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Shashi Bhushan Mishra
अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का, समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, बस यही तरक़ीब है दुनिया भुलाने का, मिला खेवनहार दरिया पार कर लूँगा, ज़िस्म में ताकत नहीं गोता लगाने का, पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का, जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, बांसुरी की तान पर झूला झुलाने का, ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, हृदय है प्यासा उसे पानी पिलाने का, बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन', मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra #दीपक जलाने का#
Mishra Ji
White चंद्र के समान जाको मोहड़ो चमक रह्यो भानु ते हु जादा तेज नैनन समायो है अंग अंग में सुगंध चंदन सी भर रही मंद मंद मुसकाय मन भरमायो है सीस पे विराज रह्यो मोर पंख सुंदर सो जाकी छवि देख कामदेवहू लजायो है सुंदर सुकोमल सो सांवरो कन्हैया मेरो जाको रौद्र रूप देख काल घबरायो है रोहित मिश्र ©Mishra Ji #Krishna जी
Shippu Kumar
White विजई विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा हम हैं देशवासी ©Shippu Kumar हेलो जी
हेलो जी #लव
read moreRamesh Sharma
इक चादर ओढ़ रक्खी है मैंने, इस पहर की ठण्ड में... वो दिन भी क्या खूब गुज़रे, जब कुनकुनी धूप की तमस हुआ करती थी, तुम्हारे पहलु में... ©Ramesh Sharma तुम जी...
तुम जी... #Quotes
read moreSAKSHI JAIN
आपका प्यार बरसो बाद खोली ,जब मैने एक किताब पाया मैंने आपका, दिया हुआ गुलाब मन-मुग्ध होकर देखने लगी मैं ख्वाब क्योकि सूखे हुए गुलाब में,आज भी बरकरार है आपका प्यार कर बैठी खुद से खुद अनेको bसवाल कितने मिलते - जुलते थे हमारे ख्याल कुछ कमियां होती तो आप लेते थे संभाल क्योंकि सूखे हुए गुलाब में,आज भी बरकरार है आपका प्यार प्यार भी तो करते थे ,हम आपसे बेसुमार जुड़े हुए भी थे दिल से दिल के तार काश कर देती मैं आपसे प्यार का इज़्हार क्योंकि सूखे हुए गुलाब में, आज भी बरकार आपका प्यार आँखे नम हुयी बन्द कर दी मैने किताब रख दिया किताब में आपका दिया हुआ गुलाब ताउम्र करती रहूगी मैं निः स्वार्थ प्यार जनाब क्योंकि सूखे हुए गुलाब में आज भी बरकरार है आपका प्यार। ©SAKSHI JAIN #sandeep जी
Golu kumar Golu
आपसे कुछ ना कुछ पाना तो सारी दुनिया चहती है... पर... मां के अलावा जो आपके लिए सब कुछ खाने के लिए तैयार रहे उसे ही... " पिता" कहते हैं... ©Golu kumar Golu पिता जी
पिता जी #Shayari
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