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Stories related to हूँ लड्यो घणो

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Shashi Bhushan Mishra

#आ गया हूँ# #शायरी

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सुपुर्द-ए-ख़ाक  करके आ गया हूँ, 
अना को  राख  करके आ गया हूँ,

हुआ ग़ुरबत में दिल का हाल ऐसा, 
जिग़र को चाक करके आ गया हूँ,

जहालत ने किया है ज़िस्म छलनी, 
नसीहत  ताक  करके  आ गया हूँ,

चमन के फूल  से  दामन बचाकर, 
बुराई   थाक  करके  आ  गया हूँ,

धुआँ से घुट न जाए दम मुसाफ़िर, 
चिलम सा नाक करके आ गया हूँ,

घटक दल की कई मज़बूरियाँ थीं,
शज़र को शाख करके आ गया हूँ,

भला 'गुंजन' करे क्या बे-खुदी में, 
भरे को  हाफ़  करके  आ गया हूँ,
     --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra #आ गया हूँ#

हिंदुस्तानी

#इसलिए चुप हूँ।

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malay_28

वो ढूँढता हूँ #शायरी

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Arora PR

सुन रहा हूँ #कविता

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koko_ki_shayri

#nya आगाज़ हूँ #शायरी

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हिंदुस्तानी

मैं ख़ामोशी हूँ #Shayari

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Shashi Bhushan Mishra

#आजाद हूँ अब# #शायरी

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अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, 
बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, 

नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे,
मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, 

फूल कलियों से  चमन में  ताज़गी है, 
दुआओं  के  इत्र  से  आबाद हूँ  अब, 

चाँदनी  उतरी  है  दिल  के  दरीचे में, 
लग रहा  जैसे  कोई  महताब हूँ अब, 

जलने  वाले  इस  क़दर  हैरानगी से, 
देखते  जैसे   कोई   तेजाब  हूँ  अब, 

झुकाते  हैं  शीश  दरवाजे पे आकर, 
नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब,

ख़त्म  दौर-ए-जहाँ का  करके गुंजन,
ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, 
      --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #आजाद हूँ अब#

ranjit Kumar rathour

पराई हूँ न #कविता

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Kishor Saklani(KRISH)

मुसाफिऱ हूँ....shayari #शायरी

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Shashi Bhushan Mishra

#ठहरा हूँ सैलाब देखकर# #शायरी

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Meri Mati Mera Desh ठहरा  हूँ  सैलाब  देखकर, 
दरिया का फैलाव देखकर, 

रंजिश इतनी रखता है वो, 
लगा भीड़ में ताव देखकर, 

बँटवारे  का  खेल  खेलता, 
बुरा लगा अलगाव देखकर, 

गौरव  गाथा  के परिसर में, 
फक्र हुआ मेहराब देखकर, 

दाल नहीं गल पाया शायद, 
लगा यही बिखराव देखकर, 

असमंजस  में  बैठी जनता, 
डरते  लोग  तनाव देखकर, 

सच की नाव चलाए सेवक,
बैठ शज़र की छाँव देखकर, 

मंज़िल  अभी  दूर है 'गुंजन',
चलो न बाबू ख़्वाब देखकर, 
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #ठहरा हूँ सैलाब देखकर#
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