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Mahi Raj
Sarbjit sangrurvi
किसी के साथ ना, हमारी बात कोई। हमारे लिए अच्छा,, ना दिन,रात कोई। करना चाहता था, दोस्ती जिसके साथ, चाहता हूं जिसको, ना होती मुलाकात कोई। रखें हैं संभाल तोहफें, गीत प्रेम पत्रों में, हमारे हिस्से में ना, शहरों वाली सुगात कोई। तड़पते रहते मछली जैसे, नयन ज्योति की दीद को, जब भी आए गली हमारी, करे ना मुझसे बात कोई। सारा ज़माना खाता है, कसम हमारी संगरूरवी, मगर उसकी निगाहों में, नहीं हमारी औकात कोई।ज्ञ ©Sarbjit sangrurvi किसी के साथ ना, हमारी बात कोई। हमारे लिए अच्छा,, ना दिन,रात कोई। करना चाहता था, दोस्ती जिसके साथ, चाहता हूं जिसको, ना होती मुलाकात कोई।
अशेष_शून्य
प्रेमिका के माथे पर किया गया चुम्बन प्रेमी के आत्मा का वो मौन संवाद है ; जिसे धरा पुष्पों की पंखुड़ियों पर कई रंगों से लिखती है, और आकाश उसे निर्झर (झरना) के पलकों से झरे मोतियों की गुंजन में सुनता है!! ~©Anjali Rai— % & प्रेमिका के माथे पर किया गया चुम्बन प्रेमी के आत्मा का वो मौन संवाद है ; जिसे धरा पुष्पों की पंखुड़ियों पर कई रंगों से लिखती है,
सुसि ग़ाफ़िल
स्त्रियां पुरुषों की बजाए ज्यादा अदाकारी होती है , क्योंकि पुरुष के स्वभाव का आसानी से पता लग जाता है जब कोई बात उसको चुकी है तो वह मायूस हो जाता है गुस्सा करता है और खुशी के मौके पर खुशी व्यक्त करता है व्यक्त नहीं करता बल्कि उसके चेहरे पर होते हैं सभी हाव भाव! परंतु स्त्रियों के हालात आसानी से समझ में नहीं आते वह कितने दुख में हो दर्द में हो पर चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट ही रहती है अंदर से कितनी भी टूटी हुई हो सबके सामने वह हंसती हुई नजर आती है कुछ इस तरह से इनकी अदाकारी निराली होती है! कभी-कभी तो इनको अपने प्रेमी भी समझने में असमंजस हो जाते हैं , जिनकी व्याख्या प्रेम कहानियां और पत्रों में नहीं मिलती पर असल में सच बात है! स्त्रियां पुरुषों की बजाए ज्यादा अदाकारी होती है , क्योंकि पुरुष के स्वभाव का आसानी से पता लग जाता है जब कोई बात उसको चुकी है तो वह मायूस हो
Ravendra
Ravendra
Ravendra
JALAJ KUMAR RATHOUR
promise day quotes in Hindi सुनो प्रिय, कल हिंदी दिवस है। हाँ वही वाली हिंदी का दिवस जिसके शब्दों से बुनी पंक्तियाँ मैं तुम्हे भेजता था,मेरे प्रेम पत्रों में। तुम अक्सर मुझसे पूछती थी न कि तुम हिंदी से इतना प्रेम क्यूँ करते हो और मैं हंसकर टाल देता था। सच बताऊँ तो मुझे हिंदी से प्रेम इस लिए था क्युकी इसने सदैव माँ की तरह मेरी भावनाओ को समझा। जैसे बचपन में माँ मेरें ना बोलने पर भी मेरी तकलीफो को समझ लेती थी । उसी प्रकार ये भी समझ लेती है और दूसरों को भी समझाती है। मैं जानता हूँ विभिन्न भाषाओं से हम किसी के बीच अपने प्रेम को तय नही कर सकते लेकिन एक बात है कि अपनी मातृ भाषा में किया गए प्रेम का इजहार अन्य भाषाओं से थोडा ज्यादा विश्वास पात्र होता और दिल से सीधे जुड़ जाता है। या यूँ कहें कि हमे ऐसा लगता है। क्योंकि कहीं ना कहीं ये भाषा हमारे दिल से सीधे जुडी होती है। या यूँ कहें कि ये हमारे दिल की भाषा होती है। हिंदी दिवस की शुभकामनाएं ... #जलज सुनो प्रिय, कल हिंदी दिवस है। हाँ वही वाली हिंदी का दिवस जिसके शब्दों से बुनी पंक्तियाँ मैं तुम्हे भेजता था मेरे प्रेम पत्रों में। तुम अक्स
atrisheartfeelings
कमाल है दिखावे वाले लोगों का Please read captions and comments... शहर की सड़कों पर होर्डिग पर और बिजली के खम्बो पर जितने भी युवा ह्रदय सम्राट, युवा नेता अपने जन्मदिन की पूरे शहर को शुभकामनायें देते हुए नही थ