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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- 2122-- 1122 -- 1122--22 आदमी मुश्किलों से ख़ुद ही निकल जाता है । वक़्त को देख के जो रस्ता बदल जाता है ।। गिरता है उठता है औ फिर से संभल जाता है । बच्चों के जैसे बशर जल्दी बहल जाता है ।। मुश्किलें घर नहीं आयी कभी रहते जिनके । हाथ उनका ही क्यों हाथों से फिसल जाता है ।। मत कहो उसको ही पत्थर जो मदद की खातिर मोम सा आज भी हर बार पिघल जाता है ।। छोड़कर माँ बाप को खुश लगे रहने बेटे । वक्त कुछ सोच से ज्यादा ही बदल जाता है ।। थाम कर हाथ जो खाई थी बहन कल कसमें । आज मन उसका भी दौलत पे मचल जाता है ।। स्वार्थ से सब बँधे हैं जग के ये रिश्ते-नाते । प्रेम का इसलिए मुरझा ये कमल जाता है ।। अब नही तौल प्रखर माया के पलड़े में इन्हें जो भी आता है यहाँ इसमें ही ढ़ल जाता है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- 2122-- 1122 -- 1122--22 आदमी मुश्किलों से ख़ुद ही निकल जाता है । वक़्त को देख के जो रस्ता बदल जाता है ।।
ग़ज़ल :- 2122-- 1122 -- 1122--22 आदमी मुश्किलों से ख़ुद ही निकल जाता है । वक़्त को देख के जो रस्ता बदल जाता है ।। #शायरी
read moreधाकड़ है हरियाणा
#कोई न कोई तो ऐसा मर्द होगा जो इंसानियत के नाते इस हरामखोर को सजा दिलवाने का बीड़ा उठा सकता है आपसे गुजारिश है कि इस वीडियो को इतना शेयर कर
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White // पिता // पिता की उंगली नहीं मिली फिर भी मैं चलना सीख लिया, मां मेरी ममता की मूरत प्यार में पलना सीख लिया । अपनी संस्कृति क्या होती मां ने ही तो संस्कार दिया, पग-पग कांटे-कील चुभोकर मुझे सीढ़ी चढ़ना सीखा दिया । रात-रात भर जाग के मां ने मुझको निश्चित सोने दिया , दुनिया के उलहन ताने को अपने माथे लगा लिया । रिश्ते-नाते को समझाया पढ़ा-लिखा कर बड़ा किया, ईश्वर से उपर होती मां प्रेम हृदय में जगा दिया । ©Shivkumar बेजुबान शायर #fathers_day #FathersDay #FatherLove #fatherday #Nojoto #nojotohindi // #पिता // पिता की उंगली नहीं मिली फिर भी मैं चलना सीख लिया, #मा
#fathers_day #FathersDay #FatherLove #fatherday #nojotohindi // #पिता // पिता की उंगली नहीं मिली फिर भी मैं चलना सीख लिया, मा #मां #कविता #संस्कार
read moreArora PR
White गमो की गंध वाले छदो क़ो अपनी कविताओं में. जगह मत देना वरना हो सकता है पाठको की आँख से भी आंसू न टपकने लगे ©Arora PR गमो की गंध
गमो की गंध #कविता
read moreNeelam Modanwal ..
🙏 मेंरी छंद की अवधारणा 🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा.. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. फूल से फल तक मधुर मकरंद की अवधारणा.. जीव ईश्वर का अनाविल नित्य चेतन अंश है. द्वन्द से होती प्रगट निर्द्वन्द की अवधारणा.. एक रचनाकार तो स्थितप्रज्ञ होता है उसे आँसुओं में भी मिली आनंद की अवधारणा.. प्यार से ही स्पष्ट होती है, अघोषित अनलिखे और अनहस्ताक्षरित अनुबंध की अवधारणा.. प्रेम में सात्विक समर्पण के सहज सुख से पृथक. अन्य कुछ होती न ब्रम्हानंद की अवधारणा.. मुक्तिका मेरी पढ़ी हो तो निवेदन है लिखें क्या बनी सामान्य पाठक वृन्द की अवधारणा.........✍️ प्लीज़....... 🙏🙏 ©Neelam Modanwal 🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
सुमिरन जो माया करे , रिश्ते नाते तोड़ । निकल वही आगे बढ़े , राहें अपनी मोड़ । हमको भी सब दे रहे , मिलकर यही सलाह- रखो स्वार्थ तुम भी प्रखर, प्रीति-रीति की छोड़ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सुमिरन जो माया करे , रिश्ते नाते तोड़ । निकल वही आगे बढ़े , राहें अपनी मोड़ । हमको भी सब दे रहे , मिलकर यही सलाह- रखो स्वार्थ तुम भी प्रखर, प्र
