Find the Latest Status about फसली वर्ष किसे कहते है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फसली वर्ष किसे कहते है.
Naushad bin Sharif
डर इसे कहते हैं ©Naushad bin Sharif दर किसे कहते हैं जब लोग तुमसे डरे और सारी दुनिया के लोग एक हो जाएं
दर किसे कहते हैं जब लोग तुमसे डरे और सारी दुनिया के लोग एक हो जाएं
read more- Arun Aarya
इस ग़लती को ग़लती नहीं कहते , बेवफाई को ज़िंदगी नहीं कहते ! मैंने जीवन के आड़ पे मौत माँगी है ,, अफ़सोस की इसे खुदखुशी नहीं कहते..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #ManKeUjaale #खुदखुशी नहीं कहते
#ManKeUjaale #खुदखुशी नहीं कहते
read moreRadhe Radhe
बहुत खाश हो मेरे लिए पर तुम कहते क्यो नही माना कृष्ण राधा से विदह लेगी फिर भी तुम कहते क्यू नही जय श्री राधे ©Radhe Radhe कहते क्यू नही
कहते क्यू नही
read moreAnuj Ray
New Year 2025 नरूटो परिवार के सभी मित्रों को इंग्लिश नव वर्ष की बहुत-बहुत बधाई शुभकामनाएं अभिनंदन ©Anuj Ray #Newyear2025 इंग्लिश नव वर्ष की बधाई अभिनंदन
#Newyear2025 इंग्लिश नव वर्ष की बधाई अभिनंदन
read moreNeema Pawal
New Year 2025 फिर वक्त में करवट ली , और नए साल का, हुआ शुभ आगमन, देते आपको, ढेरों शुभकामनाएं, खुशियों से भरा, हो आपका जीवन। ©Neema Pawal #Newyear2025 नव वर्ष की शुभकामनाएं।
#Newyear2025 नव वर्ष की शुभकामनाएं।
read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
New Year 2025 दोहे :-- नव वर्ष केसर रोली अक्षत से, सजा लिया है थाल। तिलक करूं में हर्ष से, नये साल के भाल। ©Dr. Bhagwan Sahay Meena नव वर्ष
नव वर्ष
read moreभारती वर्मा
White आशाओं की किरणों को एक बार फिर से संजों कर, चलो करते हैं अभिनंदन नव वर्ष का| तिमिरमयी इस जीवन में, हो आगमन प्रकाश का, चलो इस अभिलाषा के ही साथ करते हैं अभिनंदन नव वर्ष का| दुःख और दरिद्रता का हो अंत जहाँ, सभी के स्वपन हो साकार जहाँ, एक ऐसे संसार की कल्पना के साथ, चलो करते हैं अभिनंदन नववर्ष का| ©भारती वर्मा # नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
# नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
read moreराकेश कुमार
New Year 2024-25 हैं कुशलपूर्वक भलीभांति, जीवन सुखपूर्ण हमारा है। आशा है आप कुशल होंगें, निश्चय अनुमान हमारा है।। ©राकेश कुमार #नया वर्ष मंगलमय हो।
#नया वर्ष मंगलमय हो।
read moreArvind Rao
White आखिर, ये कैसा नव वर्ष है ना बदली, दिशाएँ हवा की, ना बदली, रंगत फिज़ा की नए गुल भी तो, खिले नहीं, नक्षत्र जगह से, हिले नहीं ना धरा को ही, हुआ हर्ष है, आखिर, ये कैसा नव वर्ष है छोड़ कर, दिनकर का साथ, तिथी बदल ली, आधी रात ना दिखे, प्रकृति में बदलाव, ना ही बदले, मौसम के भाव जारी धरा का, सूर्य से कर्ष है, आखिर ये, कैसा नव वर्ष है देखो कभी नववर्ष, सनातनी, खिल जाती है, जब अवनी जब महक, चहुँओर बिखरती, प्रकृती भी, फिर से सँवरती होता जब, मन का उत्कर्ष है, ऐ "अश्क" वो मेरा नव वर्ष है बस वही मेरा नव वर्ष है अरविन्द "अश्क" ©Arvind Rao #नव वर्ष
#नव वर्ष
read moreRUPESH Kr SINHA
............................. ©RUPESH Kr SINHA #घट गये जीवन का एक वर्ष
#घट गये जीवन का एक वर्ष
read more