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SumitGaurav2005
कितने ही दिन महीने कितने ख़्याल लगे हैं, 4400 स्टोरी पूरे करने में मुझे कई साल लगे हैं। इस ऐप पर हमने यही तो दौलत कमाई है। जिसे नष्ट करने की प्लानिंग आपने बनाई है। खो देंगे सब कुछ अपडेट ना करने पर, शायद ऐप यूजर बनने की कीमत चुकाई है! ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😔 ©SumitGaurav2005 कितने ही दिन महीने कितने ख़्याल लगे हैं, 4400 स्टोरी पूरे करने में मुझे कई साल लगे हैं। इस ऐप पर हमने यही तो दौलत कमाई है। जिसे नष्ट करने की
कितने ही दिन महीने कितने ख़्याल लगे हैं, 4400 स्टोरी पूरे करने में मुझे कई साल लगे हैं। इस ऐप पर हमने यही तो दौलत कमाई है। जिसे नष्ट करने की
read moreIndian Kanoon In Hindi
पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :- * किसी दूसरे शख्स की पहचान से जुड़े डेटा, गुप्त सूचनाओं वगैरह का इस्तेमाल करना। मिसाल के तौर पर कुछ लोग दूसरों के क्रेडिट कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, डिजिटल आईडी कार्ड, ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन पासवर्ड, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर वगैरह का इस्तेमाल करते हुए शॉपिंग, धन की निकासी वगैरह कर लेते हैं। जब आप कोई और शख्स होने का आभास देते हुए कोई अपराध करते हैं या बेजा फायदा उठाते हैं, तो वह आइडेंटिटी थेफ्ट (पहचान की चोरी) के दायरे में आता है। * आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 के तहत कार्रवाई की जाती हैं अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल और/या एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाता है। ©Indian Kanoon In Hindi पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :-
पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :-
read moreDiya
White मोबाइल जब होता है हाथ में , तो दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते ऑनलाइन उसको , रूबरू हो जाते हैं, बेचैनियां होती नहीं🤷♂️ ©Diya #मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷♂️#diyakikalamse✍🏼❤
#मोबाइल जब होता है #हाथ में तो #दूरियां लगती नहीं, जैसी देखते #ऑनलाइन उसको रूबरू हो जाते हैं, #बेचैनियां होती नहीं🤷♂️diyakikalamse✍🏼❤
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पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :- * किसी दूसरे शख्स की पहचान से जुड़े डेटा, गुप्त सूचनाओं वगैरह का इस्तेमाल करना। मिसाल के तौर पर कुछ लोग दूसरों के क्रेडिट कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, डिजिटल आईडी कार्ड, ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन पासवर्ड, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर वगैरह का इस्तेमाल करते हुए शॉपिंग, धन की निकासी वगैरह कर लेते हैं। जब आप कोई और शख्स होने का आभास देते हुए कोई अपराध करते हैं या बेजा फायदा उठाते हैं, तो वह आइडेंटिटी थेफ्ट (पहचान की चोरी) के दायरे में आता है। * आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 के तहत कार्रवाई की जाती हैं अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल और/या एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाता है। ©Indian Kanoon In Hindi पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून
पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून
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