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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्री कृष्ण जी को पूर्णावतार कहा गया है। भगवान श्रीकृष्ण जी के जीवन में वह सब कुछ है, जिसकी मानव को आवश्यकता ह

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White भगवान श्रीकृष्ण :- श्री नारायण हरि।।
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{Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवान श्री कृष्ण जी को पूर्णावतार कहा गया है। भगवान श्रीकृष्ण जी के जीवन में वह सब कुछ है, जिसकी मानव को आवश्यकता होती है। भगवान श्रीकृष्ण जी गुरु हैं, तो शिष्य भी। आदर्श पति हैं, तो प्रेमी भी। आदर्श मित्र हैं, तो शत्रु भी। वे आदर्श पुत्र हैं, तो पिता भी। युद्ध में कुशल हैं, तो बुद्ध भी। भगवान श्री कृष्ण जी के जीवन में हर वह रंग है, जो धरती पर पाए जाते हैं, इसीलिए तो उन्हें पूर्णावतार कहा गया है। मूढ़ हैं :-  वे लोग, जो उन्हें छोड़कर अन्य को भजते हैं… ‘भज गोविन्दं मुढ़मते। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine 
{Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवान श्री कृष्ण जी को पूर्णावतार कहा गया है। भगवान श्रीकृष्ण जी के जीवन में वह सब कुछ है, जिसकी मानव को आवश्यकता ह

voice of tales

कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती? #Family #Values #Relationships Love #Care

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कहते है जिस घर में मा बाप खुश रहते है उसी घर में स्वर्ग के दर्शन होते है
छोटे छोटे बच्चों की किलकारियां से जो घर गूंजते है उसी घर को स्वर्ग कहते है
जहां पति पत्नी एक दूसरे को समझकर, साथ साथ चलते है उस घर को स्वर्ग कहते है
जो आप अगर मिलजुल कर एक रहो, तो कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती
दूसरों का ना सही लेकिन अगर अपनों में प्यार रखो तो कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती
मेरे दोस्त बस ये हमारी समझ का ही फर्क है अगर ये बात हम जान जाए तो कई कहता है हमें स्वर्ग की जरूरत होती है।

©voice of tales कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती?
#Family #Values #Relationships #Love #Care

N S Yadav GoldMine

#Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} इंसान बना था, प्यार करने के लिए, और रुपया-पैसा बना है, इस्तेमाल करने के लिए, लेकिन अब इंसान का इस्तेमाल

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
इंसान बना था, प्यार करने के लिए, 
और रुपया-पैसा बना है, इस्तेमाल 
करने के लिए, लेकिन अब इंसान का 
इस्तेमाल माल होता है, सबसे ज्यादा 
रुपये-पैसे से प्यार करने लगे हैं, 
अधिकांश लोगों के दुःख का कारण 
भी बना है, ये उलट-फेर का रिवाज।।
जय श्री राधेकृष्ण जी!!
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine #Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey}
इंसान बना था, प्यार करने के लिए, 
और रुपया-पैसा बना है, इस्तेमाल 
करने के लिए, लेकिन अब इंसान का 
इस्तेमाल

Anjali Singhal

"आया मौसम बसंत का, पतझड़ का अंत हुआ; जग में शोभा अनंत है छाई, खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं। पीली-पीली सरसों फूली, बौरें आमों में उठ झूलीं; ल

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"आया मौसम बसंत का,
पतझड़ का अंत हुआ;
जग में शोभा अनंत है छाई,
खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं।

पीली-पीली सरसों फूली,
बौरें आमों में उठ झूलीं;
लेकर सुगंध हवा बह रही,
रस प्रेम का घोल रही।

डाली डाली पात पात,
कोकिला का मधुर गान;
ॠतुराज का स्वागत करने,
सजधज धरती है तैयार।।"

Basant Panchami 🏵️

©Anjali Singhal "आया मौसम बसंत का,
पतझड़ का अंत हुआ;
जग में शोभा अनंत है छाई,
खिलती महकती कलियाँ मुस्काईं।

पीली-पीली सरसों फूली,
बौरें आमों में उठ झूलीं;
ल

Parasram Arora

नए शहर क़ी धरती पर

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White नए शहर क़ी धरती 
पर पहला कदम रझते ही 
मुझे अहसास हुआ मै
 गकत जगह आ गया हूँ 

. यहां के हालात देख कर 
ही मुझे महसूस हुआ मै 
यहां ज्यादा दिन रह कर 
जी न पाइगा वरना 
 मुझे खुदकशी का न
 ख्याल आ जाए

©Parasram Arora नए शहर क़ी धरती पर

Ajita Bansal

#MakarSankranti2025 मकर संक्रांति आई है खुशी से, उड़ रहे हैं पतंगे आसमान में, सूरज की किरणें छूने चलीं, धरती भी नाचे है गुमान में। तिल गुड़

