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shalini jha
White भावों का जीवन को वरण कर जीवंत रह दुःख से सुख की यात्रा जीवन की शाखाओं पर पत्तों सा लहराना हवा के झोंको में सुगंध बन दिशाओं की निर्मलता का स्पर्श नदी बन सागर के खारेपन में घुल जाना मिठास का छांव बन छिप जाना शीतलता को कुछ क्षण प्रकाश का दिव्यता बोध से भरे सकारकता के कई कई प्रमाण हैं ©shalini jha # भावों का जीवन को वरण कर जीवंत हो सुख दुख को बांटना जीवन की शाख पर पत्तों सा लहराना हवा के झोंको में सुगंध बन दिशाओं की निर्मलता
# भावों का जीवन को वरण कर जीवंत हो सुख दुख को बांटना जीवन की शाख पर पत्तों सा लहराना हवा के झोंको में सुगंध बन दिशाओं की निर्मलता
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreNischhal Raghuwanshi
किसी की लेखनी से प्रभावित होने वाले ध्यान रखिए! लेखक वह लिखता है जो वह होना चाहता है वह नहीं जो वह अभी है। हां, कुछ लेखक अपने गढ़े हुए चरित्र सी खूबियां अपने में भी समा लेते हैं पर केवल कुछ....सभी नहीं।।। @indian_निश्छल ©Nischhal Raghuwanshi #Likho #लेखक #writer #Poetry #Love #Indian
हिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कर के मोहब्बत भरपूर तुमसे .. हिस्से में सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. ख़बर भी ना लगी कब दिल खो गया कब तेरी चाहतों के शिद्दत से तलबगार हुए .. ©हिमांशु Kulshreshtha कर के..
कर के..
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White दुबारा मिट्टी न सटाना, मैं जो आत्मा हूं, परमात्मा तेरा अंश, मेरा करना न विध्वंस, लपेटे मिट्टी, जो अबकि हटाना, दुबारा मिट्टी न सटाना। अगर में जोत हूं तेरी, न कालिख उपजे दिये लगाना, न सूरज की रोशनी बनाना, अंधेरी रात पनपे बाद, हड़पे चांदनी का सबब, न चांद की करना बुनियाद, नहीं नूर नजर का करिये, करिया अंखियां उसपे काजल, न मंजर बदलता रंग, वो क्या जोत होऊं सबब, सुन लो खुद में समोये बिखेरो, सच की वो चमक कर छितरा, समेटो फिर तो तेरा ही ठिकाना, बिल्कुल 'अपना' प्रकाश बनाना। ©BANDHETIYA OFFICIAL #GoodNight #परमात्मा का प्रकाश।
#GoodNight #परमात्मा का प्रकाश।
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreGhanshyam Ratre
शीत लहरें कोहरे का ठंडा का महिना है । गरम वाले सुती ऊनी वस्त्र लगते सुहाने हैं।। बहुत ठंडा लगता है ठंड से शरीर कांपते हैं। ठंडा में गर्मागर्म खाने के चीजें अच्छे लगते हैं।। ©Ghanshyam Ratre ठंडा के महिने
ठंडा के महिने
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क ओले राशन पानी पर गिराकर महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है मानक सफ़लता के सरकारों के पास है गफलत में हम, दम तोड़े जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
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