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Naseem Raza
White तुम्हारी याद दिल से जाने नहीं देंगे, तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे, रोज़ शराफत से मैसेज किया करो वरना, एक कान के नीचे देंगे और रोने भी नहीं देंगे। 🤗😊 ©Naseem Raza #love_shayari तुम्हारी याद दिल से जाने नहीं देंगे, तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे, रोज़ शराफत से मैसेज किया करो वरना, एक कान के नीचे
#love_shayari तुम्हारी याद दिल से जाने नहीं देंगे, तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे, रोज़ शराफत से मैसेज किया करो वरना, एक कान के नीचे
read moreबेजुबान शायर shivkumar
देखों बारिश मे वो रंगीन लम्हों को मेरी हर धड़कन में तेरा नाम लिखा है हम दोनों एक साथ उस umbrella के नीचे ये पल है सच्चा , न छूटे हाथ किसी का बस थामे रखना ©बेजुबान शायर shivkumar देखों बारिश मे वो रंगीन लम्हों को मेरी हर धड़कन में तेरा नाम लिखा है हम दोनों एक साथ उस umbrella के नीचे ये पल है सच्चा , न छूटे हाथ किसी क
देखों बारिश मे वो रंगीन लम्हों को मेरी हर धड़कन में तेरा नाम लिखा है हम दोनों एक साथ उस umbrella के नीचे ये पल है सच्चा , न छूटे हाथ किसी क
read moreBROKENBOY
सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है तुझे खोने से, तेरे दूर होने से, मेरे लबों पर बैठी कविता तू है, तुम ही मेरे जख्मों की दवा भी , तेरे ही दिल के कोने में मिले मुझे बंदगी , भले देता रह सजा ही, जिस ख्याल से यह कलम चले वो किस्सा तूं ही है, जिसके बिना मेरी कहानी और मैं अधूरा हूं, वो हिस्सा तू ही है, दूरियों की मजबूरियों के नीचे हम दोनों की चीखें दबी है, तुझे खोने से बेहतर है हांरूगा हर जंग में, यह कहकर मैं गलत और तू सही है, ©BROKENBOY #UskeHaath सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है त
#UskeHaath सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है त
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
स्वलिखित शायरी शीर्षक रिश्तों का शीशमहल विधा शायरीनुमा भाव वास्तविक रिश्तों का शीशमहल कब मकान में बदल गया पता न चला, भावुकता कब ईंट पत
read moreनवनीत ठाकुर
White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिसाब, पर फिज़ा तक असर नहीं जाती। ख्वाब जलते हैं रात की आग में, सुबह उनकी खबर नहीं आती। खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे, जैसे राह कोई नजर नहीं आती। आईने भी सवाल करते हैं अब, पर उनकी सूरत उभर नहीं आती। ©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
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