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Kulvant Kumar
White "Love 💕 "बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो इसका मुआवजा क्या है " ©Kulvant Kumar #LOATips "बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो इसका मुआवजा क्या है
#LOATips "बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो इसका मुआवजा क्या है
read moreUnknown Shayar
Unsplash झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं ©Unknown Shayar #Book झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं shayari love
#Book झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं shayari love
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल आजादी के दीवानो को ठुकराया जा रहा है काला चेहरा सत्ताधीशो का अंग्रेजो जैसा बर्ताव जनता से किया जा रहा है बढ़ गया जोर जुर्म इनका टेक्सो से भुखमरी का शिकार बनाया जा रहा है नैतिकता संवेदना और सँविधान से ना इनका वास्ता हठधर्मिता से देश चलाया जा रहा है भगतसिंह सुभाष चन्द नेहरू अम्बेडकर सब गौण सिर्फ वीर सावरकर का गुणगान किया जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
#Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
read moreShivkumar barman
!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी उन ख़ामोशी से अदा हो रस्म- ए - दूरी मे हम बे वजह लड़ कर कोई हंगामा ही क्यो करे !! ये काफ़ी है कि हम आपका दुश्मन दुश्मन नहीं है !! तो हम वो वफ़ादारी का दावा ही क्यों करे !! कहे कलम सूर्य की तुम हमारी ही ग़ज़ल का इंतज़ार क्यो ही करे !! हम तुम्हारी उस कहानी का हिस्सा ही क्यो बने !! तुम हमारी ही तम्मना क्यों ही करोगे ? और हम तुम्हारी ही तमन्ना क्यों ही करे ? !! हमारी दुनिया की परवाह नहीं है तो हम भी दुनिया की परवाह ही क्यों करे !! ©Shivkumar barman !! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया #रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु #बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी
!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी
read moreBhupendra Rawat
White रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभूति इत्यादि परंतु, गुजरते वक़्त के साथ बदलते गए मायने उपसर्ग 'बे' के इस अदने से अक्षर ने अपने अंदर समाहित किए अनगिनत अर्थ 'निठल्ला', आवारा, नकारा, कामचोर इत्यादि बन गयी विशेषता उपसर्ग 'बे' की इसी विशेषता ने आशाओं से भरे जीवन मे भर दी निराशाएं ©Bhupendra Rawat #sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभू
#sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभू
read moreDr.Priyanka Chandra
बे दिल ही सही उनकी चाहत हम कबूल कर बैठे इस कदर ही सही मोहब्बत से खुद को अब दूर कर बैठे ©Dr.Priyanka Chandra #Parchhai love बे दिल ही सही उनकी चाहत हम कबूल कर बैठे इस कदर ही सही मोहब्बत से खुद को अब दूर कर बैठे ..।।
#Parchhai love बे दिल ही सही उनकी चाहत हम कबूल कर बैठे इस कदर ही सही मोहब्बत से खुद को अब दूर कर बैठे ..।।
read moreShashi Bhushan Mishra
बे-दखल चाहत हुई है, भावना आहत हुई है, प्रेम का मरहम लगाया, तब कहीं राहत हुई है, बेवज़ह बेचैन हो मन, समझ लो उल्फ़त हुई है, देखता हरबार मुड़कर, जब कोई आहट हुई है, ध्यान में बैठे हो जबसे, फिर कहां फ़ुर्सत हुई है, हो मनोरथ सिद्ध अपना, ऐसी कब किस्मत हुई है, मुस्कुराकर भूल जाना, अपनी तो आदत हुई है, याद तड़पाती है 'गुंजन', घर गये मुद्दत हुई है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#
#बे-दखल चाहत हुई है#
read moreShort And Sweet Blog
वक्त बे वक्त न जाने क्यों? || urdu sad love poetry #urdupoetry #lovepoetry #brokenlove #urdupoetry #urdushayari #urdukavita #tutadil bewafa
read moreGourav (iamkumargourav)
White दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी ये नवम्बर का महीना और तपन ऐसी मौसम तो अब तलक अकसीर चाहिए थी तुम के यार रहते हो ख़ल्वत में "गौरव" हुलिए से तो तुमको होना बे-पीर चाहिए थी ©️iamkumargourav ©Gourav (iamkumargourav) दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़
दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़
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