सुमिरन जो माया करे , रिश्ते नाते तोड़ । निकल वही आगे बढ़े , राहें अपनी मोड़ । हमको भी सब दे रहे , मिलकर यही सलाह- रखो स्वार्थ तुम भी प्रखर, प्र #कविता
read moreShubham Bhardwaj
White मोहब्बत करके, अक्सर लोग बदल जाते हैं। देखते ही देखते चमन को,जंगल सा कर जाते हैं।। झूठी दुनिया का शोर सुनाई पड़ता है जब। अपनों से रिश्ते-नाते, बिखर से जाते हैं ।। ©Shubham Bhardwaj #Dosti #रिश्ते #नाते #बदल #हैं
Devesh Dixit
किताबें करतीं हैं बातें मुझे किसी के सिसकने की, कहीं से आवाज़ आ रही थी। जो कि लगातार मेरे कानों से, आकर अब भी टकरा रही थी। ढूँढा उसको मैंने, पर कहीं न पाया, आवाज़ ने उसकी, कहर बरसाया। ध्यान को केंद्रित भी नहीं कर पाया, इस कदर उसने मुझको भटकाया। ध्यान लगाया आवाज़ पर, तो पाया, हल्की सी दबी साँसों को सुन पाया। कहीं पर लगा था ढेर, किताबों का, जिस पर लगी धूल को मैं देख पाया। निकलने लगा मैं जब वहाँ से, बोली तभी किताब तपाक से। यूँ ही देख कर मुझे जा रहे हो, मुझे बिना सुने ही भाग रहे हो। सुन कर दुविधा में आ गया, रुका मैं इंसानियत के नाते। तब जाकर समझ में आया, कि किताबें करती हैं बातें। ......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #किताबें_करतीं_हैं_बातें #nojotohindi #nojotohindipoetry किताबें करतीं हैं बातें मुझे किसी के सिसकने की, कहीं से आवाज़ आ रही थी। जो कि लग
#किताबें_करतीं_हैं_बातें #nojotohindi #nojotohindipoetry किताबें करतीं हैं बातें मुझे किसी के सिसकने की, कहीं से आवाज़ आ रही थी। जो कि लग #Poetry #sandiprohila
read moreArora PR
White रोती हुई आँख और बहते हुऐ आंसू रात भर. सिरहने के लिहाफ से तसल्ली और सांत्वना पाते रहे क्या अभी भी तुम कह सकोगे कि. रिशते नाते सब झूठे हैं? ©Arora PR रिश्ते नाते
रिश्ते नाते #कविता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के रिश्ते को सजाया। जीवन के हर मोड़ पर, साथ देने वाला कोई यार। मुसीबतों में सहारा है वो, खुशियों के अंगारा है वो। हंसी-मजाक से भरी जिंदगी, मेहनत की सफलता का रास्ता है वो। जिसे देखो दिल बहक जाए, उन पलों को याद करके मुस्कराए। दोस्ती की अमरीत रूह से, हंसता हर लम्हा निकल आए। जैसे रंगीन बादलों की गति, दुनिया को आँचल से छू लेती है। यारों के हाथों में बंध जाती है, हर गम की बंधन खो लेती है। चाहे जहां भी सफर करो, दोस्ती की हो जबरदस्त नजर। उस्तादों की तरह बनकर लापरवाह, हर मुकाम पे शानदार हो जाए। चोकर जो मिले खुद को अपनाए, मुसीबतों को झेलते रहें ये दिल्लगी से। यारों की यारी, अमर राशि है, जीवन का सहारी, नहीं गुँजारी है। आज इस पंक्ति को बनाने के लिए, हम दोस्ती की बांहें फेला रहें हैं। यारों के दिल की धड़कन, ये कविता में झलक रही है। तारे हमसे नाते बनाए हैं, हर पल बदलते जैसे मौसम। दोस्ती की राहों में चलना, हर कदम जैसे ख्वाब पूरे। यारों को नहीं मिलता हमें पढ़ंध, इस काव्य की विरासत मिल जाए। यह दोस्ती का रंगीन काव्य, बनाएगा आपके दिल को रंगीन। हमारे दिल की गहराई को छूने, सूरज की किरणें यहाँ ढली हैं। नयी उम्र में जीने का हाथ पकड़ें, दोस्ती की रौशनी को फैलाएं। ये काव्य सिर्फ आपकी मेहनत से, हो जाएगा खुद ब खुद सुंदर। हम यहाँ क़लौंजी से परख कर, आपके दिल को छू लेंगे सुंदरता। सामान्य शब्दों की सजा में, इन्हीं शब्दों का जूनून, यह दोस्ती की मिठास और प्यार का गुंजारा है हमारा। ©Shivkumar #Friendship #दोस्ती #दोस्त #Nojoto #nojotohindi #दिलकीबातशायरी143 दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के #रिश्ते को सजाया। #जीवन के हर मोड़
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