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हिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कर के मोहब्बत भरपूर तुमसे .. हिस्से में सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. ख़बर भी ना लगी कब दिल खो गया कब तेरी चाहतों के शिद्दत से तलबगार हुए .. ©हिमांशु Kulshreshtha कर के..
कर के..
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreManojkumar Srivastava
हास्य-व्यंग्य ©Manojkumar Srivastava #हास्य और व्यंग्य# हिंदी चुटकुले
#हास्य और व्यंग्य# हिंदी चुटकुले
read moreAndy Mann
Unsplash कालेज में इको के एक सर थे.. जब वो ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाते, तो खूब सारी कलर्ड चाक का इस्तेमाल करते!! हर स्टेप को अलग अलग इंफेसाइज करने के लिए.. बड़ी स्टाइल से बोलते थे... वो. हर रोज एक नये पैंट शर्ट ,टाई के साथ आते.. मैंने कभी उनको रिपीटेड कपड़े पहने हुए नहीं देखा था.. जो वो पहले कभी पहन कर आये हों उस जमानें में वो येज्डी मोटरसाइकिल से आते थे, गजब भौकाल था कालेज में.. छात्रों की जुबान पर उन्हीं की चर्चा रहती.. सर के कपड़े, सर का स्टाइल, सर की बाइक, सर का बोलनें का अंदाज़!! सर की भावभंगिमा!! मगर इन सबमें..जो एक बात उनमें एकदम अलग थी ..वो ये कि वो कभी स्टूडेंट्स से क्रास क्वेस्चन्स नहीं लेते थे क्लास में!! ना ही बुक से हटकर को कोई सवाल बताते थे जो पिछले वर्षों में आलरेडी में पूछा गया था अनसोल्ड पेपर में!! कुलमिलाकर कालेज उनको तबतक झेलता रहा जबतक उन्होंने संस्था के कुल 100 प्रतिशत आने वाले रिजल्ट को दस प्रतिशत से गिरा ना दिया!! ©Andy Mann #व्यंग्य Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava अदनासा- Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui
#व्यंग्य Ak.writer_2.0 Rakesh Srivastava अदनासा- Dr Udayver Singh Arshad Siddiqui
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreअनिल कसेर "उजाला"
मौसम बदल रहा है सम्हल के चल, दिल से दिल मिल रहा है सम्हल के चल। तूफां तो बहुत आयेंगे जिंदगी में तेरे, वक़्त भी निकल रहा है सम्हल के चल। ©अनिल कसेर "उजाला" सम्हल के चल
सम्हल के चल
read moreGhanshyam Ratre
शीत लहरें कोहरे का ठंडा का महिना है । गरम वाले सुती ऊनी वस्त्र लगते सुहाने हैं।। बहुत ठंडा लगता है ठंड से शरीर कांपते हैं। ठंडा में गर्मागर्म खाने के चीजें अच्छे लगते हैं।। ©Ghanshyam Ratre ठंडा के महिने
ठंडा के महिने
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क ओले राशन पानी पर गिराकर महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है मानक सफ़लता के सरकारों के पास है गफलत में हम, दम तोड़े जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
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