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नशीली कलम
Zindagi quotes ये वक़्त किसी का सगा नही है नशीली कलम मेने उन नोटो को भी बाज़ार में पड़े देखा है जो एक समय पुरा बाज़ार खरीदने की औकात रखते थे Baldev pandey #NojotoQuote भरतीय मुद्रा
Phool Singh
ध्यान मुद्रा स्वयं की खोज ही आत्मज्ञान कहलाती, सत्य का कराती बोध एक बिंदु पर ध्यान लगाओ तो जानों क्या झूठ-सच में भेद।। मीन की आँख बने केंद्र बिंदु जब, माया-छाया न टिकती देर अंकुर फूटता तब ज्ञान प्रकाश का निर्माण ब्रह्माण्ड का होता देख।। ज्ञान पाने के होते दो ही रास्ते, गुरू से या खुद से सीखते देख पर सच्चा ज्ञान तुम्हे खुद ही मिलेगा तेरी जो खुद से कराता भेट।। कट जाओगे तब जग-संसार से, जब स्वयं को अंतर्ध्यान में खोते देख प्रकाशित होगा तन-मन ज्ञान से तो पाओ विभिन्नता में सत्ता एक।। धुल जायेगा मैल दिल से, हृदय में दोष न रहेगा एक निर्मल-निश्छल जीवन होगा तब कष्ट न रहेगा एक।। कोई न वस्तु अप्राप्तय होगी, हर पल प्रशंसा-प्रसिद्धि में बढ़ोत्तरी देख जग जीवन से मन ऊब जायेगा स्वयं को तब ध्यान में डूबा देख।। ©Phool Singh ध्यान मुद्रा
Parasram Arora
सुख स्वर्ण मृग है ज़ब सुख दुसरो से मिलता हुआ मालूम. पडे तो समझ लेना कि धनुरदारी राम चले स्वर्ण मृग की खोज मे..... और अब तो सीता की चोरी होकर रहेगी ज़ब दूसरे के पीछे हम सुख खोजने चले जाते है तो हमारे भीतर ज़ो अंतरात्मा रुपी सीता है उसकी चोरी हो जाती है ©Parasram Arora स्वर्ण मृग
Arora PR
White इस युग की सीता भी स्वर्ण मृग की ख्वाहिश इस युग के राम के सामने ज़ाहिर कर सकती हैं पर मुझे लगता हैं आधुनिक जगत के राम सीता की इस कामना क़ो सम्मान नहीं दे पाएंगे ©Arora PR स्वर्ण मृग
Ek villain
आभासी मुद्रा कहकर पुकारना क्रिप्टोकरंसी की सत्ता और महत्व पर प्रहार था ऐसे उसे बुरा लगना स्वाभाविक था उसे ही टारगेट किया जा रहा है कि जब कि ऐसे में कोई करेंसी अपना लोहा मनवाती रही है उन पर भी तो कोई ध्यान दें क्रिप्टो करेंसी की इस बात पर दम था मुद्रा के विविध रूपों की व्याख्या सुन अतीत में झांका तो कुछ करंसी दृश्य सामने आए पहला देश में अपनी सफलता के पीछे छुपी संघर्ष यात्रा के बयान कर रहे थे अपनी बात कह जा रहे थे वह मौजूद लोग उनके हाव-भाव वस्त्र विन्यास को गौर से देखते हुए यह सोच रहे थे कि उन्हें किसी ना कोई काम करते तो अब तक नहीं देखा फिर इन संघर्ष सफलता में कैसे शामिल हो गए सहस लफ्जों करेंसी की याद आई यह करेंसी है जो स्वयं आकार लिपट जाती है देखते ही देखते बिना कोई काम किए लोग कहां से कहां पहुंच जाते हैं यह क्रिप्टो करेंसी का प्रभाव है वर्षों से जमे जमाए धंधे पर चोट करने वालों का वह लानत भेज रहे थे कह रहे थे कि बरसों से यह काम कर रहे हैं तब किसी को ध्यान नहीं आया आज अचानक क्या हो गया है हमें टारगेट किया जा रहा है हमने एक-एक पैसा जोड़कर यह मुकाम हासिल किया है आज हमें शक की नजरों से देखा जा रहा है अरे एक देते हैं तो 10 लेते हैं यह कोई सरकारी आरआरसी तो है नहीं जो यूं ही वसूली जाए हमें इतनी आसानी से थोड़ी ना दे देते हैं कोई अलग हालत में हाथ डालकर पैसे निकालना पड़ता है उन्हें इस आक्रोश भरे व्यक्तियों को सुनकर जब तो करेंसी याद आ गई ©Ek villain #आभासी मुद्रा प्रभावी #doubleface
Shailendra Shainee Official
स्वर्ण बाली 6 ये रात कितनी लंबी कारी, कहे नाही बीते हाली। कैसी कैसी बात सोची, धुआं धुआं मन हो भारी। कश्म कश में उलझी जाती सोची सोची यही बाती। अश्व मन का दौड़े खाली, जाने क्या हो आगे हानी। ©Shailendra Shainee Official #स्वर्ण बाली 6
Shailendra Shainee Official
स्वर्ण बाली 4 चांद चोर रात काली, खिड़कियों पे डेरा डारी। चांदनी समेटे सारी, रूप को निहारे खाली। झुके जैसे पुष्प डाली, वक्क्षो से हो तन भारी। जतन सारी कर हारी, पल्लुओ में छिपती नारी। दातो तले उंगली डाली, धड़के जीया हाली हाली। नयनों को झुका के खाली, काम को बढ़ाए नारी। ©Shailendra Shainee Official #स्वर्ण बाली 4
Shailendra Shainee Official
स्वर्ण बाली 1 स्वर्ण बाली नथ डाली, नयन केश काली काली। होठ लिए गहरी लाली, रूप की पिये वो प्याली।। चूड़ियां पाजेब भारी, खनके दोनो बारी बारी। माथे लाल चन्द्र डाली, पाव तलक फैली लाली।। ©Shailendra Shainee Official #स्वर्ण बाली 1