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हिमांशु Kulshreshtha
Unsplash तेरी यादों की ओढ़ कर चादर तेरे ख्यालों की गलियों में की हैं हम ने आवारागर्दियाँ बस यूँ ही काटी है हमनें दिसंबर की सर्दियाँ!! ©हिमांशु Kulshreshtha तेरी यादों की..
तेरी यादों की..
read moreParasram Arora
Unsplash बड़ी ज़हमते उठा ली. हमने तेरी बंदिगी के. पीछे तेरी हर ख़ुशी मेरी हैँ मेरी हर ख़ुशी के पीछे मै कहा कहा न अब तक भटका तेरी बन्दगी के पीछे ©Parasram Arora तेरी बन्दगी के पीछे
तेरी बन्दगी के पीछे
read moreF M POETRY
Unsplash आरज़ू है यही तमन्ना है.. तेरी बाहों में जीना मरना है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तेरी बाहों में...
#तेरी बाहों में...
read moreRajesh Sharma
Unsplash श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए ग़मो की कुर्बानी होनी चाहिए खुशनुमा रहे मंजर हमेशा ऐसी जिंदगानी होनी चाहिए क्या पता किसी का, क्या दौर आ जाए आज समय मजबूत, कल कमजोर आ जाए श्याम तेरी मेहरबानी होनी चाहिए ©Rajesh Sharma #leafbook श्याम तेरी मेहरबानी
#leafbook श्याम तेरी मेहरबानी
read morePriyanka pilibanga
तेरी ज़िन्दगी की, मैं एक कहानी बन जाऊं। उस कहानी में, तूं राजा, मैं रानी बन जाऊं। घर तेरा तालाब हों, तूं मछली, मैं पानी बन जाऊं। तेरी ज़िन्दगी की, मैं एक कहानी बन जाऊं। तुम्हें पसन्द है अगर कुछ नया, कुछ पुराना, तो मैं कुछ नई, कुछ पुरानी बन जाऊं। तूं राम जैसा बन जाना, मैं सीता जैसी सयानी बन जाऊं। तेरी ज़िन्दगी की मैं एक कहानी बन जाऊं। ©Priyanka Poetry तेरी कहानी बन जाऊं
तेरी कहानी बन जाऊं
read moreShishpal Chauhan
White अपनी लेखनी से कभी लिखता हूँ, कभी लिखकर मिटाता हूँ । कभी हृदय का प्रेम छुपाता हूँ, कभी सोए हुए को जगाता हूँ । लेकिन मैं सोचता हूँ कि तुमने मेरी लेखनी से प्यार नहीं किया यह तुम्हें मैं क्यों बताता हूँ , तुमने तो मेरे व्यक्तित्व से प्रेम किया; यह सोचकर सहम-सा जाता हूँ । तुम्हें पढ़ने की फुर्सत नहीं है ; यूँ ही दिल को ठेस पहुँचाता हूँ, मुझे वो चेहरा पसंद नहीं है ; केवल दिखावा करता है मैं आपनी लेखनी से ही मन को बहला लिया करता हूँ । अ मेरे जीवन साथी शायद तुम्हें पता ही नहीं मेरी जिंदगी को तुमने कितना बदल दिया सोते हुए नींद में भी लिख लिया करता हूँ , लेकिन तुम्हें क्या फर्क पड़ता है मेरी नींद हराम करने वाली बेकार में ही दिल की धड़कन बढ़ा लिया करता हूँ। तुमने मेरी प्रेम की गहराईयों को समझा ही नहीं तेरी यादों से ही बेरहम अंधेरी रात काट लिया करता हूँ, तुम साथ न दो कोई बात नहीं ; अश्कों को ही स्याही बना लिया करता हूँ। मैं तुमसे मिलने से पहले एक बेजान-सा पुतला था तुमने ही मुझे दिया नाम, पी लिया करता हूँ गमों का जाम। पहचान और शोहरत दी बस तू मेरे साथ रहे यही मैं चाहता हूँ, जैसे सुनार सोने को पिघलाकर आकार देता है तुमने मेरी जिंदगी ही बदल दी तुम से जुदा न हो पाऊँगा बस तुझमें ही खो जाना चाहता हूँ। कितने लोग आए और कितने चले गए कईयों के रिश्ते बिगड़ गए तो कईयों के संवर गए सुख हो दुख हो तुम्हारे संग हर लम्हा बिताना चाहता हूँ, कुछ लोग प्यार की गंभीरता को समझते हैं वे दुनिया को बहुत कुछ दे जाते हैं शायद मैं भी उनमें से एक हूँ अपने मधुर शब्दों से यादें छोड़ देना चाहता हूँ। प्यार में झूठे वायदे झूठी कसमें खाई जाती है उनको निभाता है कोई-कोई ऐसे बंधन में नहीं मैं बंद जाना चाहता हूँ, प्रेम ईश्वर का दिया एक नायाब तोहफ़ा है; उसमें एक अलग खुशबू है अपनी पवित्रता का ख्याल रखना चाहता हूँ । लेखन बयां कर देता है दिल का हाल – चौहान, लेखनी है मेरी जान ।। ©Shishpal Chauhan #मेरी लेखनी से
#मेरी लेखनी से
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