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NAGENDRA MOHAN SHUKLA
journalistrajashrivastava
सुखिया सब आरक्षित है। सुविधा लेकर भी शोषित कहलाये। दुखिया सब अनारक्षित है। सुविधा खोकर भी अत्याचारी कहाये। #KalyugKaRawan👑😎🕉️🙏 #GoldDigger💰 #कलयुगकारावण सुखिया सब आरक्षित है। सुविधा लेकर भी शोषित कहलाये। दुखिया सब अनारक्षित है। सुविधा खोकर भी अत्याचारी कहाये। #KalyugKaRawan👑😎🕉️🙏 #GoldDigger💰
कुमार रंजीत (मनीषी)
हर एक व्यक्ति अपने अंदर एक संसार लिए फिरता है और जब कोई व्यक्ति अपने आप में बदलाव लाता है तो उसका पूरा संसार बदल जाता है इसलिए कहता है संसार बदलने के लिए शुरुआत खुद से करनी होती है ©कुमार रंजीत संसार बदलना है
prachianshu dixit
सिर्फ एक दिन ही नही... औरत का सम्मान हो हर बार वह है तो बरकरार रहेगा आपका भी संसार.. अब नारी अबला नहीं... खुद में ही है काफी नारी .. गर हो पाये आपसे यह एक उपकार.. तो नारी को भी प्यार और इज़्ज़त दें जिसकी वो भी तो है हकदार.. #संसार है नारी
Aashutosh Aman.
स्वारथ लागि करहिं सब प्रीति सुर नर मुनि सब कै यहि रीति।। जाको अनुभव होय जबै तब। हृदय जाने कैसी बीती।। सब जाने ये रीति पुरानी। स्वारथ हेतु करै विसरानी।। सब जाने ये जगत बहूतो। पर जासे नहि जगत अछूतो।। स्वारथ में स्वारथ जो भायो। स्वारथ ने स्वारथ भरमायो।। जानत बूझत स्वारथ भायो। स्वारथ में शोषण करबायो।। स्वारथ है सब मूल दुखन को। स्वारथ ही स्वारथ मनन को।। जगत स्वामी मन स्वारथ आयो। स्वारथ कारण जगत बनायो।। सब जानत और सबहि बिसारें। कष्ट होय तब सबहि विचा विचारै||। 🙏🙏🙏🙏🙏 ।।आशुतोष अमन।। _______&&&&& ©Aashutosh Aman. स्वारथ है संसार।
Dear Alfaz
बेटी के पैदा होते ही मार देने वालो जरा सुन लो "बेटी है तो संसार है" "बेटी ना हो तो संसार नष्ट है"।।। बेटी है तो संसार है
HP
Guru Purnima 👉 Yah Sansaar Kya Hai यह संसार क्या है? एक दिन एक शिष्य ने गुरु से पूछा, 'गुरुदेव, आपकी दृष्टि में यह संसार क्या है? इस पर गुरु ने एक कथा सुनाई। एक नगर में एक शीशमहल था। महल की हरेक दीवार पर सैकड़ों शीशे जडे़ हुए थे। एक दिन एक गुस्सैल कुत्ता महल में घुस गया। महल के भीतर उसे सैकड़ों कुत्ते दिखे, जो नाराज और दुखी लग रहे थे। उन्हें देखकर वह उन पर भौंकने लगा। उसे सैकड़ों कुत्ते अपने ऊपर भौंकते दिखने लगे। वह डरकर वहां से भाग गया कुछ दूर जाकर उसने मन ही मन सोचा कि इससे बुरी कोई जगह नहीं हो सकती। कुछ दिनों बाद एक अन्य कुत्ता शीशमहल पहुंचा। वह खुशमिजाज और जिंदादिल था। महल में घुसते ही उसे वहां सैकड़ों कुत्ते दुम हिलाकर स्वागत करते दिखे। उसका आत्मविश्वास बढ़ा और उसने खुश होकर सामने देखा तो उसे सैकड़ों कुत्ते खुशी जताते हुए नजर आए। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। जब वह महल से बाहर आया तो उसने महल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्थान और वहां के अनुभव को अपने जीवन का सबसे बढ़िया अनुभव माना। वहां फिर से आने के संकल्प के साथ वह वहां से रवाना हुआ।' कथा समाप्त कर गुरु ने शिष्य से कहा.. 'संसार भी ऐसा ही शीशमहल है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों के अनुरूप ही प्रतिक्रिया पाता है। जो लोग संसार को आनंद का बाजार मानते हैं, वे यहां से हर प्रकार के सुख और आनंद के अनुभव लेकर जाते हैं। जो लोग इसे दुखों का कारागार समझते हैं उनकी झोली में दुख और कटुता के सिवाय कुछ नहीं बचता.....।' यह संसार क्या है