Find the Latest Status about माणसाचे मन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, माणसाचे मन.
SAAHIL KUMAR
White यादें बहुत है बस याद करने का मन नहीं करता, कुछ यादों को भूलने का वक्त नहीं मिलता दरवाजे जो कभी दिल की चाहतों के थे अब उन दरवाजों को खोलने का मन नहीं करता की रहे कुछ दरवाजे बंद तो ही बेहतर है लम्हों में भी गुजर जाने दो बीती बातों को अब उनके लिए खुद को चुप रहने देना अच्छा नहीं लगता ©SAAHIL KUMAR मन
मन
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
White अरे जो नज़रे चुरा रही हो उसे वहीं छोड़ दो इतनी करो मेहनत की उसका रुख मोड़ दो उसे शौक है बदलना तो शौक पूरा करने दो चाहती है किसी को तो उसका पीछा छोड़ दो ©DANVEER SINGH DUNIYA #good_night मन
#good_night मन
read moreRajnish Shrivastava
प्रकृति की इन वादियों में मन बहकने सा लगता है आंखो में इन नजारों को कैद करने को दिल तरसता है इच्छा तो होती है कि यही कहीं चुपचाप रह लिया जाए लेकिन फिर वतन की याद में दिल तड़पने लगता है । ©Rajnish Shrivastava #मन
Khushi Kandu
हाय मन! इस मन को बनाया किसने मन को बनाकर क्या पाया उसने क्या मन को समझाया उसने मन विपरीत हो; तो मन को बहलाया उसने मन-मन करे हर कोई मन को समझ पाया किसने? ©Khushi Kandu #मन #khushikandu
Sudha pandey .
White "मन क्या कहता है" चलो सुनती हूं की कहता है यह मन उडुं उन पक्षियों की तरह खुले आसमान में जिसे ना गिरने का डर ना कोई रोकने वाला,, उस मोर सा मन जो खुलकर बारिश में नाचना चाहे, उस कोयल सा मन जिसकी आवाज सूफियानी गानों सा लगे,, उस नदी सामन जो कल कल बहना चाहे,, उस दर्पण सा मन जो खुद को देख शर्माए,, बस इतना ही तो चाहे मन ।। ©Shobhani singh #मन#
#मन#
read moreParasram Arora
White प्रेम के सघन कुंज मे उदासी की गहरी छाँव. तले आओ. पल दो पल बैठे और इस संतप्त मन को थोड़ा सा बाँट लें ©Parasram Arora संतप्त मन
संतप्त मन
read moreNilam Agarwalla
Unsplash मन तो पापी मतवाला है, नहीं किसी की सुनता है। क्षणभर के सुख की खातिर जो,गलत राह पर चलता है। समझाए से नहीं समझता, पछताता फिर जीवन भर आंसू बहते रहते दृग से, पल-पल आहें भरता है।। स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर ©Nilam Agarwalla #“मन”
#“मन”
read moreAvinash Jha
White मन है, चाहता है आसमानों को छूना, सितारों की राहों में खुद को ढूँढ़ना। जंगलों की खामोशी में छिपा, एक गीत सुनना, या नदी की लहरों संग बह जाना। मन है, जो सपनों की कश्ती में बैठ, दूर कहीं चला जाता है। कभी बूँदों की चुप्पी समझता है, कभी आँधियों से सवाल करता है। मन है, जो छोटे-छोटे सुखों में खुशियों का संसार बुनता है। कभी अकेलेपन में साथी बनता, तो कभी भीड़ में खुद को खोता है। मन है, जो बंद दरवाज़ों को खोलता है, आस की किरणें समेटता है। हर धड़कन में एक कहानी रचता, हर ख्वाब में जीवन रचता। मन, न थमता है, न रुकता है। यह तो बस उड़ान भरता है, आसमानों से परे अपनी ही दुनिया बसाता है। ©Avinash Jha #मन
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White मेरे मन की किताब में तुम ही तुम मगर "तुम" तो नही..! पन्ने-पन्ने जिक्र है तुम्हारे रूप रंग स्वभाव का.. भाव का.. जिसके हो सार तुम भार तुम मगर "तुम" तो नही..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #मन