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F M POETRY
Unsplash दर्द देने कि उनकी आदत है.. हाँ मगर बेपनाह मुहब्बत है.. रोते रहते हैं वो पश-ए-दीदार.. इस तरह उनको हमसे चाहत है.. यूसुफ़ आर खान.. ©F M POETRY #इस तरह उनको हमसे चाहत है...
#इस तरह उनको हमसे चाहत है...
read moreनवनीत ठाकुर
हर चेहरा नया है, मगर दर्द वही है, दिल के किसी कोने में, दबी आवाज़ वही है। किरदार बदलते गए, पर कहानी वही है, साँसें बदल रहीं हैं, पर धड़कन की राग वही है। हर रास्ता अलग है, फिर भी सफर वही है, जो खुशी थी कभी, आज उसकी कसक वही है। आसमान बदलता है, मगर रंग वही हैं, सितारे टूटते हैं, पर अरमान वही हैं। रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये नाटक, बस परछाईं वही है। दिल की ज़ुबां पर सवालों का शोर वही है, ज़िंदगी के हर मोड़ पर, सन्नाटा घना वही है। वक्त ने हर चीज़ को बदला, पर जख्म पुराने वही हैं, वो बातें जो छूट गईं थीं, अफसाने वही हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
#नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं... आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं.. आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read moreShubham Bhardwaj
White तेरी चाहत में हम,दर दर भटक रहे हैं। कैसा है यह जुनून, नजरों में खुद ही खटक रहे हैं।। ©Shubham Bhardwaj #sad_quotes #चाहत
Shashi Bhushan Mishra
बे-दखल चाहत हुई है, भावना आहत हुई है, प्रेम का मरहम लगाया, तब कहीं राहत हुई है, बेवज़ह बेचैन हो मन, समझ लो उल्फ़त हुई है, देखता हरबार मुड़कर, जब कोई आहट हुई है, ध्यान में बैठे हो जबसे, फिर कहां फ़ुर्सत हुई है, हो मनोरथ सिद्ध अपना, ऐसी कब किस्मत हुई है, मुस्कुराकर भूल जाना, अपनी तो आदत हुई है, याद तड़पाती है 'गुंजन', घर गये मुद्दत हुई है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#
#बे-दखल चाहत हुई है#
read moreKK क्षत्राणी
जो दिखती हू वही बन जाऊ या जेसी मे हू वही बनी रहु दोनों ही सुरत मे हम ने खुद को खुद का आईना बना लिया... ©KK क्षत्राणी जान लो खुद को वही जिंदगी है
जान लो खुद को वही जिंदगी है
read moreनवनीत ठाकुर
कभी जो अनुभव हुआ, वही आदत बन जाती है, सपनों के पीछे भागते, एक नयी राह बन जाती है। जो देखा या सुना, वही भविष्य का ख्वाब बन जाता है, इन्हीं ख्वाहिशों के साथ, हर कदम उलझ जाता है। भावनाओं से न तुम, अब कामनाओं से बह रहे हो, जिन्दगी के रास्ते में, बस ख्वाबों के ही साये में रह रहे हो। इन ख्वाहिशों के सागर में, खुद को डूबो रहे हो। समझो, जो तुम चाहो, वही तुम्हारी हकीकत बन जाती है, लेकिन कभी-कभी, यह चाहत ही दुःख की असली वजह बन जाती है। ©नवनीत ठाकुर #चाहत