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Nisheeth pandey
जन्माष्टमी की शुभकामनाएंँ । कृष्ण पक्ष की अष्टमी,भादो की वह रात। लगता था मानो कभी,रुके नहीं बरसात।। हवा उड़ाए जा रही,पानी की हर बूँद कालिंदी उफना रही,जैसे बनी समूँद। कारागृह में कंस के,थीं देवकी अचेत। नारायण के खेल में,पैरों सरकी रेत। उठा टोकरी हाथ में,यमुना जी के पार वसुदेव ले पहुँच गए,मित्र नंद के द्वार। चतुर्मास के शयन में,भादो जन्म महान् शेषनाग शय्या उठे ,धरा धाम कल्याण। राधा जी की वेदना, अविनाशी अभिराम राधा जी के नाम से,दौड़े आते श्याम। ब्रजभूमि में छुपी हुई,राधा जी की छाप कण-कण में है गूँजता,बंशी का आलाप। ©Nisheeth pandey #janmashtami जन्माष्टमी की शुभकामनाएंँ । कृष्ण पक्ष की अष्टमी,भादो की वह रात। लगता था मानो कभी,रुके नहीं बरसात।। हवा उड़ाए जा रही,पानी क
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- यशोदा का नंद लाला , गोकुल का वह ग्वाला , छेड़ कोई धुन नई , मन बह लाइये । आगे पीछे गोपी चले , देख-देख राधा जले , सुन कान्हा प्रीत से तू , हमें न जलाइये । ग्वाल बाल खेल रहे , राधा संग झूल रहे , डाल कदम की अब , हमे भी बिठाइये । देख-देख गोपी कहे , खुश है तू अश्रु बहे , हमसे भी कान्हा कभी , प्यार तो जताइये ।। १ ******************************** भूल गई बात सारी , आज मोरी महतारी , पिता जी लेकर हमें , गोकुल पधारिये । कोई नही रोक पाये , आप बस चले जायें , यमुना जी पार हमें , आप ही उतारिये । जाते अब हम जहाँ , यशोदा है मातु वहाँ , एसे न पिता जी अब , हमको निहारिये । गोकुल में धूम मची , मन सब प्रीत जगी , आये हैं पालन हार , दुष्ट को उचारिये ।।२ ०७/०९/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- यशोदा का नंद लाला , गोकुल का वह ग्वाला , छेड़ कोई धुन नई , मन बह लाइये ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
बजन्में आधी रात को , मथुरा में गोपाल । मातु देवकी छोड़कर , हुए नंद के लाल ।। जन्में आधी रात को ... तहखाने खुलने लगे , देखो अपने आप । माया यहीं दिखा दिए , हरने को संताप ।। वासुदेव सिर माथ पर , लिए बाल गोपाल । यमुना जी को पार कर , पहुँचे घर नंदलाल ।। जन्में आधी रात को .... मातु यशोदा को खुशी , देख हुई आपार । घर में अपने आ गये , जग के पालनहार ।। आज खुशी से झूमते , गोकुल के सब ग्वाल । अधरों से सबके हटे , तीखे बड़े सवाल ।। जन्में आधी रात को ... खुशियाँ जग की देखकर , हुआ कंस बेहाल । छोटा सा बालक वहाँ , इतना बड़ा कमाल ।। भेज पूतना को वहाँ , पूछ रहा है हाल । कैसे करता है बता , ग्वाला वहाँ कमाल ।। जन्में आधी रात को .... जन्में आधी रात को , मथुरा में गोपाल । मातु देवकी छोड़कर , हुए नंद के लाल ।। ०७/०९/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जन्में आधी रात को , मथुरा में गोपाल । मातु देवकी छोड़कर , हुए नंद के लाल ।। जन्में आधी रात को ... तहखाने खुलने लगे , देखो अपने आप ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- जन्में आधी रात को , मथुरा में गोपाल । मातु देवकी छोड़कर , हुए नंद के लाल ।। जन्में आधी रात को ... तहखाने खुलने लगे , देखो अपने आप । माया यहीं दिखा दिए , हरने को संताप ।। वासुदेव सिर माथ पर , लिए बाल गोपाल । यमुना जी को पार कर , पहुँचे घर नंदलाल ।। जन्में आधी रात को .... मातु यशोदा को खुशी , देख हुई आपार । घर में अपने आ गये , जग के पालनहार ।। आज खुशी से झूमते , गोकुल के सब ग्वाल । अधरों से सबके हटे , तीखे बड़े सवाल ।। जन्में आधी रात को ... खुशियाँ जग की देखकर , हुआ कंस बेहाल । छोटा सा बालक वहाँ , इतना बड़ा कमाल ।। भेज पूतना को वहाँ , पूछ रहा है हाल । कैसे करता है बता , ग्वाला वहाँ कमाल ।। जन्में आधी रात को .... जन्में आधी रात को , मथुरा में गोपाल । मातु देवकी छोड़कर , हुए नंद के लाल ।। ०७/०९/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #janmashtami जन्में आधी रात को , मथुरा में गोपाल । मातु देवकी छोड़कर , हुए नंद के लाल ।। जन्में आधी रात को ...
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की गोवर्धन के अगले दिन भाई दूज मनाई जाती है. यह भाई-बहन के प्रेम का त्योहार है जो कि बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. भाई-दूज के दिन भाई-बहन हर सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करते हैं. भाई दूज को यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की पौराणिक मान्यता है कि इस दिन बहन यमुना शादी के बाद भाई को घर बुलाती है तो भाई यमराज कार्तिक शुक्ल की द्वितीया को बहन के घर जाता है. खुशी में बहन भाई का खूब आदर-सत्तकार करती है. भाई के माथे पर तिलक कर उसकी लंबी आयु की कामना करती है. उसी दिन से हर साल ये त्योहार मनाया जाता है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से भाइयों और बहनों को जीवन भर यम का भय नहीं रहता. तिलक से पहले यम और यमुना की पूजा की जाती है. कथा पढ़ी-सुनी जाती है. इसके बाद यमुना जी की आरती उतारी जाती है..., आखिर में एक ही बात समझ आई की भाई दूज पर टीका करते समय बहन को भाई के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए:- गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।। बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की गोवर्धन के अगले दिन भाई दूज मनाई जाती है. यह भाई-बहन के प्रेम का त्योहार है जो कि बड़ी श्
Anil Siwach
Geetkar Niraj
शांत हुआ यमुना का पानी कृष्ण के पैरों को छूकर। फिर जल्दी आना प्रियतम प्यारे यमुना जी बोली रोकर। #geetkarniraj #यमुना #Janamashtmi2020