Find the Latest Status about आत्मचिंतन कैसे करें from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आत्मचिंतन कैसे करें.
HP
👉 Chintan Ke Kshan चिंतन के क्षण अनेक लोग पीठ पीछे बुराई करने और सम्मुख आवभगत दिखलाने में बड़ा आनंद लेते हैं। समझते हैं कि संसार इतना मूर्ख है कि उनकी इस द्विविध नीति को समझ नहीं सकता। वे इस दोहरे व्यवहार पर भी समाज में बड़े ही शिष्ट एवं सभ्य समझे जाते हैं। अपने को इस प्रकार बुद्धिमान् समझना बहुत बड़ी मूर्खता है। एक तो दूसरे को प्रवंचित करना स्वयं ही आत्म-प्रवंचना है, फिर बैर प्रीति की तरह वास्तविकता तथा कृत्रिमता छिपी नहीं रह सकती। कोई व्यक्ति न तो पूर्णतया बुरा है और न अच्छा। हर किसी में कुछ दोष पाये जाते हैं और कुछ गुण रहते हैं। जागरूकता का तकाजा यह है कि दोषों से बचते हुए उसके गुणों से ही लाभ उठाया जाय। किसी व्यक्ति को न तो पूरा देवता मान लेना चाहिए और न असुर। दोनों स्थितियों के समन्वय से जो कुछ बनता है, उसी का नाम मनुष्य है। इसलिए उस पर न तो पूरी तरह अविश्वास किया जा सकता है और न विश्वास। जो व्यक्ति कठिनाइयों या प्रतिकूलताओं से घबड़ाकर हिम्मत हार बैठा, वह हार गया और जिसने उनसे समझौता कर लिया, वह सफलता की मंजिल पर पहुँच गया। इस प्रकार हार बैठने, असफल होने या विजयश्री और सफलता का वरण करने के लिए और कोई नहीं, मनुष्य स्वयं ही उत्तरदायी है। चुनाव उसी के हाथ में है कि वह सफलता को चुने या विफलता को। वह चाहे तो कठिनाइयों को वरदान बना सकता है और चाहे तो अभिशाप भी। ✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य आत्मचिंतन
Moniket Raghuwanshi
आत्मचिंतन रखा करो वरना यूँ ही दूसरों के चिंतन में आत्मत्व खो दोगे #आत्मचिंतन
HP
👉 आत्मचिंतन के क्षण हम प्रथकतावादी न बनें। व्यक्तिगत बड़प्पन के फेर में न पड़ें। अपनी अलग से प्रतिभा चमकाने का झंझट मोल न लें। समूह के अंग बनकर रहें। सबकी उन्नति में अपनी उन्नति देखें और सबके सुख में अपना सुख खोजें। यह मानकर चलें कि उपलब्ध प्रतिभा, सम्पदा एवं गरिमा समाज का अनुदान है और उसका श्रेष्ठतम उपयोग समाज को सज्जनतापूर्वक लौटा देने में ही है। क्षमा न करना और प्रतिशोध लेने की इच्छा रखना दुःख और कष्टों के आधार हैं। जो व्यक्ति इन बुराइयों से बचने की अपेक्षा उन्हें अपने हृदय में पालते-बढ़ाते रहते हैं वे जीवन के सुख और आनंद से वंचित रह जाते हैं। वे आध्यात्मिक प्रकाश का लाभ नहीं ले पाते। जिसके हृदय में क्षमा नहीं, उसका हृदय कठोर हो जाता है। उसे दूसरों के प्रेम, मेलजोल, प्रतिष्ठा एवं आत्म-संतोष से वंचित रहना पड़ता है। दुष्कर्म करना हो तो उसे करने से पहले कितनी ही बार विचारों और उसे आज की अपेक्षा कल-परसों पर छोड़ो, किन्तु यदि कुछ शुभ करना हो तो पहली ही भावना तरंग को क्रियान्वित होने दो। कल वाले काम को आज ही निपटाने का प्रयत्न करो। पाप तो रोज ही अपना जाल लेकर हमारी घात में फिरता रहता है, पर पुण्य का तो कभी-कभी उदय होता है, उसे निराश लौटा दिया तो न जाने फिर कब आवे। दोष दिखाने वाले को अपना शुभ चिंतक मानकर उसका आभार मानने की अपेक्षा मनुष्य जब उलटे उस पर कु्रद्ध होता है, शत्रुता मानता और अपना अपमान अनुभव करता है, तो यह कहना चाहिए कि उसने सच्ची प्रगति की ओर चलने का अभी एक पैर उठाना भी नहीं सीखा। ✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य आत्मचिंतन
HintsOfHeart.
कई चीज़ों पर हमारा कोई इख़्तियार नहीं होता। शायद इसलिए कि जो ग़लतियाँ हमसे हुई हैं, उन्हे हम सुधार सकें। अपने अगले सफ़र में जाने के लिए अपने को बेहतर इन्सान बना सकें। ©HintsOfHeart. #आत्मचिंतन
Kailashi Nayak
हर सवाल का जवाब मिलेगा आत्मचिंतन से ©Kailashi Nayak #आत्मचिंतन
Usha bhadula
करत -करत चिंतन मैं जन्म यूं ही गंवाया| पाया जब से ज्ञान शिव का जन्म यह मेने सफल बनाया|| जग जपे नाम कई ,माला फेरें दर- दर फिर भटके| भटक फिर जन्म गंवाये, कहीं भी फिर सुख न पाये|| क्या पाया,क्या खोया,क्यों सोचे क्या तू लेके आया| दो पल की खुशी खातिर तूने व्यर्थ जीवन गंवाया|| बन तू महात्मा क्या तूने संयम पाया| जीत पाया क्या विकारों को फिर क्यों ये दूजा जन्म पाया|| माला जपे चंदन की क्या तू उस जैसा बन पाया| निर अभिमानी चढ़ बैठा शिखर पर निर्वाण क्या तूने पाया|| निर्वाण पा लेना सहज नहीं,तू फिर ठोकर खायेगा| जान सके तो खुद को जान आत्मचिंतन कर खुद को जान जायेगा|| ऊषा 🙏 ©Usha bhadula #lightpole आत्मचिंतन