Find the Latest Status about स्वतंत्रता पुकारती है कविता का भावार्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, स्वतंत्रता पुकारती है कविता का भावार्थ.
Jk
Bharat Bhushan pathak
केवल आजादी नाम नहीं ,है आत्मा यह हर जन की। विकास को हो भोजन चाह ,इस भांति आहार तन की।। मन को जो देती शीतलता,समीर वह ठंडी आजादी। अभिमान हो जिस पर सदा ही,वही सम्मान आजादी।। ©Bharat Bhushan pathak #आजादी#स्वतंत्रता#आजादीमेरीनज़रमें #Freedom#freedommeans #मनोभाव
HintsOfHeart.
"दोनों ओर प्रेम पलता है सखि, पतंग भी जलता है हाँ! दीपक भी जलता है! बचकर हाय! पतंग मरे क्या? प्रणय छोड़ कर प्राण धरे क्या? जले नहीं तो मरा करे क्या? क्या यह असफ़लता है? दोनों ओर प्रेम पलता है।"¹ ©HintsOfHeart. #Good_Night 💖 #मैथिलीशरण_गुप्त 1.मैथिलीशरण गुप्त- 'दोनों ओर प्रेम पलता है' कविता का अंश।
Mahendra Gupta
mahi raj ... ©Mahendra Gupta मुंह फेर लेते है #Nojoto #viral #कविता
HintsOfHeart.
"अनिमेष दृगों से देख रहा हूँ आज तुम्हारी राह प्रिये है विकल साधना उमड़ पड़ी होंठों पर बन कर चाह प्रिये "यौवन की इस मधुशाला में है प्यासों का ही स्थान प्रिये फिर किसका भय? उन्मत्त बनो है प्यास यहाँ वरदान प्रिये"¹ ©HintsOfHeart. #भगवतीचरण_वर्मा #Good_Night 💖 1.भगवतीचरण वर्मा की कविता 'तुम अपनी हो, जग अपना है' का एक अंश।