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Rohini Pande
भयहारिणी भवतारिणी जगजननी भव भामिनी..१ कुल स्वामिनी दुर्ग वासिनी हे प्रभावती सिद्ध योगिनी..२ ध्येय रूपिणी मधु भाषिनी हे दयानिधी शत्रू नाशिनी..३ सर्व मंगला त्वं हि श्यामला हे ब्राह्मसुता वंद्य सकला..४ रोहिणी पांडे #रोही पंचाक्षरी-देवी महती#
Akshay Ghayal
माँ माय आनंदात आपुल्या जी रोये आनंद आसुनी, उभी राही खंबीर जव्हा तू जाई खचूनी, जन्मल्या जन्मल्या रोये तू तव्हा हर्षान ती हर्षे, रडला परत कधी ना हसली ती झाली कित्येक वर्षे......||धृ|| आभाळाच्या त्या अथांगाहून उच्च तीची माया, रखरखत्या उन्हात तीची वृक्षापरी छाया, ऐसे तिचे गोड कौतिक नसावे फक्त मातृदिनी, रोज गुणगान असावे तिचे मुखी आत्मा सदा राही ऋणी....||१|| रगडलेल्या वाळूमंदी असे ती तेल, संपलेल्या वाटाला बने ती आशेचा वेल, उच्च तिच्या भरारीच कौतिक ना अंगावरी घेई, ऐसी तीची जीवनयात्रा पोटगोळ्यासाठी जाई.....||२|| उंबराच फुल ते पर ना समजे हर एकाला, भाऊबंदांनी वाटून घेतलं ती स एकमेकाला, ऐसे तिचे हाल ना कळती जगाला, जग हे पाही फकत तिच्या त्यागाला......||३|| ब्रम्हांडाच्या हदीअंती देखील नसे तिचा प्रेम अंत, इंद्रधनु परी प्रेम रंग तिचे अमाप प्रेमाचे पंथ, वाळवंटी हिरवाईचा ति असे भास, वननृप हातून सुटलेल्या पाडसाचा रोखलेला ती श्वास......||४|| महती तीची ज्यास ती नसे त्यास आज कळे, जगाचे मात्र दिखावाचे च पाणी नुसते खळखळे, जगास सांगे हा कवी महतीने ना फिटे तिचे उपकार, फेडण्या तिचे अल्प ऋण स्वप्न तिचे करा साकार..||५|| ©Akshay Ghayal #माँ / माझी आई/वात्सल्य/मायीची महती
Pooja Meena
कान्हा.. जो कुछ भी हु तेरे सहारे ये मालूम है ना जग में कोई हमारे... फिर भी उलझती हु इनमें ही मोहन... कृपा ही सदा तुम किए जा रहे हो.... राधे राधे 🙏 ©Pooja Meena कृपा....
Adv. Anjali Singh
शिव की शक्ति,मीरा की भक्ति,गणेश की सिद्धी , चाणक्य की बुद्धी , शारदा का ज्ञान , कर्ण का दान , राम की मर्यादा, कुबेर की सम्पन्नता भगवान आप सभी को दे सुप्रभात # कृपा#
Bhupendra Singh Solanki
कृपा कॉलेज की तरफ से कुछ बच्चों को वृद्धाश्रम में जाने का मौका मिल रहा था। मुझे भी मिला, मैं सोचता था की ये बुजुर्ग लोग कितने दुःखी रहते होंगे, क्योंकि अपने ही बच्चों के द्वारा उत्पीड़न की वजह से या किसी मजबूरी में ऐसी जगह रहना पड़ता है।जहां अपना कोई नहीं होता है। वो दिन आया जब हमको जाना था, कॉलेज की बस से ही हमें वहा ले जाया गया। क्या गतिविधियां करनी है, ये हमारे टीचर ने पहले ही बता दिया था। हम जैसे बस से नीचे उतरे तो देखा की मुख्य द्वार पर बहुत से ज्ञानवर्धक पंक्तियां लिखी हुई थी। अंदर से आश्रम हराभरा था, हर पेड़ के नीचे कई बुजुर्ग कुछ बच्चो और युवाओं को पढ़ा रहे थे, कई जगह कोई खेल हो रहा था, कई जगह महिलाएं खाना बनाना, कपड़े सिलना, आचार डालना जैसे काम सीख रही थी। सब तरफ चहल पहल थी। हमने भी कई सारे काम किए,खेल खेले,कहानियां सुनी और बहुत मज़े किए। श्याम हो गई थी, अब हमे जाना था। जाते वक्त मेने एक बुजुर्ग महिला से पूछा की आपको कभी अफसोस नही होता की आप घर से दूर हो या आपके पास आपके बच्चे या घर वाले नही है। उन्होंने मेरे सिर पर हाथ रखकर कहा की नही,घर पर मैं अपने बच्चों पर बोझ की तरह थी,अपनी मर्जी से वहा कुछ नही कर सकतीं थी। हमेशा लगता था की जिंदगी कट रही है। यहां लोग अपनी मर्जी से हमसे मिलने आते है, हमारे जैसे कई लोग है, हम यहां खुश रहते है, अपनी मर्जी से जो करना चाहे कर सकते है। मदद के लिए कई लोग है, सुख दुख बाटने के लिए एक बहुत बड़ा परिवार है। मुझे लगता है जैसे मैं जिंदगी जी रही हूं। उस ऊपर वाले की कृपा है, जिसने अच्छे लोग भी बनाए है। वरना इस उम्र में किसी को घर से निकाल देना, कोई इंसानियत नहीं। सारे बुजुर्ग हमे मुख्य द्वार तक विदा करने आए थे,मेरे मानस पटल पर वृद्धाआश्रम का नया चित्र उभर चुका था।अब मैं भी उन अच्छे लोगो की तरह बनना चाहता हूं, जो ऐसे अच्छे काम करते हैं। द्वारा - भूपेन्द्र सिंह सोलंकी (उज्जैन)मध्यप्रदेश ©Bhupendra Singh Solanki #कृपा
Parinita Raj "Khushboo "
******गुरु के छाव***** जिसके सिर पर गुरु का हाथ होता है जिसके जीवन में गुरु का प्यार होता है वो बड़ा चमत्कारी इंसान होता है जो बिन बोए वृक्ष की तरह फैल जाता है बिन खाद पानी के लहलहाने लग जाता है स्कूल कॉलेज गए बिन ही ज्ञान की बात करने लगता है मेहनत करे थोड़ा भी तो आसमान छू लेता है आंसू दे जमाना तो भी खिलखिलाते रहता है अपना दर्द सह, औरों के दर्द का मरहम बन घूमता है करता थोड़ा ही, पर पूरा पा लेता है कुरुर से मुलायम हो जाता है अंगुलिमाल डाकू से सन्यासी बन जाता है नाम ना ले कोई भी तो बेनाम के ही एक दिन नाम कर जाता है गुरु के छांव में रहने वाला कुछ ऐसा हो जाता है जैसा फिर कोई चाह कर भी नहीं हो पाता है ********"खुशबू कुमारी"****** #गुरु#कृपा
Swati Tiwari
उनके सम्मान के लिए हम अपनी सान्से त्याग देंगे पर हमारी भी कोई तौहीन ना कर सके ऐसा रुतबा उनका हो महादेव 🙏 कृपा करना 😇 ~स्वाति की डायरी✍️ ©Swati Tiwari महादेव कृपा
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
जब आप अकेले दौड़ते हैं तो उसे RACE कहते हैं और जब परमेश्वर आपके साथ दौड़ता है, तो उसे अनुग्रह / कृपा कहते हैं! ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). अनुग्रह / कृपा !