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Ombir Kajal
सुण एक बै आजा, बस एक बै आजा, लड़ण आजा,भिडण आजा, मनै फेर सताण आजा, तू मेरी कदे हो नी सकती, बस न्यूं बताण आजा । आजा फेर दोनों जणे, इकट्ठे बैठ कै खावांगे किते, मैं तेरा और तू मेरा, चल टिफिन खाण आजा । रै मनै ईब फेर बात बात पै, गाली देण की आदत पड़गी, तू बणकै मास्टरणी मनै ढंग तै,बोलणा सिखाण आजा । मैं तेरेै छत के जाले, दिखाण के बहाने पप्पी करूंगा, तू फेर थोड़ा सा हंस केै, मनै आंख दिखाण आजा । चल छोड़,मैं तेरै हाथ भी कोनी लाऊंगा,तेरे तै पूछेै बिना, बस तू न्यू ए धौरै बैठ कै, बतलाण आजा । 'ओमबीर काजल' दिन ब्होत हो लिए, हमनेै बिछडयां नै, आंख्या में अांसू भरकै नै, मनेै गले लगाण आजा । सुण एक बै आजा, बस एक बै आजा। 😥😥😥 Ombir Kajal ©Ombir Kajal एक बै आजा
Kuldeep Shrivastava
🌸🌸 बड़ी नादानी से पूछा उसने क्या अच्छा लगता है आप को,,,,, मैने धीरे से कह दिया आप की एक झलक,,,,, 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Kuldeep Shrivastava एक झलक
kareem malik
हमे तन्हाइयों में यूं तो क्या क्या याद आता है मगर सच पूछिए तो एक चेहरा याद आता है kareem malik एक झलक
Haq_se_sayari
जो छिपे थे किरदार वो एक झलक में ना पहचाने मेरे लिए वो जान थे और हम थे अनजाने कैसी मोहब्बत थी ये मेरी ना हम जाने और ना वो जाने :- manish choudhary एक #झलक
Jay Krishan Kumar
एक झलक' तेरी एक झलक पाने को , ना जानें मैं कितने जतन करता हूँ । ढूंढता हूँ तुम्हें कभी , बागों में,कलियों में और बहारों में सभी । रात की निःशब्द ख्वाबों में ही नहीं , दिन के अनंत ऊजियारो में भी । ढूंढता हूँ तुम्हें अपने यादों में ही नहीं , जमाने की हर मूरत में भी । पर तुम हो कहां , क्यों मिलती नहीं हो कहीं । नहीं मालूम तुझे खामोश जज्बाते मेरी , किस कदर अपनी बेचारगी पर रोता है । सच कहता हूँ , ऐ हमनवा मेरे । तेरी एक झलक पाने को , ना जानें मैं कितने जतन मैं करता हूँ ॥ एक झलक
Nilam Agarwalla
एक झलक' पल भर के लिए ही सही मेरी जिन्दगी में आ जाओ। रह जाए जो याद बनकर कुछ ऐसा कमाल दिखा जाओ। जानती हूं,नहीं मेरे नसीब में मधुमास का सुख पलभर के लिए ही सही पतझड़ को हटा जाओ। गिले शिकवों की दीवार तोड़ रश्मों कसमों के बंधन छोड़ शमे नजर बुझने से पहले एक झलक ही दिखला जाओ। #एक झलक
divya Yadav
एक झलक' उसकी एक झलक ने इस कदर बना लिया, मानो मै खुद की न होकर उस वजूद को समा लिया! एक झलक......
Tr. Kajal Parmar
एक झलक' एक झलक पाने को हम तरसे जा रहे है, और एक वो है कम्बख़त जो, ईद का चांद हुए जा रहे है। #एक #झलक