Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मनोहर हूं Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मनोहर हूं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मनोहर हूं.

Stories related to मनोहर हूं

gaTTubaba

#love_shayari हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं

read more
White हमको कहां आता हैं 
तुमसे बिछड़ना 


दूर भी तुझसे हूं 
पास भी तेरे हूं

©gaTTubaba #love_shayari हमको कहां आता हैं 
तुमसे बिछड़ना 


दूर भी तुझसे हूं 
पास भी तेरे हूं

Ashok Verma "Hamdard"

मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं

read more
White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ,
थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ।

गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं,
हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ।

तेरी राहों का राही बनूं कैसे,
मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ।

बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है,
मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ।

पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है,
पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ।

मंजिल मेरी भी होगी एक दिन,
सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ।

भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं,
मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ।

तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद,
खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ।

अशोक वर्मा "हमदर्द "

©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं

Shyarana Andaaz (अज्ञात)

फिराक में हूं।

read more

M.K Meet

दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂

read more
दिल को पत्थर बनाने की कशमकश में हूं!
के वह बार-बार तोड़े,और मुझे दर्द भी न हो






.

©M.K Meet दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं 
पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 
😂😂😂😂😂😂😂😂

विष्णु कांत

मैं तुझे जान मानता हूं

read more

विष्णु कांत

मैं बदल गया हूं

read more

डॉ.अजय कुमार मिश्र

डरता हूं

read more
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं,
जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं।

हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की,
आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं।
धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।।

 कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से ,
आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं।

कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार।
आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं

विष्णु कांत

मैं मर गया हूं।

read more

Hari

अपने होठों पर सजाना चाहता हूं

read more

Ajay Tanwar Mehrana

poetry in hindi पागल हूं मैं

read more
पागल हूं क्योंकि प्यार पाया है मैंने 
          तुम सयाने तो बहुत कुछ खो बैठे ।

          शौला हूं क्योंकि शौर्य पाया है मैंने 
         तुम शीतल बर्फ बेवजह पिघल बैठे ।

          गंवार हूं क्योंकि शहर गंवाया है मैंने 
          तुम तो गांव को छोड़ शहर जा बैठे ।

           रुग्ण हूं क्योंकि वो रोग पाया है मैंने 
           जिसे सब लोग अपराध कह बैठे ।

           जिद्दी हूं क्योंकि जिस्म पाया है मैंने 
           तुम सहज शील खुद को ही खो बैठे ।

©Ajay Tanwar Mehrana  poetry in hindi
पागल हूं मैं
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile