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Stories related to पाता स्टेशन

Rajkumar pal

#Likho 🌊 जिसे कोई नहीं सुधार पाता उसे #वक़्त

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जिसे कोई नहीं सुधार पाता 
उसे वक़्त सुधार देता है

किसी की आत्मा पर
 इतनी गहरी चोट मत करो कि 
परमात्मा खुद उसके पक्ष में 
आकर खड़ा हो जाए...®️

©Rajkumar pal #Likho 🌊
जिसे कोई नहीं सुधार पाता 
उसे #वक़्त

azad satyam

अम्बर में चांद को देख जैसे चकोर सुख पाता है, वैसे ही तुम्हे देख कर मेरे दिल को सुकून आता है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa

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अम्बर में चांद को देख
जैसे चकोर सुख पाता है,
वैसे ही तुम्हे देख कर
मेरे दिल को सुकून आता है...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek_panchi_diwana_sa

©azad satyam अम्बर में चांद को देख
जैसे चकोर सुख पाता है,
वैसे ही तुम्हे देख कर
मेरे दिल को सुकून आता है...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek_panchi_diwana_sa

Sushma

#love_shayari कितना चाहता है दिल अपनों का ये तो अपना दिल ही जानता है , गैरो को क्या खबर मोहब्बत क्या चीज है जिनके बिछरे है‌ अपने, उनका दि

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White कितना चाहता है दिल अपनों का ये 
तो अपना दिल ही जानता है , 
गैरो को क्या खबर मोहब्बत क्या चीज है 
जिनके बिछरे है‌ अपने, उनका दिल कैसे जीता है, तिल तिल मरता है और किसी को बयान भी नहीं कर पाता,
काश कोई ऐसा घराना होता जो दिल की बात जानता, दिल को संभालना जानता 
 कम से कम दिल को यू ना बातो से छलनी करता, 
जुदाई और बिदाई का यू ना मज़ाक बनता , 
तो शायद मेरा दिल यू ना उदास होता , 
मेरी ज़ुबान यू ना बेबस होती...

©Sushma #love_shayari कितना चाहता है दिल अपनों का ये 
तो अपना दिल ही जानता है , 
गैरो को क्या खबर मोहब्बत क्या चीज है 
जिनके बिछरे है‌ अपने, उनका दि

Lotus Mali

#Book कभी कभी तजुर्बा काम पड़ जाता हैं एक नन्हेसे बच्चे के सवाल के आगे और कभी कभी ओ सवाल का जवाब तजुर्बा भी नहीं बता पाता वो एक बचा चां

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Unsplash कभी कभी तजुर्बा काम पड़ जाता हैं 
एक नन्हेसे बच्चे  के सवाल के आगे
और कभी कभी ओ सवाल का 
जवाब तजुर्बा भी नहीं बता पाता 
वो एक बचा चांद लम्हे में समझा देता हैं
हर सवाल का जवाब डूंडना 
समय के आगे बस इक खेल है 
क्या बुजुर्ग और क्या बच्चे सभी एक समान हैं।
https://lotusshayari.blogspot.com/

 🪷

©Lotus Mali #Book 
कभी कभी तजुर्बा काम पड़ जाता हैं 
एक नन्हेसे बच्चे  के सवाल के आगे
और कभी कभी ओ सवाल का 
जवाब तजुर्बा भी नहीं बता पाता 
वो एक बचा चां

Tripurari Pandey

बाढ़ रेलवे स्टेशन

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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} नाजुक होता है:-मन, जो बातो से, गलत इरादों से, गलत वादों से, गलत व्यवहार से बहुत दुःख पाता है, इसकी दवा खुद के पास व

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Google {Bolo Ji Radhey Radhey}
नाजुक होता है:-मन, जो बातो से,
गलत इरादों से, गलत वादों से,
गलत व्यवहार से बहुत दुःख पाता 
है, इसकी दवा खुद के पास व 
सामने वाले के पास होती है,
इलाज करो और अभी करो।
जय श्री राधेकृष्ण जी!!

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
नाजुक होता है:-मन, जो बातो से,
गलत इरादों से, गलत वादों से,
गलत व्यवहार से बहुत दुःख पाता 
है, इसकी दवा खुद के पास व

Sushma

#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

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Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी
कुछ उलझी थी बालों में
गर्दन के पीछे चिपकी मिली
कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली
कोई बेशर्मी से भरी हुई
ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें
पर इतना अंतर क्यों है?
मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ
कुछ न चिपका मिले मुझ पर
जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से ,
वैसे साफ सुथरी आऊं वापस
मगर ऐसा हो पाता नहीं
बोझ उठाये नजरों का हरदम
चलते रहना नियति है मेरी, शायद।

©Sushma #Ladki  शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

theABHAYSINGH_BIPIN

#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से

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White बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से मैं ना घबराता हूँ।
हुंकार भरूंगा फिर से मैं,
संकल्प का फल मैं पाता हूँ।

वचन ही मेरा शस्त्र बना,
हर कदम पर धार लगाता हूँ।
हिम्मत मेरी कभी ना टूटे,
महादेव का ध्यान लगाता हूँ।

पक्की करती जीत मेरी,
जब ईश्वर का गुण गाता हूँ।
लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा,
संघर्षों का मैं आदि हूँ।

थकूंगा नहीं बिना जीत के,
विजयी विश्व का वासी हूँ।

©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से

ARTIST VIP MISHRA

मेट्रो रेल्वे स्टेशन

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Anjali Singhal

"बड़ी मुश्किल में ही पड़ जाती है जान, करने से भी नहीं हो पाता जब कोई काम। ज़रूरतें पूरी करने में अधूरा रह जाता इंसान, ज़िन्दगी बनकर रह जाती

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