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शुभम कुमार गौतम
#Pehlealfaaz रुक गया है या वो चल रहा है हमको सबकुछ पता चल रहा है उसने शादी भी की है किसी से और गावँ में क्या चल रहा है। #शायरी #कविता कोश #hindi love
Praddip
कौन कहता है कि मैं अकेला महसूस कर रहा हूँ, मेरे साथ वह ठण्डी हवा चल रहा है... खुला आश्मा बाहें फैलाये पुकार रहे है.... और खूदको मैं निछावर कर दिया मिठा एहसास मे.।. #कविता#एहसास
Vinay Shukla
बहुत हैं चाहने वाले तेरे सब ओर से खुशियां आती होगी दिन जब शाम को ढलता होगा तब याद हमारी आती होगी शायद रहती हो मशगूल बहुत तुम घर में अपने रिश्तों में मम्मी - पापा , चाचा - चाची भैया - भाभी के किस्सों में सुना है एक बच्ची भी है उसपर भी प्यार लुटाती होगी देख किचेन में चाय की प्याली तो याद हमारी आती होगी जब घर में कोई आता होगा तुझे देख शर्माता होगा जब दौड़ किचन में जाती होगी प्यार से चाय बनाती होगी देकर चाय की प्याली उसको जल्दी से हट जाती होगी फिर नखरे जब वो बनाता होगा तब याद हमारी आती होगी शहर से जब तुम गाव को जाती ;रजनी; सी वो सखियां बुलाती बैठ नीम के पेड़ के नीचे जब तुम हाले दिल हो सुनाती शहर की जब वो यांदे तुमको गाव में भी तड़पाती होगी सात बजे जब फोन हो बजता तब याद हमारी आती होगी देख गुलाबी कपड़ों को अपनी पसंद बताती होगी कदमताल से अपने जब कमरे दर कमरे जाती होगी मंगलवार का व्रत कोई कर जब सामने उसके आता होगा वो घर के मंदिर देख देख बार बार इतराती होगी दिन ढलता है शाम को जब तब याद हमारी आती होगी विनय शुक्ला एहसास #कविता
परिंदा
रोज़ मेरी आँखें तेरी खुमारी में खुलती हैं हर सुबह तेरे ही ख्याल से होती है तेरा रोशन चेहरा मेरे जीने का ताबीज़ हुआ हर सांस पर तेरी ही उम्मीद लिखी होती है ©परिंदा #परिंदा #कविता #एहसास
Pankaj Sharma
हर एक पन्ने में तुझे पढ़ना चाहूँ प्यार के मोतियों में तुझे गढ़ना चाहूँ तु क्या जाने मेरे दिल का हाल साथी कभी- आ मेरे निगाहों के आस -पास तुझे एक टक देखना चाहूँ #हिंदी कविता #एहसास
Saurav K. Jha
एहसास और शब्द मेरे एहसासों और शब्दों में कभी-कभी बनती नहीं। फिर भी, अपने एहसासों और शब्दों से खेलते-खेलते मैं ऐसी जगह पर पहुंच जाता हुँ... जहाँ शब्द हार जाते हैं, और एहसास, शब्दों को छोड़कर काफी आगे बढ़ जाती है। और फिर उस एहसास को जाहिर करने के लिए - लिहाजा मेरे पास शब्द नहीं होते। उस वक्त एहसास इतराते हुए बोलती है : "लो! अब तुम किसी को क्या बताओगे... इस एहसासों के शुन्य में ही उलझ के रह जाओगे।" मैं थोड़ा बेचैन जरूर होता हूँ... मगर अपने ही मंजर पर बेशर्मों की तरह मुस्कुरा देता हूँ, और फिर! एहसास मुझसे हार जाती है। #कविता #एहसास #शब्द