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AK__Alfaaz..
रात, बिछौने पर, बिछायी गयीं, उसकी चुप्पियां, सिलवटों की लहरों मे, डूबकर कराह रही थीं, और..नैनों की कोरों से, बहे उसके दो मोती, तकिए के गिलाफ पर पड़े, अपने घर का, पता पूछ रहे थें उससे, उसकी आँखों पर सजी, काजल की काली सरिता, पलकों के बंध तोड़, उम्मीद की बहती, बाढ़ मे बहकर, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #सावन_की_साँझ रात, बिछौने पर, बिछायी गयीं, उसकी चुप्पियां,
Amit Kumar Srivàstava
लोग कहते है कि वो मर गया है वो तो खुशबुओ मे बिखर गया है अब कोई इम्तिहान बाकी नही है बडे इत्मिनान से वो घर गया है अमित कुमार श्रीवास्तव पीलीभीत मृत्यु
Aniket Chakrwarty
होऊँगा मैं नींद में और मुझे इतना सजाएगा जाएगा बड़े प्यार से मुझे नहलाया जाएगा न जाने होगा वो कौनसा अजब खेल मेरे घर में बच्चे की तरह मुझे कंधे पर उठाया जाएगा होगा पास मेरा हर अपना उस वक़्त फिर भी मैं हर किसी के मन से भुलाया जाऊँगा जो कभी देखते भी न होंगे मोहब्बत की निगाहों से उनके दिल से भी प्यार मुझ पर लुटाया जाएगा मालूम नहीं क्यों हैरान होगा हर कोई मुझे सोते हुए देखकर ज़ोर ज़ोर से रो कर मुझे जगाया जाएगा काँप उठेगी मेरी रूह वो मंज़र देखकर जहाँ मुझे हमेशा के लिए सुलाया जाएगा मोहब्बत की इन्तेहाँ होगी जिन दिलों में मेरे लिए उन्हीं दिलों के हाथों उस दिन मुझे जलाया जाएगा #मृत्यु
Kamal bhansali
जीवन वक्त के अनुसार सिर्फ अपनी जरूरतों की पूर्ति चाहता है। दिल अपने सजाये ख्बाबों को पूर्णता से प्राप्त करना चाहता है। और आत्मा सदा अपनी वास्तिवकता से परिचित होना चाहती है। इस विवशता का अंत सिर्फ मृत्यु के पास है। यही सत्य है, इसे सनझकर चलना ही सही है।✍ कमल भंसाली मृत्यु
Amit Dwivedi
हर मिनट में कोई न कोई इस दुनियाँ को पीछे छोड़ देता है,हम सभी इस line में हैं बिना किसी एहसास के। हम नही जानते की कितनें लोग हमारे आगे हैं कितनें लोग हमारे पीछे हैं,हम line के आगे भी नही जा सकते,line के पीछे भी नही जा सकते और line के बाहर भी नही जा सकते,हम line से बच नही सकते। इसलिए हर पल खुश रहो,रिश्ते को बनाये रखो,अपनों को प्यार दो,बड़ो को सम्मान दो,एक दूसरे के साथ रहो,सबकी मदद करो,सबको खुशियाँ दो। मृत्यु
Asha...#anu
"बेवफ़ा जिंदगी से इतनी महोब्बत क्यू...? जो शाश्वत,वफादार,सत्य होकर,इंतजार में खडी उससे आखिर डर क्यू...???" मृत्यु