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Indian Kanoon In Hindi
White सिविल या दीवानी मामले पर कानून :- * सिविल या दीवानी मामलों में शिकायतकर्ता का उद्देश्य दूसरे व्यक्ति से अपना दावा हासिल करना होता है । * फैसला सुनाने के बाद अदालत अंत में आज्ञप्ति या डिक्री जारी करती है, जिसमें अदालत के आदेश तथा संबद्ध पक्षों की पूर्ति या रिलीफ का ब्यौरा होता है । * अर्जीदावा या आवेदन में सभी दावे शामिल किए जाने चाहिए, क्योंकि एक ही उद्देश्य से संबंधित ऐसे नए दावों की पूर्ति के लिए व्यक्ति दूसरी बार आवेदन नहीं कर सकता है । जिनके बारे में पहले आवेदन के समय दावा नहीं किया गया हो। * मामले से संबंधित पक्षों को सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहना चाहिए । ऐसा नहीं होने पर अदालत मामले को रद्द कर सकती है या डिक्री भी दे सकती है । अगर अनुपस्थिति के वाजिब कारण होंगे तो दोबारा सुनवाई भी हो सकती है। * मामले से संबंधित पक्ष कोई समझौता कर सकते हैं और अदालत से इसके लिए डिक्री जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं । * पेश किए गये तथ्यों के आधार पर दोनों पक्ष की सुनवाई होती है , जिस पर अदालत फैसला सुनाती है । ©Indian Kanoon In Hindi सिविल या दीवानी मामले पर कानून :-
सिविल या दीवानी मामले पर कानून :-
read moreRahi
#जिस_बात का #डर था, देख #अब_वही तो हो रहा है ,,, #मैं तेरी #मोहब्बत में #हूं, #और #तू_मुझको_खो रहा है! ©Rahi कोट्स इन हिंदी
कोट्स इन हिंदी
read moreUnique Gaurav
यह जान लो संगत का असर आएगा ही आएगा, इसलिए जो माहौल में आप रह रहे हैं, जो आपके दोस्त हैं सोच समझकर चुनो। ©Unique Gaurav #friends मोटिवेशनल कोट्स इन इंग्लिश मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
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read moreIndian Kanoon In Hindi
White सिविल या दीवानी मामले पर कानून :- * सिविल या दीवानी मामलों में शिकायतकर्ता का उद्देश्य दूसरे व्यक्ति से अपना दावा हासिल करना होता है । * फैसला सुनाने के बाद अदालत अंत में आज्ञप्ति या डिक्री जारी करती है, जिसमें अदालत के आदेश तथा संबद्ध पक्षों की पूर्ति या रिलीफ का ब्यौरा होता है । * अर्जीदावा या आवेदन में सभी दावे शामिल किए जाने चाहिए, क्योंकि एक ही उद्देश्य से संबंधित ऐसे नए दावों की पूर्ति के लिए व्यक्ति दूसरी बार आवेदन नहीं कर सकता है । जिनके बारे में पहले आवेदन के समय दावा नहीं किया गया हो। * मामले से संबंधित पक्षों को सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहना चाहिए । ऐसा नहीं होने पर अदालत मामले को रद्द कर सकती है या डिक्री भी दे सकती है । अगर अनुपस्थिति के वाजिब कारण होंगे तो दोबारा सुनवाई भी हो सकती है। * मामले से संबंधित पक्ष कोई समझौता कर सकते हैं और अदालत से इसके लिए डिक्री जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं । * पेश किए गये तथ्यों के आधार पर दोनों पक्ष की सुनवाई होती है , जिस पर अदालत फैसला सुनाती है । ©Indian Kanoon In Hindi सिविल या दीवानी मामले पर कानून :-
सिविल या दीवानी मामले पर कानून :-
read moreKuchh Panne Zindagi Ke
White वहम और अहम में फर्क बस इतना होता है कि वहम इंसान को तब होता है जब कोई उसके लिए ख़ास होता है और अहम तब होता है जब इंसान दूसरों के लिए ख़ास होता है। ©Kuchh Panne Zindagi Ke #GoodMorning मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
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read moreMishra Agency
बेटी बहु बहुत पढी लिखी हो , न हो लेकिन संस्कारी होनी चाहिए वरना परिवार के नाम नहीं बच्चों की सही दिशा-निर्देशन नहीं सास ससुर की सेवा नहीं ननद _जेठ _देवर की बात ही छोड़िए Reel अवश्य बन जाते हैं, ©Mishra Agency कोट्स इन हिंदी
कोट्स इन हिंदी
read moreSinger Er Jk nigam
मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन इंग्लिश
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