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RAVI PRAKASH
White जिंदगी मे कभी कभी बहोत कुछ एक साथ बिखर जाता है रिश्ते भी, सपने भी, और कुछ अपने भी... ©RAVI PRAKASH #GoodMorning जिंदगी मे कभी कभी बहोत
#GoodMorning जिंदगी मे कभी कभी बहोत
read moreSarfaraj idrishi
उत्तर प्रदेश की विधानसभा मे 35 मुस्लिम विधायक होने का क्या फ़ायदा...? किसी मे हिम्मत नहीं हुई की आज विधानसभा मे खड़े होकर योगी के असंवैधानिक बयान का पुरजोर तरीके से विरोध ही नहीं वहीं धरने पर बैठ जाता 🥺 ©Sarfaraj idrishi उत्तर प्रदेश की विधानसभा मे 35 मुस्लिम विधायक होने का क्या फ़ायदा...? किसी मे हिम्मत नहीं हुई की आज विधानसभा मे खड़े होकर योगी के असंवैधानि
उत्तर प्रदेश की विधानसभा मे 35 मुस्लिम विधायक होने का क्या फ़ायदा...? किसी मे हिम्मत नहीं हुई की आज विधानसभा मे खड़े होकर योगी के असंवैधानि
read moreदक्ष आर्यन
White बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है तेरी साँसे क़र्ज़दार है इस वक़्त की साँसे छीनने और चुराने का इस वक़्त का गोरखधंधा है बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है जाने कब ये वक़्त छीन लेगा तुझसे ये साँसे तुम्हारी जाने कितना क़र्ज़ है तेरे सर पर इतिहास गवाह है इस बात का चुकाया है ये क़र्ज़ सब ने ही मर कर इसलिए तो मौत का भाव बड़ा मंदा है बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है ©दक्ष आर्यन बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है तेरी साँसे क़र्ज़दार है इस वक़्त की साँसे छीनने और चुराने का इस वक़्त का
बड़ी ग़फ़लत मे है की तू ज़िंदा है तेरे सीने मे जो साँसे है वो चुनिंदा है तेरी साँसे क़र्ज़दार है इस वक़्त की साँसे छीनने और चुराने का इस वक़्त का
read moregauranshi chauhan
White day - 467 दिल की चाहत दिल मे ही रह गयी, ल्फ्ज़ जहिर ही नही कर पाये ।। ©gauranshi chauhan #Thinking दिल की चाहत दिल मे ही रह गयी, ल्फ्ज़ जहिर ही नही कर पाये ।।
#Thinking दिल की चाहत दिल मे ही रह गयी, ल्फ्ज़ जहिर ही नही कर पाये ।।
read moreParasram Arora
White मेरे नाम को याद रख कर क्या करोगे अच्छा तो यही होगाकि मुझे तुमअपने दिल मे बसा कर देख को हा...अगर दिल तुम्हारा कमज़ोर है . तो तुम मुझे अपनी निगाहो मे बसा कर देख लो ©Parasram Arora दिल मे बसा कर देख लो
दिल मे बसा कर देख लो
read moreParasram Arora
White मेरी बेखुदी मे भटकता रहा मेरा खुदा न जाने कहा कहा मै उसे खोजता रहा सबज़ बगिचो मे लेकिन . मुझे वो दिखा बंजर रेगिस्तान के उजड़े हुए बिहदो मे r ©Parasram Arora मेरी बेखुदी मे
मेरी बेखुदी मे
read moreranjit Kumar rathour
कितना सही कितना गलत इसका हिसाब क्या करना आज के आज़ जीना कल को क्यों मरना जो अतीत को झाकूंगा तो रोना आएगा भविष्य कि सोचूँ तो और भी डराएगा वर्तमान थोड़ा ख़ुशी देता उसे क्यों न संभालू इसीलिए आज़ मे जी रहा हुँ हा थोड़ा थोड़ा ही सही दिल ने दी इज़ाज़त तो हल्का हल्का सा जाम किसी के नाम का उसके हा उसके लबों से आहिस्ता आहिस्ता पी रहा हुँ हा पी रहा हुँ अच्छा है आज़ मे जी रहा हुँ ©ranjit Kumar rathour आज़ मे जी रहा हुँ
आज़ मे जी रहा हुँ
read moreranjit Kumar rathour
सर्द मौसम मे भी एक गरमाहट सी है जो बाऱ बार एहसास कराती है कि कोई है जो तुम्हे यादो का लिहाफ ओढ़े याद कर रहा है और फिर लगता कि शायद वो यही कही पास ही है मेरे करीब और करीब हा बिल्कुल करीब ©ranjit Kumar rathour और करीब सर्द मौसम मे
और करीब सर्द मौसम मे
read moreParasram Arora
Unsplash जीवंन के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ और बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ ©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे
जिवंन के विकास क्रम मे
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