Find the Latest Status about लगती हूं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लगती हूं.
Balraj Chaprana
वो मेरा हाथ पकड़ कर कोने में ले जाती है। हर बार मुझे कोई जरूरी काम लगता है। blrj मगर हर बार वो मुझसे एक ही बात पूछती है। सच बताओ तुम्हें यंहा कोन अच्छा लगता है। में केसी लगती हूं..
Mohan Sardarshahari
रह रहकर रोने लगती हूं जब भी यादें तेरी ढोने लगती हूं यह जिंदगी है यारा ख्वाब फिर नये संजोने लगती हूं।। ©Mohan Sardarshahari ख्वाब नये संजोने लगती हूं
Bulbul varshney
कभी किसी की यादों को लेकर तो कभी किसी की बातों को लेकर एक पल में हंसती हूं तो दूसरे ही पल में रोने लगती हूं खुद की गलती ना होने पर भी अपने अंदर ही कमी ढूंढने लगती हूं। ©Bulbul varshney #sad😔 रह रह कर रोने लगती हूं।
Vivek
लफ्ज़ ए नारी,, बनाए होते खुदा हमें तो गिरने न देते एक भी अंशू मेरे संवारे होते मर्द हमें तो कब का नीलाम कर दिए होते ये तो हम नारियां है साहब जो खुद का पेट गला के सबको संसार दिखाते जब जब मर्द हुए हताश हम ही उसको मार्ग दिखाए पड़ी जरूरत रोटी की तो हम ही खुद को बाजारू बतलाए कहते हो हम क्या हैं अरे साहब हमीं तो सबको चलना सिखलाते फिर भी लोग हमें ही रुलाते हमीं तो सबको चलना सिखलाते !! ©Vivek #रह रह कर # रोने लगती हूं #लफ्ज़ ए नारी #
अल्फ़ाज़
ख़ुद की ख़ुशी नहीं देखी जाती है, मुझ से, मै फ़िर उसका ख़्याल करने लगती हूं। #अल्फ़ाज़ मै तुझको याद करने लगती हूं, ख़ुद को डुबा कर तेरी यादों में मै तुझ से प्यार करने लगती हूं मै फ़िर हक़ीक़त याद कर रोने लगती हूं, मै न चाह कर भ
Ganesha ki ladli
सब पूछते हैं कि तुम कैसी हो ✧ तो आज बताती हूं कि मैं ऐसी हूं ◉‿◉ जंगली जड़ी बूटी ✿ सी हूं मैं किसी को जहर ☬ तो किसी को दवा 🤗 सी लगती हूं मैं ©Ganesha ki ladli जंगली जड़ी बूटी🌱 सी हूं मैं किसी को जहर☬ तो किसी को दवा 🤗सी लगती हूं मैं
Akki Agarwal
लाखों की भीड़ में, तुम्हें पहचानने का हुनर रखती हूं न जाने क्यों तुमसे कुछ जुड़ी लगती हूं.... ©Akansha Agarwal लाखों की भीड़ में, तुम्हें पहचानने का हुनर रखती हूं न जाने क्यों तुमसे कुछ जुड़ी लगती हूं.... #akkiagarwal #Shayar #Nojoto
Shayaraa
कोई दिक्कत नहीं है गर तुम्हे उलझी सी लगती हूं, मै पहली मर्तबा मिलने मे सबको ऐसी लगती हूं, जरुरी तो नहीं हम साथ है तो कोई चक्कर हो, वो मेरा दोस्त है और मै उसे बस अच्छी लगती हूं, सोचती हूं ना जाने कहाँ से आ गये है, हमारे बीच ज़माने कहाँ से आ गए है, मै शहर वाली सही तू तो गांवजादा है, तुझे बहाने बनाने कहाँ से आ गए है.. कोई दिक्कत नहीं है गर तुम्हे उलझी सी लगती हूं, मै पहली मर्तबा मिलने मे सबको ऐसी लगती हूं, जरुरी तो नहीं हम साथ है तो कोई चक्कर हो, वो मेरा द