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YATRI यात्री
म त्यो सहर मा गय,जहाँ मेरो नाम को सिख्खा चल्दैन, म त्यो मनमा बस्ने प्रयास गरे,जहाँ मेरो नाम को दियो जल्दैन यात्री0 #दियो
NONNY
उम्मीद तो वैसे भी किसी से नही,बेशक तुभी हमे दुआ ना दियो लायक तो हम बद्दुआ के भी नही,पर तु हमे बद्दुआ ना दियो कुछ इस तरह से ले लियो तू,बदला अपने दिल ऐ दर्द का हम कितना ही तड़पे चिल्लाए,तू मुँह फेर लियो दवा ना दियो ना दियो।
प्रेरक नीर जैन
सुकून ही सुकून हैं , इस रात के सन्नाटे में ।। सिर्फ जलती हुई बत्तियां हैं , दूर दूर कोई इन्हें देखने वाला नही है ।। #बत्ती #poet_neer
Anita Najrubhai
मीन बत्ती कोभी आखिर मे ही पता चलता है की उसे उस धागे ने खत्म किया जिस कोवो सीने मे छुपा ये रखती थी । ©Anita Najrubhai मीन बत्ती #meltingdown
Rumaisa
दिखा ऐसा कुछ भागता साया जो अँधेरे के तरफ लुप्त हो रही थी निशान और ढांचे का तो अता पता नहीं मेरे सांसें जरूर तेज हो रखी थी तब तलक कोई धीमी सी आवाज मेरी कानो की ओर पहुंची जो अस्पष्टता की लफ्जों मे कैद थी मैं आगे ही बढ़ा, उसे सुनने को ये क्या स्ट्रीट लाइट की बत्ती धम्म से जा डूबी वहाँ पर मेरे सिवा, कोई और भी था जो मेरे शरीर के एकदम साये मे था मेरी फोन की घंटी बजना, और बत्ती जलना इत्तफाक ही था__ ©Rumaisa #horror #बत्ती #eksham
Ganesh Din Pal
कई बार गलतफहमी से रिश्ते बिखर जाते हैं। पल-पल जोड़कर बनाए रिश्ते टूट जाते हैं। कभी आवेश में तो कभी ईर्ष्या में रिश्ते बिगड़ जाते हैं। बात समझते नहीं बातों का बतंगड़ कर जाते हैं। तै बड़ी की मैं बड़ी में रिश्ते झुलस जाते हैं। आंख से देखें बिन और कान से सुने बिन विश्वास कर जाते हैं। पता नहीं क्यों लोग एक झटके में प्यार भरे दिल को तोड़ जाते हैं। दीवार अपनों में दीवार परिवारों में बिना सोचे समझे कर जाते हैं। परिवार को चूल्हा समझ लकड़ी लगा जाते हैं। मुद्दतों से सिल-सिल कर बनाए रिश्ते को उघाड़ जाते हैं। कान नहीं टोते कौवा खदेरे जाते हैं। कई बार गलतफहमी से रिश्ते बिखर जाते हैं। ©Ganesh Din Pal #दीमाग की बत्ती जलाओ
Avni R Lahariya
जो जवाब मुझे लड़ाई के बाद याद आते हैं वो अगर पहले याद आ जाये तो सामने वाला बेहोश ही हो जाये। 🤣😂😅 ©Asha Rokade (avni) #दिमाग#कि#बत्ती😜
Sanjeev Jha
फटी चादर बदलनी है नयी चादर बिछानी है घर की रौनक बुलानी है चले आओ चले आओ फटी ढिबरी बुझानी है नयी बत्ती जलानी है रोशनी को जीतानी है चले आओ चले आओ ©संजीव #चादर #रोशनी #ढिबरी #बत्ती #Books
Sabina Rai
म पनि यो मम बत्ति जस्तोइ हो।राम्रोलाई रोशनी दिन्छु,नराम्रोलाई जलाई दिन्छु,ज्स्तोइ कमजोर यो सानो मम बत्तिको आकर हुन्छ,तैपनि यस्को प्रकाशले अँधकारमा उज्ज्वल दिन्छ भने यस्तोइ कमजोर शरीर छ मेरो अनि यस्को प्रकाश झै मेरो मन,जस्ले सबैलाई अटुट असिम प्रेम दिनु सक्छ अनि थाहाई नपाइ यो मम बत्तिझै कुन छँड यो संसारबाटै बिलाई दिन्छु। म अनि यो मम बत्ती....