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Shreyansh Gaurav
छुप छुप कर क्या करना,शान से करों तुम कोई चोरी नहीं है,तुम शादी कर रहीं हो..! किसी और का खौफ़ दिख रहा है तुममें कुछ गलत किया है क्या,जो डर रहीं हो.! किसके मुक़ददर में हो तुम,ख़ुदा जानता है किसी से वादा करके, दूसरा ढूढ़ रहीं हो.! मुझे दुःख नहीं है अब हसीं आती है तुमपे इतनी मुहब्बत बर्दास्त नहीं,यें कर रहीं हो.! जाओ उसका कम से कम साथ देना तु मेरा तो मुझे पता है,जो आज कर रहीं हो.! किसी से जबरदस्ती मुहब्बत नहीं होती तुम जाना चाहे रोकू मैं, ऐसा सोच रहीं हो..! मुस्तक़बिल ख़ुदा तय करता है शायद ज़लील होके भी देखा,नहीं मान रहीं हो..!! ©Shreyansh Gaurav #Ring शायरी लव
#Ring शायरी लव
read moreDr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
आज शाम का हुस्न, मेरे शहर का.... ©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi) Lucknow ki sham
Lucknow ki sham
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
बूँद बूँद भी मोहब्बत तेरी समेटने में लगे हैं हम कल को वक़्त किस मोड़ पर लाये किसने देखा है ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #Road
Narendra kumar
मत हार मुसाफिर मुश्किलों। फिर पतझड़ के बाद सावन आयेगा,रूक न चल। ©Narendra kumar #Road
Narendra kumar
मैं इंसाफ मांग लूंगा आसमानों से। मुझे शिकायत नही करना है इंसानों से। ©Narendra kumar #Road
Narendra kumar
चिल्ला-चिल्लाकर बुलाया साथ चलो। किसी ने आया नहीं, तब किस्मत ने कहां अकेले चलो। ©Narendra kumar #Road
faruk dyer
White इस जहाँ मे आऐ थे तो अकेले हैं इस जहाँ से जाऐगे भी अकेले तो फिर फ़िक्र किस बात की, अपने मरने की कि किसी क़ो याद आने की, आखिर कब तक रोओगे आँसू भी सूख जाऐगे जिसके लिए रो रहे हो और जो तुम्हारे लिए रो रहा हैं सब मिथ्या हैं सपना हैं जो मर कर ऐसे खत्म हो जाएगा कि कोई मातम भी ना मनाएगा इसलिए आज से अभी से उम्मीद किसी से भी करना छोड दो और खुद ख़ुश रहो क्यो कि अकेले आए तो और अकेले जाओगे....farukdyer 7737178420 ©faruk dyer #Road
Narendra kumar
सांसों के डोरी के सहारे, सफर पर निकल रहा हूं। जब तक चल रहा है, तब तक चल रहा हूं। मुझे मालूम नहीं, मूल कहां हैं मेरा। मैं बंधा हूं संस्कारों में , भूल कहां है मेरा। जब तक देख न लूं , चैन है कहां। तब तक बेचैन ही हूं , बंद नैन है कहां। जड़ें कहां तक है , कहां है मुझे मालूम। जहां तक मन जा रहा है जा रहा हूं करने मालूम। थक हार कर बैठुंगा नही, नया थोड़े तालाश रहा हूं। नया हूं भी नहीं, अविनाशी का अंश हूं। विनाश होने का भय नही है, अमर अंश हूं। ©Narendra kumar #Road
Narendra kumar
हे मानव महान सुनो वीर हो तुम बलवान सुनो। मन न हारो गिर जाने से। जीत हार के खेल में हार जाने से। हर बार कोशिश एक बार करों। एक बार तो जीतोगे ऐतवार करों। ©Narendra kumar #Road