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Makar Sankranti Messages  मकर संक्रांति आई है खुशी से,
उड़ रहे हैं पतंगे आसमान में,
सूरज की किरणें छूने चलीं,
धरती भी नाचे है गुमान में।

तिल गुड़ का मीठा स्वाद है,
खुशियों की रुत फिर आ गई,
हर दिल में नई उम्मीदें,
नई राहों पर उड़ान भर गई।

आओ सब मिलकर मनाएं,
संक्रांति का पर्व सुखद हो,
सभी को प्रेम, शांति और समृद्धि,
यह संकल्प हम सब लें, हर रोज़ हो।

©Ajita Bansal #MakarSankranti2025
मकर संक्रांति आई है खुशी से,
उड़ रहे हैं पतंगे आसमान में,
सूरज की किरणें छूने चलीं,
धरती भी नाचे है गुमान में।

तिल गुड़

Deepbodhi

और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे आँखों-आँखों में ही बातों को

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और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये
ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये

बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे
आँखों-आँखों में ही बातों को सुनाये रखिये

वक़्त का किसको भरोसा है कहाँ ले जाये
आज की रात मेरा साथ निभाये रखिये

कितने नफ़रत के अँधेरे हैं अभी धरती पर
इक न इक शम्आ मुहब्बत की जलाये रखिये

आइना ख़ाक बतायेगा तुम्हें राज की बात
मेरी तस्वीर को आइना बनाये रखिये

मैं भी इक फूल हूँ ख़ुशबू ही लुटाउँगा तुम्हें
अपने गुलशन में मुझको भी सजाये रखिये

©Deepbodhi और कुछ देर मुझे पास बिठाये रखिये
ज़िन्दगी जीने का माहौल बनाये रखिये

बात होठों से जो निकलेगी तो सब सुन लेंगे
आँखों-आँखों में ही बातों को

Vandana Rana

महान है आपका व्यक्तित्व,अब आपको इस धरती ने खोया है, आपके निधन पर यह आसमां भी फूट-फूटकर रोया है।😓Manmohan_Singh_Dies

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Google महान है आपका व्यक्तित्व,अब आपको इस धरती ने खोया है, 
आपके निधन पर यह आसमां भी फूट-फूटकर रोया है।😓

©Vandana Rana महान है आपका व्यक्तित्व,अब आपको इस धरती ने खोया है, 
आपके निधन पर यह आसमां भी फूट-फूटकर रोया है।😓#Manmohan_Singh_Dies

theABHAYSINGH_BIPIN

#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे

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कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे हैं,
सर्दी ने रोका हर काम।
हिम्मत भी थरथर कांप उठी,
लिपटे हम गर्म चादर में।

उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है,
किसने बर्फ डाल दी पानी में?
कौन है जो यूं कहर ढा रहा,
पूरे गांव को कैद किया है घर में?

राह अंधेरी, जमी हुई है,
थोड़ी उम्मीद बची है मन में।
चलता हूं बस सहारे इसके,
जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में।

शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात,
आलस ने ले लिया गिरफ्त में।
यह कैसा दिन, एक पल न सुहा,
सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में।

हर कदम जैसे थम सा रहा,
जीवन को ढो रहा धुंध में।
क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी,
या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में?

©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter 
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे

Shivkumar barman

बारिश और साथ तुम्हारा ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम

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ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के,
ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी ..
ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो ,
तुम मुझे अपने बांहों की चादर से ढंकना चाहूँगी...

ये बारिश की बूंदे भी ये प्यासी धरती को भींगा रही,
अपने प्रेम की सदा से उसकी प्यास बुझा रही..
तुम भी अपनी प्रेम से मुझे भी सजाओ न
मैं तुम्हारे उस प्रेम से संवरना चाहूँगी 

*
माना कि कुछ खता हमसे हुई तो कुछ तुमसे हुई है
मै अब सब कुछ भूलना चाहूँगी जो मैने किया 
फिर से मैं तुम संग यु जीना चाहूँगी 
मैं-और तुम फिर से एक नए सपने को बुनना चाहूँगी 

मौसम की ये पहली बारिश और तुम्हारे संग भींगना चाहूँगी 
थाम के तेरा हाथ सदा से भीगी सड़क पे चलना चाहूँगी 
मैं बेफिक्र होकर अब तुझमें ही खोना चाहूँगी 
तुमसे कभी रूठना तो कभी तुझे मनाना चाहूँगी

हमसे जो खुशियों के पल कही खो गए है
उन्हें तुम संग फिर से संयोज कर जीना चाहूँगी

©Shivkumar barman 
बारिश और साथ तुम्हारा

ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के,
ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी ..
ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो ,
तुम
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