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theABHAYSINGH_BIPIN
मय कसी में डूबकर मैं कहीं तो पहुँचा, तुझ तक ना सही, कहीं और तो पहुँचा। इश्क़ में डूबने पर होश किसको रहता, होश में हूँ जो, अपने घर तक तो पहुँचा। कहाँ आती अब मुझे वो पहले की नींद, यादों में खोकर, मैं तुझ तक तो पहुँचा। सवरने के दिन थे और मैं इश्क़ में डूबा, साहिल की तलाश में, बीच नदी तो पहुँचा। मुकम्मल इश्क़ की गुज़ारिश थी मुझे, इश्क़ में, उसके घर तक तो पहुँचा। तलाश थी मुझे उसके दिल के रास्ते की, मय कसी में ख़ुद की नीलामी में तो पहुँचा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #सफ़र मय कसी में डूबकर मैं कहीं तो पहुँचा, तुझ तक ना सही, कहीं और तो पहुँचा। इश्क़ में डूबने पर होश किसको रहता, होश में हूँ जो, अपने घर तक त
#सफ़र मय कसी में डूबकर मैं कहीं तो पहुँचा, तुझ तक ना सही, कहीं और तो पहुँचा। इश्क़ में डूबने पर होश किसको रहता, होश में हूँ जो, अपने घर तक त
read moreनवनीत ठाकुर
सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उसे जी भर के जी लो। ख्वाहिशों का तो कोई अंत नहीं, पर खुश रहने का तरीका है यही— जो कुछ भी है, उसे ही क़ीमत दो, कभी न किसी और की तलाश में खो। सपनों का पीछा करो, पर हकीकत को न भूलो, रात चाहे जैसी हो, दिन को उजाला बना लो। जो दिल कहे, वही करो, बस खुद से सच्चे रहो, वही सबसे बड़ा गुरुर करो। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उस
#नवनीतठाकुर सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उस
read moreनवनीत ठाकुर
न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत काफी है, आराम नहीं, बस राहत काफी है। सुकून की तलाश में भटक रहा हूँ, खाली पेट को बस बरकत काफी है। न शानो-शौकत, न चाहत बड़ी, बस इंसान की भूख मिट जाए। जिंदगी की असली हकीकत यही, कि पेट भरे, तो सुकून आ जाए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत का
#नवनीतठाकुर न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत का
read moreShivani Anuragi
#❤️🩹uljhi ladki 🥺 कुछ उलझी सी लड़की मैं .... thodi suljhi सी लड़की मै ..... सपने मंजिले रूठ गए ... .अधूरे रास्ते में ।दुनिया भूलकर बस खुद को ढूढ़ रही हु .. अपने आप में ©Shivani Anuragi खुद की तलाश 🥺💗
खुद की तलाश 🥺💗
read moreRameshkumar Mehra Mehra
Unsplash पहले भी मुसाफ़िर थे... आज भी मुसाफ़िर है.....! पहले किसी की तलाश मे थे....!! और अब अपनी तलाश में...!!! ©Rameshkumar Mehra Mehra # पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
# पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं, कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं। गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप, जो मंज़िलों की तलाश में था, वो अब मेरा पीछा नहीं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं, कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं। गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप, जो मंज़िलों की
#नवनीतठाकुर दुनिया के रंगों से अब कोई सरोकार नहीं, कभी जो था कभी सस्ता, अब वो महँगा नहीं। गुज़र रहा हूँ बस इस राह से चुपचाप, जो मंज़िलों की
read moreSandeep Kothar
Unsplash "खामोशी का आईना" शहर की भीड़ से, कहीं दूर, सुकून के पल तलाशता हूं, शोरगुल की आगोश में खोया हुआ, मेरा अक्स, मेरी पहचान तलाशता हूं। न जाने कब और कहां, मेरे खयालों का जहां मिल जाए, इस उम्मीद में, खामोशी का आईना तलाशता हूं। ©Sandeep Kothar प्रिय पाठकों, मैं आपके साथ अपने दिल की गहराई से बात करना चाहता हूं। मेरी कविता में मैंने अपनी जीवन यात्रा को व्यक्त किया है, जो शहर की भीड़
प्रिय पाठकों, मैं आपके साथ अपने दिल की गहराई से बात करना चाहता हूं। मेरी कविता में मैंने अपनी जीवन यात्रा को व्यक्त किया है, जो शहर की भीड़
read moreMayank
White आओ समय के साथ घूमने चलते हैं, चलो "खुद की तलाश" में निकलते हैं, जीवन में कितने ही ख्वाब पलते हैं? लेकिन ख्वाबों से परे हम स्थिति के अनुसार ढलते हैं। जब मिलता हूं उन दिनों के मयंक से, तो वो कहता है आओ बचपन में चलते हैं, जो फूल खिले हुए थे उन दिनों, तुम बिन बड़े मुरझाए हुए मिलते हैं। "खुद की तलाश"में तो आज भी हैं, लेकिन जब खुद से शून्य में मिलते हैं, लगता है हमारा जीवन वो सूखा पेड़ है, जिसके पर्ण यहां वहां बिखरे मिलते हैं। ©Mayank #Sad_Status Topic "खुद की तलाश"🤗😁
#Sad_Status Topic "खुद की तलाश"🤗😁
read moreMiMi Flix
"मोंटू, चुटकी और हुकु की जादुई झील की खोज" - घने जंगल में मोंटू, चुटकी और हुकु एक ऐसी रहस्यमयी झील की तलाश में निकलते हैं, जिसके बारे में कह
read moreनवनीत ठाकुर
मंजिल मंजिलों की तलाश में भटकते हैं दर-ब-दर, रास्तों की हर ठोकर का हमें हिसाब बाकी है। काँटों की चुभन से हम यूँ न डरें कभी, हर ज़ख्म पे मरहम का एक ख्वाब बाकी है। ख़्वाब ख़्वाबों का जाल है, पर हकीकत में धागे कमजोर, हर ख़्वाब पूरा करने की अब भी चाहत बाकी है। टूटते हैं रोज़, मगर चूर नहीं होते, हर रात में सवेरा लाने की आदत बाकी है। इश्क़ इश्क़ का ये सफर है, रास्ते भी अनजाने हैं, उसके मिलने की उम्मीद अब भी बाकी है। रूह की गहराईयों में जो उसकी याद बसी है, उसे साँसों में समाने की मोहब्बत बाकी है। जिंदगी जिंदगी की गलियों में हर मोड़ एक इम्तिहान है, हिम्मत से चलने की हममें ताकत बाकी है। आँधियाँ आएँगी, चलेंगी, थम जाएँगी, कदम बढ़ाने की हसरत बाकी है। तन्हाई तन्हाई की राहों में चुप्पी का कारवां संग है, इस खामोशी में एक साज सुनना बाकी है। किसी अजनबी की आवाज़ मिले कभी, इस तन्हा सफर का हमसफर बाकी है। ©नवनीत ठाकुर मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
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