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अनिल कसेर "उजाला"
यूँ ही चमकते रहों सितारा बनके, किसी का तुम रहों किनारा बनके। हर पल ख़ुशी से भरा हो तुम्हारा, अपनों का रहो सदा सहारा बनके। ©अनिल कसेर "उजाला" किनारा बन के
किनारा बन के
read moreSANIR SINGNORI
'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀 . ©SANIR SINGNORI 'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀
'जानी' पागल क्यूं हो गया तू... एक ही शख़्स था जहां में क्या..🥀
read moreSupriya Jha
White एक समंदर मेरे अंदर, जज़्बातों का है बवंडर, फिर भी मेरे होठो के अंदर, डर लगता है देखकर वर्तमान का मंजर, कहीं भविष्य पर न लग जाए कोई खंजर, चलना होगा हर कदम बहुत संंवर कर, तभी शायद मेरे प्रयास का परिणाम होगा सुंदर। ©Supriya Jha # एक समंदर मेरे अंदर
# एक समंदर मेरे अंदर
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White मन्नते मांगते मांगते मुकाम भी मिला तो दरिया के किनारे। जहां ज्वार भाटा तो आम बात,पीने को मिलता है खारा पानी और सोते हैं रेत के सहारे। ना हरियाली ना खुशहाली फिर भी शीतलता मिलती है,जल कण के सहारे। कोई हमें पुकारे या ना पुकारे लेकिन, हर पल हमें पुकारती हैं समंदर से उठती ज्वारें। हमें हर रात लोरी गा गा कर सुलाती हैं,आकाश की टिमटिमाती तारें। कितने खुश नसीब हैं हम कि, हर सुबह हम जगते हैं सूरज के किरणों के सहारे। हम भूल भी जाएं अपनी चारों दिशाएं,तो हमें दिशाओं की याद दिलाती हैं,समंदर से उठती हवाएं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र समंदर
समंदर
read moreसंगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार #BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे में यार फंस जाता हूं तेरी महफिल में आके अपनी चाहत के किस्से सबको सुनाता हूं ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
#love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
read moreSatish Kumar Meena
White रेत के समंदर में रहकर जीना उनसे पूछो जो एक एक बूंद पानी की कीमत जानता है। ©Satish Kumar Meena रेत का समंदर
रेत का समंदर
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