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New ग़ज़ल ए मेरी दिलरुबा जानेमन Quotes, Status, Photo, Video

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Mohan Sardarshahari

हाल-ए-दिल

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ये चहकती चिड़ियां
ये खिलखिलाते फूल
यह मासूम सी बच्ची 
चुन रही प्यारे-प्यारे फूल 
आड़ में इनकी तेरा
हाल-ए- दिल कबूल
मिल ना पाये तो क्या हुआ 
सब देख रहा रसूल ।।

©Mohan Sardarshahari हाल-ए-दिल

Vaseem Qureshi

#दर्द ए मज़ार

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ये #दर्द ऐसे मेरे दिल में आ कर बैठते हैं...

जैसे लोग #मजारों पर जा कर बैठते हैं..!
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💔

©Vaseem Qureshi #दर्द ए मज़ार

आधुनिक कवयित्री

ए _जिंदगी......

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Lalit Saxena

ग़ज़ल

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हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है 
रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है 

सांस-सांस पीर कसमसाती रहती 
मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है 

उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन
उदास शाम को भी उतरते देखा है 

ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है
उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है 

दरवाजे पर नहीं कोई  दस्तक हुई
हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है 

दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे
बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है

©Lalit Saxena ग़ज़ल

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#हाल-ए-दिल

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White निकलकर उनके दिल से घूमने का मन है
कितना तो गिरे अब सम्भलने का मन है 
कह सकते हैं अब वो भी हमें मतलबी  
वो बदले तो अपना भी बदलने का मन है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #हाल-ए-दिल

SumitGaurav2005

"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -2 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa fa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_expe

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SumitGaurav2005

"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -1 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_experie

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हिमांशु Kulshreshtha

ए जिंदगी...

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White ए जिन्दगी कुछ
कदम तो और चल
मुझे 
 सुकून के चंद 
पलों का इंतजार है

©हिमांशु Kulshreshtha ए जिंदगी...

Sonu Kumar Dubey ghu

दिलरुबा wlove shayari

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dharmendra kumar yadav

ग़ज़ल

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White मज़ाक था या सच जाने क्या सोचकर आया था 
मेरा  अज़ीज़  मुझको गिफ्ट में आईना लाया था

वो आसूं  सिर्फ  आसूं नहीं बाग़ी  भी हो  सकते थे
पर क्या शख्स रहा था वो जो फिर भी निभाया था

जिससे  ज्यादातर  नाराज़  ही  रहता  रहा ये दिल
उसको ही  अपने  बुरे दिनों में अपने साथ पाया था

वो  मेरी  जान  से  जिक्र  की  है कि  वो मेरी होती
जो मुझे  उन  दिनों  बर्बाद ओ  बेकार  बताया था

©dharmendra kumar yadav ग़ज़ल
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