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Farhan Raza Khan
कुछ इस तरह से भी हमने तेरा इश्क़ बचा के रखा है, पिछली बार की होली पे तेरा लगाया हुआ अबीर हमने अभी भी अपने कुर्ते में लगा ही रखा है।। KUCH IS TARHA SE BHI HUMNE TERA ISHQ BACHA KE RAKHA HAI, PICHLI BAAR KI HOLI PE TERA LAGAYA HUA ABEER HUMNE ABHI BHI APNE KURTE PE LAGA HI RAKHA HAI #NojotoQuote कुछ इस तरह से भी हमने तेरा इश्क़ बचा के रखा है, पिछली बार की होली पे तेरा लगाया हुआ अबीर हमने अभी भी अपने कुर्ते में लगा ही रखा है।। KUCH IS
Tera Sukhi
हर प्रदेश की संस्कृति का अपना अपना रंग है पहनावे में कंही पैंट बुर्ष्ट कंही कुर्ते में दबंग है भाषा भी अनेक यहां हिंदी इंग्लिश में जंग है अनेकों धर्मों का देश भाईचारा सब के संग है प्रगति के राह पर चल पड़ा अवल खेलो में आ रहा जाना जाता है नाम से हिंदुस्तान सागर हिन्द है CLEARLY READ IN CAPTION 👇👇 अपना अपना ढंग है हर प्रदेश की संस्कृति का अपना अपना रंग है पहनावे में कंही पैंट बुर्ष्ट कंही कुर्ते में दबंग है
Satish Kumar Jayaswal
रंग भरी जंग चली गलियों में तंग चली रंग-रंग के अंग-अंग करती हुड़दंग चली Read full poem in caption #holi2019 #fourthquote #4th रंग भरी जंग चली गलियों में तंग चली रंग-रंग के अंग-अंग करती हुड़दंग चली
Technocrat Sanam
चुनावी-मौसम.. पाँचों साल के शिकवे गिले भुला मुस्कुराने लगे हैं सफ़ेद कुर्ते में अपने काले कारनामें छुपाने लगे हैं कल तलक जो फटकार लगा देते थे बात बात पर आज कल चौखट तक हाथ जोड़ कर आने लगे हैं अभी तक हिसाब माँगने पर एंटी बोल देते थे लोगों गली गली और चौराहों में अपने पर्चे लगाने लगे हैं चार साल जिनके दर्शन को हमारे नैना तरसे-बरसे वो रहनुमा ख़ुद ही अचानक से नज़र आने लगे हैं गाड़ी का शीशा भी नहीं उतारते थे नीचे कल तक आज चाचा भैया दादा कह कर हाथ हिलाने लगे हैं देखो, समझो और ये बात जान लो भैया सब ही जन चुनावी मौसम है आसमाँ वाले ज़मीं पर आने लगे हैं ©technocrat_sanam Beware..☝️ Be aware.. 🙏 Season of politics n politicians is on the way.. 😇 ________________________ #चुनावी_मौसम -------------------------
entertainment intertenment&intertenment
इतनी आराम से अब मोहलत कहां से मिलेगी.. हाथ जब कुर्ते में हो तब सोहरत कहां से मिलेगी!! अब सच के आइने से झूठ को छुपा दिए गए.. नेता जी मुझे अब सियासत की कमान कहां से मिलेगी!! धूल में रखी है कुरान हर घर के ताख पर.. सम्हाल कर रखने वाला इंसा अब कहां से मिलेगी!! मत तोड़"कमली"फूल को हर कली से बेवजह.. झूठे इश्क के पन्ने में सच्ची दास्तां कहां से मिलेगी! बरकतें खूब है मेरे हर ख़्वाबों के हर वफा में.. इस अंजान शहर में जहर की दुकान कहां से मिलेगी!! मरना चाहूं तो लोग जीने के फायदे बता जाते है.. खुदा मुझे बता तू आसपास में कब्रिस्तान कहां मिलेगी!! _@कमली अंधेरा हो शहर तो रौशनदान कहां से मिलेगी.. इश्क में लिखा है खुदा ने पत्थर तो गुलदस्तान कहां से मिलेगी!!😊🙏♥️ अनुशीर्षक में भी पढ़े:_ इक और मु
Arsh Ansari
अच्छा! लगता है आज दिवाली है। सुनों ऐ! पटाखा रुपी पैसों में आग लगाने वालों, उसका भी सोंचो जिसके दोनों हाथ ख़ाली हैं। अपने पैरों को ज़मीं पर रखों, न छुओ आसमानों को, कुछ खुशियाँ बांटो उससे, रसोई में ख़ाली पड़ी जिसके थाली है। एक दिया भी रौशन न हुआ उस ग़रीब की चौखट पर, परसों से फर्श पर पड़ी उसकी तेल की बॉटल जो ख़ाली है। अपने मन से कुछ हिस्सा ही डाल, दो उसकी झोली में, ज़रा देखो तो, उसके कुर्ते में कितनी सारी जाली हैं।। जब पटाखों का शोर, पड़ता है उसके कानों में, सहम जाता है वो देख बच्चे की आंखें कितनी सवाली हैं। तुम्हारी महफ़िल से लौटते, हमने आंसुओं संग गला घूँटते देखा उसका, वह भी उन ख़ुशियों में शामिल होना चाहता था, पर लोगो ने देकर धक्का दी उसे साथ में चार गाली हैं।। आज फ़िर से किसी की हैप्पी तो किसी की सिर्फ दिवाली है।। अगर हमारा पड़ोसी ही खुश नहीं तो केसी यह हैप्पी दिवाली है।। अच्छा! लगता है आज दिवाली है। सुनों ऐ! पटाखा रुपी पैसों में आग लगाने वालों, उसका
Ejaz Ahmad
Ejaz Ahmad
चोर उचक्का हूँ, बेईमान हूँ मैं कौन कहता है मुसलमान हूँ मैं भले ही तुम मुझे "पागल" समझो या समझो मुझे पहलु और अखलाक़ जो हर जुल्म सहकर भी उफ्फ न करे वही सख्त जान हूँ मैं कौन कहता है मुसलमान हूँ मैं (complete poem in caption) ईजाज़ अहमद "पागल" #ejaz #pagal #YQdidi #shayari #YQghalib #hindi #muslim चोर उचक्का हूँ, बेईमान हूँ मैं कौन कहता है मुसलमान हूँ मैं कहीं सुन्नी हूँ, कहीं
सुसि ग़ाफ़िल
कई दिनों से मैं रोया रोया, रोया - सा रहता हूँ अक्सर तेरे या बाप के ख्यालों में खोया सा रहता हूँ | जिससे मोहब्बत होती है उसके पास ही रोया जा
Vandana
एक अजनबी गांव दूर कहीं वीराने में एक गांव बसता था,,अजनबी सा अनजान सा,,शहर से दूर दुनिया से दूर,, एक अजनबी नौजवान भूला भटका पहुंच गया उस गांव में गांव के