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Ashutosh Mishra
White हमें यकीन था तुम पर न दोगे दगा मुझे दिलाया था विश्वास तुमने भी ना साथ छोड़ेगे हम बना बैरी ये जमाना या किस्मत धोखा दे गई बनते बनते तकदीर के ,,तस्वीर ही बदल गई अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #emotional_sad_shayari हमें यकीन था तुझ पर ना दोगे दगा मुझे दिलाया था विश्वास तुमने भी ना छोड़ेगे साथ हम बना बैरी ये जमाना या किस्मत धोखा द
Manojkumar Srivastava
White एक सदस्य मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार- कंगना रनौत के खिलाफ गोमांस खाने और अर्द्धनग्नता का प्रदर्शन करने का कांग्रेस पार्टी और अन्य विरोधी दलों द्वारा लगाया जा रहा है!मैंने उनका फिल्मी ज्ञान का परीक्षा लेने के लिए पूछा था कि दस फिल्मी अभिनेत्रियों और पहली बोलती फिल्म का नाम बताइये लेकिन उन्होंने उत्तर नहीं दिया! मैंने उनसे यह भी पूछा था कि बॉलीवुड में कौन- सी ऐसी अभिनेत्री है जो सिर्फ भारतीय वेशभूषा- साड़ी में रहती है और पूरी फिल्म में सिर्फ घूंघट में रहती हैं लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया! जो भी आरोप लगाता है उसका सबूत देने की जिम्मेदारी उसी पर होती है! कंगना रनौत के खिलाफ इस ग्रुप में अन्य सदस्यों द्वारा भी आपत्तिजनक,अमर्यादित और अपमानजनक पोस्ट डाले गए हैं! आपके पास फिल्मी ज्ञान कितना है यह जानना चाहता हूँ। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये-: (1) जो फिल्म बनाता है ,उसको क्या कहते हैं, (2) फिल्म के कलाकारों को अभिनय करने के बारे में दिशा-निर्दश देता है,गीत के रचयिता,संगीत के रचयिता,कहानी लिखनेवाले,वेशभूषा के विषय में दिशा-निर्देश देनेवाले,संवाद की रचना करने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं? आपका उत्तर हिन्दी और अंग्रेजी में होना चाहिए। आप उत्तर नहीं दे सके तो मैं बताऊंगा ©Manojkumar Srivastava #Road #लोकसभाचुनाव # #मंडी #कंगना रनौत#
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो सब मिलकर, करो मतदान को । ये तो सब लुटेरे हैं , करते हेरे-फेरे हैं पहचानते है हम , छुपे शैतान को । मतदान कर रहे , क्या बुराई कर रहे, रेंगता है मतदाता , देख के विधान को ।।१ वो भी तो है मतदाता, क्यों दे जान अन्नदाता , पूछने मैं आज आयी , सुनों सरकार से । मीठी-मीठी बात करे , दिल से लगाव करे, आते हाथ सत्ता यह , दिखता लाचार से । घर गली शौचालय, खोता गया विद्यालय, देखे जो हैं अस्पताल , लगते बीमार से। घर-घर रोग छाया , मिट रही यह काया , पूछने जो आज बैठा , कहतें व्यापार से ।।२ टीप-टिप वर्षा होती , छत से गिरते मोती , रात भर मियां बीवी , भरते बखार थे । नई-नई शादी हुई , घर में दाखिल हुई , पूछने वो लगी फिर , औ कितने यार थे । मैने कहा भाग्यवान , मत कर परेशान , कल भी तो तुमसे ही , करते दुलार थे । और नही पास कोई , तुम बिन आँख रोई, जब तेरी याद आई , सुन लो बीमार थे ।।३ २८/०३/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का , पूरा रखूँ खयाल ।। आये कितनी दूर से , देखो है ये ग्वाल । हे राधा छू लेन दो , यही नन्द के लाल ।। हर कोई मोहन बना , लेकर आज गुलाल । मैं कोई नादान हूँ , सब समझूँ मैं चाल ।। भर पिचकारी मारते , हम भी तुझे गुलाल । तुम बिन तो अपनी यहाँ , रहती आँखें लाल ।। रिश्ता :- रिश्ता अपना भी यहाँ , देखो एक मिसाल । छुपा किसी से है नही , हम दोनो का हाल ।। रिश्ते की बुनियाद है , अटल हमारी प्रीति । क्या तोड़ेगा जग इसे , जिसकी उलटी रीति ।। रिश्ते में हम आप हैं , पति पत्नी का रूप । मातु-पिता को मानते , हैं हम अपने भूप ।। रिश्तों की बगिया खिली , तनय उसी के फूल । लेकिन उनमें आज कुछ , बनकर चुभते शूल ।। एक रंग है रक्त का , जीव जन्तु इंसान । जिनका रिश्ता ये जगत , जोड़ गया भगवान ।। रिश्ता छोटा हो गया , पति पत्नी आधार । मातु-पिता बैरी बने , साला है परिवार ।। ०७/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR घर से निकली गोपियाँ , लेकर हाथ गुलाल । छुपते फिरते हैं इधर , देख नगर के ग्वाल ।। लेकर हाथ गुलाल से , छूना चाहो गाल । आज तुम्हारी चाल का