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Rameshkumar Mehra Mehra
#MessageOfTheDay बो इत्तेफाक से आ बैठी....... करीब मेरे....! और मेरा सारा सफर....!! कमाल का हो गया..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # बो इत्तेफाक से आ बैठी,करीब मेरे,और मेरा सारा सफर,कमाल का हो गया.....
# बो इत्तेफाक से आ बैठी,करीब मेरे,और मेरा सारा सफर,कमाल का हो गया..... #Quotes #Messageoftheday
read moreArora PR
White पिछली बार ज़बदुनिया का मैने नक्शा देखा था तो उसमे बहुत कुछ था देखने के लिए आज एक अर्से बद ज़ब नया नक्शा मैंने देखा तो मालूम हुआ बहुत सारे बंदरगाहो क़ो समुन्दर लील चुका था ©Arora PR दुनिया का नया नक्शा
दुनिया का नया नक्शा #कविता
read moreACTOR SANDEEP PREMi YADAV
😜बैठी हन😭😂 #New #viral #Fun #Comedy #Video #NojotoFun #NojotComedy
read more~Bhavi
White "वह जो बैठी है अकेली.... वह खुद से ही रूठ रही है। कोई तो जाओ, संभालो उसे.... वह खुद्से ही छूट रही है!!" 💔❤️🩹🥺👀 ©~Bhavi "वह जो बैठी है अकेली.... वह खुद से ही रूठ रही है। कोई तो जाओ, संभालो उसे.... वह खुद्से ही छूट रही है!!" 💔❤️🩹🥺👀 #lonely_quotes DEV FAIZABAD
"वह जो बैठी है अकेली.... वह खुद से ही रूठ रही है। कोई तो जाओ, संभालो उसे.... वह खुद्से ही छूट रही है!!" 💔❤️🩹🥺👀 #lonely_quotes DEV FAIZABAD #Poetry
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White बहुत गहरी है........ सागर की तरह....! उसके दिल का सफर.. कितने ही गम लिए बैठी है....!! तह दर तक बढती ही जा रही उलझन दिल की.......!!! कई राज दफन,उसके सीने में...!!!! खुद को किस कदर,सभांल रखा है...!!!!! उल्झी है रेशम की तार सी तन्हा.... कभी बेबजाह हुआ जाता है...!!!!!! कभी महिफल की जान हुआ करती थी... ©Rameshkumar Mehra Mehra # बहुत गहरी है,सागर की तरह,उसके दिल का सफर,कितने ही गम लिए बैठी है,तह दूर तक बढती ही जा रही है,उल्झन दिल की,कई राज दफन उसके सीने मे,खुद को क
# बहुत गहरी है,सागर की तरह,उसके दिल का सफर,कितने ही गम लिए बैठी है,तह दूर तक बढती ही जा रही है,उल्झन दिल की,कई राज दफन उसके सीने मे,खुद को क #Quotes
read moreSangeeta Kalbhor
कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें जो मैं तुमसे कहना चाहती हूँ हूँ दूर ही सही पर ऐ दिल मैं तुमसे दूर नही रह पाती हूँ लिख देना वो भी मुराद तुमसे कोई गिला शिकवा नही तुम हो प्रीत मेरी.... तुम्हें भूल पाना संभव ही नही देखो तुम ए भी लिख देना कोई अधिकार नही तुम पर तुम जहां में जहाँ भी रहो प्रेम करती रहूँगी तुम्ही पर..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें
कागज पर उतर आओ ना.. लिखने बैठी हूँ मैं तुम्हें कागज पर उतर आओ ना नही सुझ रहा है कैसे लिखूँ तुम ही लिखने आओ ना..... लिख देना ओ सब बातें #कविता
read moreRajkumar Siwachiya
मन्ना होवय ताती ओ साथी बिना कोए बाती या बात नहीं तेरी आच्छी भगवान कसम साच्ची होज्या तावली राजी में उसा कोन्या जिसा लावय तू नाजी ✨👩❤️👨✨♥️🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ ©Rajkumar Siwachiya Ohhhhh... Saathi में उसा जमा कोन्या जिसा ला बैठी तू नाजी ✨♥️✨👩❤️👨🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ #Tulips #rajkumarsiwachiya #oyedesi #har
Ohhhhh... Saathi में उसा जमा कोन्या जिसा ला बैठी तू नाजी ✨♥️✨👩❤️👨🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ #Tulips #rajkumarsiwachiya #oyedesi har #Haryana #Haryanvi #bhiwani #Loharu #JhumpaKalan #Jhumpa_Kalan
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा । देवो के वो देवा बैठी सोचूँ द्वारे । प्राणों को मैं हारे ।। ३ राधा-राधा बोलूँ । मस्ती में मैं डोलूँ ।। माई देखो झोली । मीठी दे दो बोली ।। ०३/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा ।
विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा । #कविता
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