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Parasram Arora
White मेरा वो गमगीन दिन बह गया आंसुओ क़ी बाड़ मे और ज़ब रात हुई तों मै सोचने लगा आज का दिन इतना लम्बा कैसे हुआ? जो काटे नही क्तट रहा था ©Parasram Arora गमगीन दिन
गमगीन दिन
read moreहिमांशु Kulshreshtha
म़ै.... तुमसे प्रेम करना छोड़ दूँगा उस दिन, जिस दिन, सूर्य परिक्रमा शुरु करेगा पृथ्वी की, जिस दिन, आग लग उठेगी बर्फ़ में, जिस दिन कवियों के बिना लिखी जायेंगी कवितायें बस, उसी दिन तुम्हारे प्रति मेरी भावनायें शून्य हो जायेंगी और मैं, विलीन हो जाऊँगा शून्य में उस दिन....!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha उस दिन...
उस दिन...
read moreDiya
White सूरज की रोशनी पहाड़ों से निकल कर धीरे-धीरे झांक रही है, फूलों की कलियां भी उनका साथ पाकर मुस्कुरा रही है। पूरी प्रकृति में देखो कैसे रौनक छा रही है, जर्रा जर्रा प्रतीक्षारत है, उनसे रूबरू होने को यह अखियां देखो कैसे तेरी राह ताक रही है। Good morning have a nice day🙏💐☕ ©Diya #good_morning_quotes #सूरज #किस्मत #पा #diyakikalamse
#good_morning_quotes #सूरज #किस्मत #पा #Diyakikalamse
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ठहरती नही खुशिया समझ आपसी ठहर नही पा रही है दस्तूर दुनियाँ में इतने है कद नारी का बढ़ाकर भी नींव परिवार की ढह जा रही है चुने हुये खुद के वर है फिर भी तेवरों से गृहस्थी बिगड़ी जा रही है समर्पण त्याग ममता की मूरत बनना था मगर न्यायालय में पुरुत्त्व को चुनौती दी जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari समझ आपसी ठहर नही पा रही है
#love_shayari समझ आपसी ठहर नही पा रही है
read moreranjit Kumar rathour
अब नहीं आओगी न फिर कभी बस इतना ही बोल पाया था जाओ खुश रहना अपना ख्याल रखना अटकी सी थी आवाज मेरी इतना कह कर उसे भर लिया था अपनी बांहों मे ये सब कुछ अचानक से हुआ आवाज रुआसी थी सीने से लगकर बोली आउंगी न मानो ढाडस दे रही थी उस वक्त मै कितना छोटा हो गया था वो छोटी होकर भी बड़ी भींच लिया था इस कदर बांहों मे जैसे ये अखिरी हो पता है अब तो तमाम उम्र यादो संग गुजारनी है उसके लेकिन हा जाते जाते कहा था भूलाना मेरी गलतियों को लेकिन भूलना गलतियों को सिर्फ हमें नहीं खुश रहना अपना ख्याल रखना ©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन
आखिरी दिन
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अध्ययन और अध्यापन स्तरहीन हुये गति देश समाज को दे नही पा रहे है आचरण और संस्कार की बाट लगा दी चरित्रों के चित्र खिल नही पा रहे है त्याग संयम गुरुओ का आकर्षण था जो छात्रों में नैतिकबल भरता था एक टीचर अपने ज्ञान से सौ सौ सूरज की प्रज्ञा प्रज्वलित करता था दिशाहीन को दिशा देकर भविष्य का नव निर्माण करता था प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #teachers_day चरित्रों के चित्र खिल नही पा रहे है
#teachers_day चरित्रों के चित्र खिल नही पा रहे है
read moreranjit Kumar rathour
और आज़ आखिरी दिन है कॉलेज का फिर शायद ही कोई मौका मिले कॉलेज आने का वैसे भी कौन आना चाहता है यहाँ सारे खड़ूस है सिवाय आपके सो आता रहा अब नहीं आना ये शब्द पता नहीं डरावने थे मगर पहली दफा एक आवाज़ निकली आना किसी बहाने बोल नहीं पाया वो समझती बहुत थी बोली आऊंगा न मन रखने के लिए बस इतने ही दिनों का साथ था शुक्रिया तुम्हारा तुमने जीवन मे एक नया पन्ना जोड़ा ©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन
आखिरी दिन
read moreRajendrakumar Jagannath Bhosale
प्रबोधन गीत स्त्री दास्यत्व झुगारून ज्ञान दीप चेतवून शिक्षणाची दोरी ओढली शाळा मुलींची काढली ll धृ ll वंचित बहुजनांसाठी घेतले ज्ञान महिला शिक्षिका प्रथम बहुमान मुलींसाठी शाळा काढली महात्मा फुल्यांची सावली ll १ll बावनकशी काव्यलेखन दीनदलितांसाठी वेचले कण विधवासाठी माय साऊ धावली सत्यधर्म तत्वे आचरलीll २ll विसरू नका तिच्या त्यागाला सामाजिक कार्य कर्तृत्वाला स्वाभिमानी ज्ञानज्योती दिली स्त्रीमुक्तीची ठिणगी सुलगली ll ३ll ©Rajendrakumar Jagannath Bhosale बालक दिन
बालक दिन
read moreseema patidar
White एक दिन के इंतजार में कितने दिन गुजर जाते है हमारे इंतजार में कितने दिन गुजर जाते है एक दिन बैठते है दिनों बाद साथ में हम और फिर उस दिन को गुजरे कितने दिन गुजर जाते है। ©seema patidar एक दिन को गुजरे कितने दिन गुजर जाते है
एक दिन को गुजरे कितने दिन गुजर जाते है
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