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N S Yadav GoldMine
Google {Bolo Ji Radhey Radhey} नाजुक होता है:-मन, जो बातो से, गलत इरादों से, गलत वादों से, गलत व्यवहार से बहुत दुःख पाता है, इसकी दवा खुद के पास व सामने वाले के पास होती है, इलाज करो और अभी करो। जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey} नाजुक होता है:-मन, जो बातो से, गलत इरादों से, गलत वादों से, गलत व्यवहार से बहुत दुःख पाता है, इसकी दवा खुद के पास व
{Bolo Ji Radhey Radhey} नाजुक होता है:-मन, जो बातो से, गलत इरादों से, गलत वादों से, गलत व्यवहार से बहुत दुःख पाता है, इसकी दवा खुद के पास व
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
read moreAnjali Singhal
"बड़ी मुश्किल में ही पड़ जाती है जान, करने से भी नहीं हो पाता जब कोई काम। ज़रूरतें पूरी करने में अधूरा रह जाता इंसान, ज़िन्दगी बनकर रह जाती
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ शिख लेता है, पर ज्ञानी होने का अभिमान नहीं करना चाहिए, ज्ञानी होने के अभिमान से व्यक्ति का मान-सम्मान जल्दी खत्म हो जाता है, उसके बाद यह उसको बहुत तकलीफ देता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Book {Bolo Ji Radhey Radhey} मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ शिख लेता है, पर ज्ञ
#Book {Bolo Ji Radhey Radhey} मूर्ख व्यक्ति ज्ञानीयो से कुछ भी नही सीख पाता, लेकिन ज्ञानी व्यक्ति मूर्खों से भी बहुत कुछ शिख लेता है, पर ज्ञ
read moreRakesh frnds4ever
White जाने क्यों कुछ कह नहीं पाता हूं या फिर कहते कहते रुक जाता हूं,सहम जाता हूं खामोश ही रह जाता हूं ,,,,,,, क्योंकि कुछ भी कहने सुनने को आवाज़ के अलावा दिल, तन ,मन,,चित, चाह,इच्छा,, लोभ,मोह,स्नेह,लगाव, समर्पण,अपनापन,भोलापन, सादगी,नादानी,प्यार, मनोदशा, मनोभाव, विचार, व्यवहार, चरित्र, नियत,जरूरत ,,,,,,,,,,,,, आदि सब किसी का होना भी जरूरी होता है।।। ©Rakesh frnds4ever #जाने_क्यों… कुछ कह नहीं पाता हूं या फिर कहते कहते रुक जाता हूं, #सहम जाता हूं #खामोश ही रह जाता हूं ,,,,,,, क्योंकि कुछ भी कहने सुनने
puja udeshi
एक औरत घर तब छोड़ती हैं जब उसके आत्मसम्मान क़ो ठेस पहुँचती हैं वो बच्ची के साथ वो घर छोड देती हैं खुद आत्म निर्भर बनने वो दुबारा घर भी नहीं बसाती बच्ची की देखभाल और carrier की खातिर कठिन मेहनत करती हैं मर्द समाज क़ो देखता हैं पर औरत के प्यार क़ो नहीं पहचान पाता हाथ उठा कर मर्द बनता हैं ऐसे मर्द एकाकी जीवन जीते हैं.... ©puja udeshi एक औरत घर तब छोड़ती हैं जब उसके आत्मसम्मान क़ो ठेस पहुँचती हैं वो बच्ची के साथ वो घर छोड देती हैं खुद आत्म निर्भर बनने वो दुबारा घर भी नहीं
एक औरत घर तब छोड़ती हैं जब उसके आत्मसम्मान क़ो ठेस पहुँचती हैं वो बच्ची के साथ वो घर छोड देती हैं खुद आत्म निर्भर बनने वो दुबारा घर भी नहीं
read moreRakesh frnds4ever
White ताउम्र मलाल रहेगा मुझे कि क्यों न मुझमें १% ही सही मक्कारी,,,चालाकी,,बेईमानी होती तो कम से कम उसका दिखावा करके ही सही मगर कुछ कलियुगी दुनिया जैसा खुद का रंग ढंग,, हुलिया,, ही बना पाता,,... ©Rakesh frnds4ever #ताउम्र #मलाल रहेगा मुझे कि क्यों न मुझमें १% ही सही #मक्कारी ,,चालाकी,,बेईमानी होती,,,,तो कम से कम उसका #दिखावा करके ही सही मगर कुछ #क
seema patidar
White तुम्हें क्या हुआ? कुछ नही! ये कुछ नहीं कितना छोटा वाक्य है पर ये बहुत विशाल है किसी का कुछ नही विशाल है तो सिर्फ एक सुनने, समझने वाले व्यक्ति के लिए किसी का कुछ नहीं विशाल है तो सिर्फ एक परम मित्र के लिए ये कुछ नहीं तो आसान जरिया है पुनः अपने दुख को न कुरेदने का इस कुछ नही को समझने का पूर्ण हक है तो सिर्फ एक परम मित्र का जो मरहम है इस कुछ नहीं का । ©seema patidar क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
read moreAnukaran
White लोग कहते हैं फर्क पड़ता है क्या? जी हाँ ज़नाब फर्क पड़ता है, चाहे वो रिश्ता इंसानियत का हो या दोस्ती का, जब वो कभी मुश्किल में हो, वो भी अपने आप को वही पाता है, सच्चा दोस्त उसे, उस मुश्किल की निकालने के लिये जी तोड़ कोशिश करता है, उस मुश्किल भरे पल को अपने अंदर महशूस करता है। और आप ज़नाब कहते हैं फर्क पड़ता है क्या? हाँ बहुत फर्क पड़ता है। ©Anukaran #good_night लोग कहते हैं फर्क पड़ता है क्या? जी हाँ ज़नाब फर्क पड़ता है, चाहे वो रिश्ता इंसानियत का हो या दोस्ती का, जब वो कभी मुश्किल में हो,
#good_night लोग कहते हैं फर्क पड़ता है क्या? जी हाँ ज़नाब फर्क पड़ता है, चाहे वो रिश्ता इंसानियत का हो या दोस्ती का, जब वो कभी मुश्किल में हो,
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