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Vishal Shah
Anubha "Aashna"
कुछ रिश्ते नामों के मोहताज नहीं होते, परे होते हैं बंधनों के, जो परे होते हैं समय की हर कसौटी के, रिश्ते जिन्हें निभाया नहीं जाता, निभाया जा ही नहीं सकता.. ऐसे रिश्ते जिन्हें जिया जाता है, रिश्ते जो आज़ाद होते हैं मन की तरह.. और साथ रहते हैं धड़कन बनकर आखरी साँस तक.. रिश्ते जो जिए जाते हैं साथ रहकर, दूर होकर, यादें संजो कर.. रिश्ते जो चले आते है लबों पर मुस्कान की तरह खुशी की निशानी बनकर.. रिश्ते जो बसते हैं रूह में.. ऐसा ही रूहानी रिश्ता देने के लिए शुक्रिया.. ©Anubha "Aashna" आपके दिल से निकलने वाली हर दुआ कुबूल हो, उसकी नेमतें इतनी हो की अल्फाज़ शुक्रिया अता न कर सकें। जन्मदिन मुबारक साहिब..❤️
RAJ KP
तुमसे ही इश्क़ करने की इजाज़त है मुझे, वरना इबादत भी कुबूल नहीं, तेरे सिवा किसी की। ©RAJ KP तुमसे ही इश्क़ करने की इजाज़त है मुझे, वरना इबादत भी कुबूल नहीं, तेरे सिवा किसी की। #Feel_the_words #pyar_ka_ehsaas
koko_ki_shayri
White इश्क़ तेरा-मेरा जवाँ होगा, मुक्कमल जब भी होगा! हमें इंतज़ार हैं तेरा, तू मुझे कब कुबूल होगा!! ©koko_ki_shayri #तू मुझे कुबूल होगा...😍😍
Dr Wasim Raja
Negi Girl Kammu
प्रेम त्याग है, तप है और साधना है। प्रेम निस्वार्थ भाव से की गई आराधना है। प्रेम राग है, रंग है और रूप है। प्रेम दो अंजाने अजनबियों का एक स्वरूप है। प्रेम मन का मन से मिलन है। प्रेम दो आत्माओं का संगम है। प्रेम सुर है , ताल है और झंकार है। यह प्रेमी और प्रेमिका के जीवन जीने का आधार है। प्रेम व्यक्ति के मनोभाव और मनोस्थिति है। प्रेम त्याग है, तप है और साधना है। प्रेम निस्वार्थ भाव से की गई आराधना है।। ©Negi Girl Kammu प्रेम त्याग है तप है।
Ashvani Kumar
सारी बगावते कुबूल है तेरी बस मोहब्बत मे मिलावट ना करना. ©Ashvani Kumar सारी बगावते कुबूल हैं
अभय राजपूत बीजेपी
लखन राजपूत बीजेपी ©अभय राजपूत बीजेपी जिदंगी है तो हम है
#शून्य राणा
वफ़ा घूमती रही जंजीर हाथ में लेकर ,,पर मैने गुलामी,, बस शराब की कुबूल की ।। # बहुत खुश है वो शक्श , बिकाऊ इश्क तेरा खैरात में लेकर ,, और मैंने नीलामी ,,,बस शराब की कुबूल की ।। # बिना दर्द ,,बगैर किसी दुख के मिस्रों से बहुत मिली मुझे दात ए तब्बजो,,पर मैने सलामी ,,बस शराब की कुबूल की ।। # हुसन रखता रहा उम्मीदें कभी गजल लिखूं उसपर 😂😂😂😂😂,पर कलम ने कलामी,,बस शराब की कुबूल की ।। # मेरी कोशिशों में बह गए ,,मेरे नाम से मिलते जुलते ,,तेरे नाम के वो तीन हर्फ (राणा ),,हां मैंने नाकामी ,बस शराब की कुबूल की ।। # बिन शराब मैं उसूलों से बेहकता हूं,, राहों से भटकता जाता हूं,,,बस सीधे चलने के लिए ,,मैने सेहगामी ,,बस शराब की कुबूल की ।। # ©#शुन्य राणा #शराब #गुलामी बस शराब की कुबूल की ।शिवम् सिंह भूमि Sircastic Saurabh shraddha ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक Haal E Dil