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ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ)
ಅದೆಷ್ಟೋ ಅಧ್ಯಾಯಗಳು ಅರ್ಥವಾಗುವ ಮುನ್ನವೇ ಮುಗಿದ್ಹೋಗಿರುತ್ತವೆ. ©ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ) #hand
Heer
किताबें बड़ी हसरत लिए बंद अलमारी के शीशों से झांकती किताबें, सोचती होगी पहले जिनसे रोज़ होती थी बातें, अब तो महीनों होती नही मुलाक़ातें। जो रातें गुजरती थी अक्सर साथ में, आज वो कटती है computer के साथ में, देख बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें क्योंकि, उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है। जो किस्से कहानियां वो सुनाती थीं, battery जिनकी कभी न खत्म होती थी, वो झलक अब नजर कही आती नही, रिश्ते रह गए उजड़े उजड़े, घर हो गया अब खाली खाली। जुबां पर ज़ायका आता था जो एक अल्फाज़ निकलता था, अब उँगली click करने से बस एक झपकी गुज़रती है, बहुत कुछ तबाह हो गया और बचा है वो परदे पर खुलता चला जाता है। किताबों से जो काटी जाती थी राते सीने से लिपटे हुए गुजरते थी जो रातें, कभी गोदी में तो कभी घुटनों के बल बैठ पढ़ते थे, कभी अजीब सी सूरत बनाकर मुस्कुराया करते थे, सजदे में कभी छूते थे जबीं से, जाने कहा को गया वो सुकून Robot के इस जहान में। ©Heer #Books
ਗੁੰਮਨਾਮ ਸ਼ਾਇਰ
ਤੇਰੇ ਚਿਹਰੇ ਤੇ ਦੋ ਚਿਹਰੇ ਸੀ ਸਾਥੋਂ ਨ ਗਏ ਪਸ਼ਾਣੇ ਨੀ। ਜਿੰਨਾ ਤੋਂ ਆਸਾਂ ਰੱਖਦੀਂ ਏ ਉਹ ਤਨ ਦੇ ਗਾਕ ਪੁਰਾਣੇ ਨੀ। ©ਗੁੰਮਨਾਮ ਸ਼ਾਇਰ #hand
Sunam kumar
White Kabhi kisi se pyar mat karna, ho jae to inkar mat karna, chal sako to chalo us rahe par, kabhi kisi ka jindahi barbad mat karna... bb-SOM ©Sunam kumar second shayari
second shayari #Shayari
read moredaisykavi
எம் நூலகபணிக்கு நன்றி. எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான் ©daisykavi #Books
ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ)
ತಿರಸ್ಕರಿಸಿ ಹೋದವರು ತಿರುಗಿ ಬಂದರೆ ಮರಳಿ ಏನೆಂದು ಸ್ವೀಕರಿಸಿಲಿ ಮನವೇ.. ಮುಗಿದು ಹೋದ ಅಧ್ಯಾಯವದು ಮತ್ತೆ ಏನೆಂದು ಬರೆಯಲಿ ಮುನ್ನುಡಿಯ ತಿಳಿಯೇ? ©ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ) #hand
ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ)
ಕೊರುಗದಿರು ಇಲ್ಲದಿದ್ದನ್ನು ಕುರಿತು ಮರುಗದಿರು ಮರೆಯಾದುದ್ದನ್ನು ಕುರಿತು ಇದ್ದು ಬಿಡು ಇರುವುದನ್ನು ಅರಿತು ಬದುಕಿಬಿಡು ಎಲ್ಲರೊಳಗೊಮ್ಮೆ ಬೆರೆತು ನಿರಾಸೆ ಜೀವನ ಏಕೆ ನಿನಗೆ ನೀ ಸಾಗಿಸು ಈ ಬದುಕ ನೆಮ್ಮದಿಯ ಕಡೆಗೆ. ©ಸುನೀತಾಲಕ್ಷ್ಮೀ (ಯುವ ಕವಯಿತ್ರಿ) #hand
संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ! न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः !! हिन्दी अर्थ : दुनिया में कोई भी काम सिर्फ सोचने से पूरा नहीं होता बल्कि कठिन परिश्रम से पूरा होता है. कभी भी सोते हुए शेर के मुँह में हिरण खुद नहीं आता. ©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages #Books