सुनाता है समंदर.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #न कितना ग़म है इसके...
#न कितना ग़म है इसके...
read moreInternet Jockey
White हम कितना कुछ ढूंढते हैं पर पहचानते नहीं ©Internet Jockey #good_night हम कितना कुछ ढूंढते हैं पर पहचानते नहीं
#good_night हम कितना कुछ ढूंढते हैं पर पहचानते नहीं
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Unsplash सलीका कितना भी अच्छा हो बात करने का गलत जगह पे अगर हो तो वो बेकार ही है ©Vk srivastav सलीका कितना भी अच्छा हो #Shayari #poem #Quotes #viral #vksrivastav
सलीका कितना भी अच्छा हो Shayari poem Quotes viral vksrivastav
read moreVEER NIRVEL
दर्द कितना है ये खुलाशा नहीं करते कुछ लोग ख़ुद का तमाशा नहीं करते... #Chai_Lover ©VEER NIRVEL दर्द कितना है ये खुलाशा नहीं करते कुछ लोग ख़ुद का तमाशा नहीं करते... #Chai_Lover
दर्द कितना है ये खुलाशा नहीं करते कुछ लोग ख़ुद का तमाशा नहीं करते... #Chai_Lover
read moreनवनीत ठाकुर
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अपने ही साए से जल गया। इज्जत अब बस नामों तक रह गई है, असलियत झूठ की चादर में ढह गई है। जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे, अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं। हर ख्वाब जो आँखों में पलता था, उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है। मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा, हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा। ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी, और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी। ©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
#ये दौर कितना बदल गया है
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