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Nurul Shabd

Tripurari Pandey

सत्य वचन

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Unsplash पड़ोसी से ज्यादा कोई हमदर्द नहीं होता ।
पड़ोसी से ज्यादा कोई सरदर्द नहीं होता ।

©Tripurari Pandey सत्य वचन

Raj kumar (digital creator)

बुद्ध का प्रेरक वचन 🌸 #Motivational

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Raj kumar (digital creator)

बुद्ध का प्रेरक वचन 🌸 #Motivational मोटिवेशनल कोट्स

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Shashi Bhushan Mishra

#दीप जलता है सदन में#

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दीप जलता है सदन में,
अंधेरा है व्याप्त मन में,

चलाता है श्वास सबका,
वही रक्षक  है  भुवन में,

प्रेम और विश्वास से ही,
प्रकट होते  ईश क्षण में,

कर रहे  गुणगान  सारे,
धरा से लेकर  गगन में,

सिंधु से जलश्रोत लेता,
वही भरता नीर घन में,

जागता है साथ हरपल,
साथ रहता है  सयन में,

हृदय में है व्याप्त गुंजन,
बसा ले उसको नयन में,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #दीप जलता है सदन में#

Ghanshyam Ratre

सत्य वचन हिंदी छोटे सुविचार

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शक,भ्रम, ईष्र्या, द्वेष,अहंकार और पर की अहित करने वाले मनुष्य हमेशा दुखों से ग्रस्त रहता है।

©Ghanshyam Ratre सत्य वचन  हिंदी छोटे सुविचार

Praveen Jain "पल्लव"

#Likho रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है

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पल्लव की डायरी
रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है
व्यवस्था सब कराहती है
रोजगार व्यापार सब ठप्प
महँगाई सुरसा जैसी बढ़ती जाती है
चुनाव जीतना ही कामयाबी लोकतंत्र की
पाप सियासतों के सब छिपाती है
पौधे सब मुरझा रही,युवा बनकर
भविष्य अपना तय नही कर पा रही है
दखल राजनीतिक चहुँ और बढ़ गया
आमजनों का जीवन दुष्वार हो रहा है

©Praveen Jain "पल्लव" #Likho रेवड़ियों में लोकतंत्र फ़ँसा है

नवनीत ठाकुर

ना क्या जादू है बेगाने में

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वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने,
सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में।
अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा,
ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में।

मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में,
अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में।
खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में,
अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में।

जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे,
जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में।
सवाल हजारों हैं दिल के आईने में,
बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में।

गुज़री हुई बातों की सदा आती है,
जैसे कोई पुकार हो वीराने में।
जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं,
ना जाने क्या जादू है बेगाने में।

©नवनीत ठाकुर ना क्या जादू है बेगाने में

नवनीत ठाकुर

#हर दिल में बसता हिंदुस्तान है

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हिमालय की ऊँचाई से, गंगा की पावन धार,
थार के रेगिस्तान में, रेत का अद्भुत संसार।
केदारनाथ-बद्रीनाथ की भूमि का आशीर्वाद,
अमरनाथ के मेले में उमड़ी श्रद्धा की याद।
काशी की दीयों वाली दिवाली, प्रेम की सौगात,
अमृतसर के लंगर में, भक्ति की होती बात।
ब्रज की होली में रंगों का मस्ती भरा शोर,
दुर्गा पूजा की रौनक से सजा कोलकाता का हर छोर।
पुष्कर का मेला और कुंभ का स्नान,
बैसाखी, लोहड़ी, पोंगल, बसा सबका सम्मान।
हर पर्व में झलके संस्कृति का एक ताज,
इस विविधता पर हर दिल को है नाज़।
तमिल में मिठास, संस्कारों का मान,
बंगाली की पूजा, भक्ति का वरदान।
मराठी की जय-जयकार, बाप्पा का सजीला रूप,
पंजाबी लोहड़ी की धुन, संग खुशियों की धूप।
भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, सबका सुंदर संगम,
बिहू की थाप पे थिरके असमिया मन का रंगम।
गरबा, घूमर, लावणी से सजी ये धरती महान,
इस विविधता में एकता, यही है हिंदुस्तान।
त्योहार, मेला, भाषा-नृत्य, सब है भारत की शान,
संस्कृति के हर रंग में बसता ये हिंदुस्तान।

©नवनीत ठाकुर #हर दिल में बसता हिंदुस्तान है

Harshit Rajasthani Official

समझ में आ रहा है

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