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Naresh Kumar
एक नयी शुरुआत, एक नयी शुरुआत अच्छे लोगों के साथ अच्छी संगत में रहकर आगे बढ़ना है । प्यार मोहब्बत से एक दुसरे के साथ अच्छी जिंदगी व्यतीत करनी चाहिए । हंस कर व मिलजुल रहना चाहिए । जिंदगी आराम से कट जाएगी । ©Naresh Kumar एक दुसरे के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए । #nayishuruaat
Akash Chaurasiya
वृक्ष एक परिवार की तरह होता है और हम सब उस वृक्ष की टहनियों की तरह है जिनका कोई अस्तित्व नही उस वृक्ष के बिना!! #परिवार की उपयोगिता को समझे और मिलजुल कर रहने का प्रयास करे।।
Ashraf Fani【असर】
पंछी, पत्ते और हवायें मिलजुल कर कुछ गीत सुनाये भौरे फूलों पर मंडराए आसमान पे तारे गाये ख़ुश होने को हमको देखो कैसे कैसे रंग सजाये मनमोहक माहौल बनाये पंछी, पत्ते और हवायें मिलजुल कर कुछ गीत सुनाये ©Ashraf Fani【असर】 पंछी, पत्ते और हवायें मिलजुल कर कुछ गीत सुनाये भौरे फूलों पर मंडराए आसमान पे तारे गाये ख़ुश होने को हमको देखो कैसे कैसे रंग सजाये मनमोहक माहौ
Gufran jameel
Gufranhabkajananaksisksk मिलजुल कर रहने का जज़्बा हो तो नुकिले और सख़्त सींग भी रुकावट नहीं बन सकते -Gufran jameel
yogesh atmaram ambawale
मिलजुल कर हल ढूँढते है, है जो भी समस्या,उसका समाधान ढूँढते है. सभी की बातें सुनते है,विचार करते है, हर समस्या का मिलजुल कर हल ढूँढते है. सुप्रभात। ऐसी कोई समस्या नहीं आपसी सहयोग के साथ जिसका हल न ढूँढा जा सके। #मिलजुलकर #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote D
Wakeupishere
𝐌 𝐑𝐀𝐇𝐌𝐀𝐍
مل جل کر حل ڈھونڈتے ہیں چلو! گزرا ہوا کل ڈھونڈتے ہیں سنا ہے صبر کا پھل میٹھا ہوتا ہے آؤ مل کر وہ پھل ڈھونڈتے ہیں الجھنوں سے نپٹنا ہے اگر ہمیں تو چلو کچھ ایسا حل ڈھونڈتے ہیں۔ मिलजुल कर हल ढूंढते हैं चलो! गुज़रा हुआ कल ढूंढते हैं सुना है सब्र का फल मीठा होता है आओ मिलकर वह फल ढूंढते हैं उलझनों से निपटना है अगर हम
Allauddin Ansari
.... जिस ‘अपनेपन’ से लोग ‘मिलजुल’ कर लाॅकडाउन का पालन कर रहे हैं, उस हिसाब से सिर्फ 5 दिन बचे हैं, लाॅकडाॅउन 3.0 शुरू होने में। https://sehrezind
Author kunal
मैं कुनाल काफ़िर कवि सत्य की खोज में ,मैने गीता भी पढ़ा ,कुरान भी पढ़ा और बाइबल भी पढ़ा पर जाती , धर्म को आधार मान मनुष्य का वजूद है ये नहीं पढ़ा कही भी मैने खुदा के रूप में प्रेम पढ़ा और धर्म के रूप में इंसानियत पढ़ा मधुर प्रेम रस में डूबी मीरा पढ़ा मसीहा के रूप में फरिश्ता पढ़ा मुहब्बत और पैगंबर के रूप में मुहम्मद पढ़ा पर नफरत और अहिंसा की आग में झुलसता कोई धर्म कोई मसीहा कोई पैगंबर कोई राम नहीं पढ़ा जब धर्म को बताने वाली ग्रंथ डूबा प्रेम रस में तो हम उसे पूजने वाले इंसा क्यों झुलस रहे नफरत में ,अहिंसा में , बुराई में । #कठोर_सत्य #धर्म का नाम ले दंगा ना करे मिलजुल कर रहे इस महायुद्ध को साथ साथ लरे #खुश रहे घर में रहे #ये बस सत्य को बताता है अर्थात अनाव