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Dhaneshdwivediwriter
कान्हा-कान्हा रटते-रटते तुमसे मैं हृदय लगा बैठी दिल के अंधियारे कोने में तेरे नाम का दीप जला बैठी जीवन का तू हिस्सा बन जा मैं तुझमें ही समा जाऊं अब तो हाथ पकड ले मेरा, तू ही बता मैं कहाॅं जाऊं।। .... ©Dhaneshdwivediwriter कान्हा-कान्हा रटते-रटते तुमसे मैं हृदय लगा बैठी दिल के अंधियारे कोने में तेरे नाम का दीप जला बैठी जीवन का तू हिस्सा बन जा मैं तुझमें ही
कान्हा-कान्हा रटते-रटते तुमसे मैं हृदय लगा बैठी दिल के अंधियारे कोने में तेरे नाम का दीप जला बैठी जीवन का तू हिस्सा बन जा मैं तुझमें ही
read moreIndian funny show
अगर बिजनेसमैन बनना है तो बिजनेसमैन की माईट sanitizer अक्सर अप का 16 साल का लड़का ताजमहल जैसी होटल में चाय पीने जाता 500 वाली चाय पीने इसलिए जाता है lifestyle dalne ke liye businessman okay ©Dhiraj मैं 2 साल से बिजनेस करता हूं मुझे इस प्लेटफार्मके बारे में तो बहुत अच्छा लगा कि मैं लोगों को मैंने जो लाइफ में सीखा है वह बतापाऊं आपको भी सी
मैं 2 साल से बिजनेस करता हूं मुझे इस प्लेटफार्मके बारे में तो बहुत अच्छा लगा कि मैं लोगों को मैंने जो लाइफ में सीखा है वह बतापाऊं आपको भी सी
read moreHimanshu Prajapati
White एहसास मोहब्बत का होने लगा था, मैं किसी के लिए खोने लगा था, मोहब्बत इजहार होने वाला ही था, बोली दादाजी मर गए थे वैलेंटाइन नहीं मानते हैं, बस यह बात सुनकर मेरा दिल रोने लगा था..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari एहसास मोहब्बत का होने लगा था, मैं किसी के लिए खोने लगा था, मोहब्बत इजहार होने वाला ही था, बोली दादाजी मर गए थे वैलेंटाइन नहीं
#love_shayari एहसास मोहब्बत का होने लगा था, मैं किसी के लिए खोने लगा था, मोहब्बत इजहार होने वाला ही था, बोली दादाजी मर गए थे वैलेंटाइन नहीं
read moreArun kr.
White मैं जब मैं 'मैं'लिखूं तो समझना बात हम सबकी हैं उस मैं में छिपी हैं अनगिनत किस्से जिसे मैं समझता हूँ अपना उस मैं की वेदना को धारण कर स्वयं मैं अनुभूति पाता हूँ तब जाकर किसी के किस्से-कहानियों को शब्दों में पिरो पाता हूँ हर बार 'मैं' में मैं स्वयं नही प्रीत हो या वेदना मिलन हो बिछड़न मनुष्यता के नाते हम सब मे होती है अनुभूतियां अनुभूतियां जो जोड़ती हैं एक -दूसरे को जो मैं में,हम में, हमसब में हैं कोई एक मैं में अनेको का मैं हैं पर हर मैं स्वयं को शब्दों में नही पिरो पाता है फिर कोई मैं खड़ा हो शोषण ,उत्पीड़न,अत्याचार, नारी उत्पीड़न, बलात्कार, गरीबी-कुपोषण, बेरोजगारी,महंगाई और अन्याय को लिख हम सबकी मैं लिख जाता हैं। ©Arun kr. #मैं
Mahesh Patel
सहेली...... उसकी एक आदत खूब थी.. मैं जब भी उससे मिलता था.. मुझे गले लगा लेती थी.. ऐसा भी क्या था मुझ में. मैं जब भी दूर रहता था.. आंखों में आंसू भर लेती थी... उसकी एक आदत खूब थी.. ना चाहते हुए भी वह मुझे मिल लेती थी.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
read moreAnukaran
White अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ, खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ, जीने ख्वाईश होती है दुसरों को, मैं अब वैराग्य की और चलने लगा हूँ, मोकच्छ की प्रप्ति कर, जीवन का उद्धार के लिए निकल पडा हूँ, अब तो शांत रह कर परखने लगा हूँ, ©Anukaran #GoodMorning अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ, खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ, जीने ख्वाईश होती है दुसरों को,
#GoodMorning अब तो शांत मैं रहने लगा हूँ, खुद ही खुद से अब बातें करने लगा हूँ, जीने ख्वाईश होती है दुसरों को,
read moreबदनाम
कल देखा था तुम्हे. छत पे, बाल सुखाती खुद की धुन में बहती हुई शांत खबर थी मोहल्ले को की तुम आई हो मगर गलियों में शांति बहुत थी एक दफा खिड़की से झांकती तुम नजर आई थी पलक झपकते कही गायब भी हो गई थी मेरी चाय वही मेज में रखी ठंडी हो रही थी और कलम सिर्फ तुम्हारा इंतजार कर रही थी शायद अब अगली मुलाकात ना हो तुमसे ये शहर तुम्हारे बिना अधूरे सा लगता है और घर की दीवारें, तुम्हारी यादें दिलाती है तुम्हारे हिस्से की खिचड़ी रख आया हु अगली दफा साथ में खाएंगे....... ©बदनाम अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
read moreShashi Bhushan Mishra
New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिल पर लगा दिया#
#दिल पर लगा दिया#
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बातें सब की सुन लेता हूँ मैं ख़ामोशी से करते जाना अपने दिल की मेरी आदत है काँटों से उलझाना दामन है शौक मेरा . दिल मे दर्द पराया बसाना मेरी फ़ितरत है….!!! ©हिमांशु Kulshreshtha मैं...
मैं...
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White जमाना जमाने ने गलतियांँ करके मुझे शहर में मशहूर कर दिया जब मैं शहर में मशहूर हो गया तो जमाना खुद मुझे जलने लगा ©DR. LAVKESH GANDHI #जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
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