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AD Kiran
आखिर कब तक जियब ई हाल में बता त् द् ! देखै खातिर तरसे ला नयन एक बार बुलाके जियरा जुरा त् द् !! ©AD Kiran देखै खातिर तरसे ला नयन... SabitaVerma
Bharat Bhushan pathak
अस्त होते सूर्य दिखे, नयन सबके टिके, सृष्टि प्रकाशित करें, नमन आदित्य है। ©Bharat Bhushan pathak #SunSet#अस्ताचलगामी_सूर्य#sunGod#nojotohindi#nojotopoetry अस्त होते सूर्य दिखे, नयन सबके टिके, सृष्टि प्रकाशित करें, नमन आदित्य है।
Krishna
"यहाँ सारे गवाह मर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll तबाही पर वाह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll जिनके अहंकार को वक्त ने जमींदोज किया, वो सारे शहंशाह मर चुके हैं गवाही कौन देगा ll जिनसे उम्मीद थी मुंह खोलेंगे, सच बोलेंगे, वो सारे गुनाह कर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll नयनों में बंद सबूत थे पर ज्यादातर झूठ थे, नयन गुमराह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll आय के बढ़ने से न्याय का घटना, ये संकेत बुरे हैं, हम बार-बार अगाह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll तस्वीर के लिए संबंधित मालिक का श्रेय एवं धन्यवाद! #poetrylovers #lifequotes #poem ©Krishna #"यहाँ सारे गवाह मर चुके हैं, गवाही कौन देगा ll तबाही पर वाह कर चुके हैं गवाही कौन देगा ll जिनके अहंकार को वक्त ने जमींदोज किया, वो स
Sangeeta Kalbhor
जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होताना लागावा की ठसका उगा ओरखडा मनावर करताना मुजून जातात खुणा व्रणाच्या घाव परी ठरलेला का म्हणून सोडावा हात हातात एकदा धरलेला सोडावा की स्वाभिमान नात्याला ह्रदयी कोरताना पाझरतील नयन आपसूकच प्रीत उरी स्मरताना जगलेल्या क्षणांनी व्हावे समजूतदार नको हट्ट उगा वाईट काळातही जगलेला क्षणच वाटतो की हो सगा काळ येवो कितीही सरसावून क्षणच होतात ढाल मनोदशा बदलायला क्षणांचीच तर ओढावी लागते शाल जगलेल्या क्षणांचा व्हावा जागर नाद मनी घुमवावा पडत्या क्षणांत असता आपण जगलेला क्षण आठवावा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #boatclub जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होतान
Bharat Bhushan pathak
सिक्त अंगार,अब यौवन,अधर उपमा,नहीं होगी। नयन से बह,चुकी गंगा,न नारी प्राण सुन देगी।। पुरानी रीत होती थी,बहाए चोट पर आँसू। संभल के सुन, रहो पापी,लगेगी मार अब धाँसू।। ©Bharat Bhushan pathak #oddone सिक्त अंगार,अब यौवन,अधर उपमा,नहीं होगी। नयन से बह,चुकी गंगा,न नारी प्राण सुन देगी।। पुरानी रीत होती थी,बहाए चोट पर आँसू। संभल के सु
Shivkumar
Vishnu Bhagwan वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से नयना सोए ।। जगत पालक जगतपति, की महिमा जटिल महान । लक्ष्मी पति बैकुण्ठ पति का, कोई क्या गाए गुणगान ।। धर्म उन्ही से कर्म उन्ही से, सबके पालनहार । सदा करे भक्तो की रक्षा, ले जग मे अवतार ।। चतुर्भुजा नीला वरण, तन पीताम्बर सोहे । हृदय बसे माता लक्ष्मी, माया से सबको मोहे ।। नाभि कमल से ब्रहम हुए, करने जगत संचार । सदा जपे हरि हर को, हर जपे हरि हर बार ।। कमल नयन पद्म चरण, सुंदर छवि बलवान । सबके स्वामी नारायण को, कोटी कोटी प्रणाम ।। ©Shivkumar #vishnubhagwan #विष्णु #Nojoto #nojotohindi #दोहा #दोहे #मन्त्र वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से न
BS NEGI
राज़ हो, हमराज़ या हमराह हो, नाम या गुमनामी के हो इक रुदन। है यकीं तुम पास हो हरदम मेरे, डबडबाते क्यूं हैं फिर मेरे नयन। ©BS NEGI मेरे नयन