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Best बैरी Shayari, Status, Quotes, Stories

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दूध नाथ वरुण

#बैरी पिया #शायरी

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@thewriterVDS

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LOL

कुछ लाड मुझसे भी जता ले ओ बैरी
ये दिसम्बर भी मायूस चला जाए ना कहीं..
©KaushalAlmora 
#दिसम्बरwithkaushalalmora #बैरी 
#love 
#मोहब्बत 
#yqdidi 
#yqbaba 
#poetry 
#shayari

मुकेश आनंद

और वैरी हुई हवा की चाल,
और लाल हुए गोरी के गाल। #बैरी

#newplace

मुकेश आनंद

गोरे गाल पे ये उलझे बाल,
बैरी हवा रही है डोरे डाल। #बैरी

#flyhigh

दीपेश

बैरी बदरिया #विचार

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बैरी बदरिया देखो बैरी बदरिया
सूखे सूखे सावन बीता शर्दी डूबी झोपड़िया
बैरी बदरिया देखो बैरी बदरिया
सींच सींच धान बोये ,काटे, बहा ले जाये बैरी बदरिया
बैरी बदरिया देखो बैरी बदरिया
सूखे में सूखी जाए सुख में ये सुख ले जाये
प्यासा न पानी पाए नदिया सागर हो जाये
कोई कही का कैसे ऐसे भला रह पाए
बदरा क्यों बरसे बेमन बदला काहेका पाए
बैरी बदरिया देखो बैरी बदरिया बैरी बदरिया

Pushpa Sharma "कृtt¥"

#बैरी nojoto

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दर्पण देखूं रूप संवारु और सोलह श्रंगार करूँ,
फेर नज़रिया बैठा बैरी कैसे अंखियाँ चार करूँ। #बैरी #nojoto

आरती राय

विरह 
******
क्यों आये तुम बैरी सावन
सूना हो गया मेरा घर आँगन
दिल में दबी सिसकी होठों पर आ गये
जानेवाले लौटते नहीं सावन  बरस कर कहे।
झूले मेंहदी सूनी कलाई सब सच सच कहे।
पी कहाँ पी कहाँ पपीहे की पूकार 
     सुन विरहन की अँखियाँ बहे।
क्यों भर आती अँखियां मेरी
यह दर्द सृष्टि में अक्सर सब सहे।
 क्यों तुम बैरी सावन आये
      सूखे घाव में टीस उभर आये।
दर्द मत कर आँख मिचौली
बन जा अब तु मेरी सहेली

सुरेश चौधरी

मन बैरी लागा #कविता

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मन बैरी लागा मोरा जगत खेल में |

इत उत देखे जग की लीला, घिर घिर आय जग जेल में 
चहुँ ओर  सुहानी रात  दिखे,  खो गया  रेलम  पेल में 
लोभ  वासना  का  नशा  चढ़ा,  कैसे  उतरे  अमेल  में 
आय  पड़ी  लाठी  नियती  की, गिर  पड़ा ठेलम ठेल में 
कहे  इंदु  भज  कृष्ण  मुरारी, न  जाए  जम  फंदेल  में 
मन बैरी लागा मोरा जगत खेल में || मन बैरी लागा

Peeyush Umarav

#Sach #Aaj #Kal #Freedom #expression #HUmanity #loktantra #Rights अगर डारता नही समाज से, अंधे विश्वास से, धर्म का बैरी नहीं, अधर्म के संघार से, जात में बंटना आता नहीं, काली चादर में सफेदी दिखलाता नहीं, तो तू बैरी है , तो तू बैरी है.. भूखे को निवाला नहीं, शाम को मधुशाला नहीं,

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.................. #sach #aaj #kal #freedom #expression #humanity #loktantra #rights 
अगर डारता नही समाज से, अंधे विश्वास से,
धर्म का बैरी नहीं, अधर्म के संघार से,
जात में बंटना आता नहीं,
काली चादर में सफेदी दिखलाता नहीं,
तो तू बैरी है , तो तू बैरी है..

भूखे को निवाला नहीं, शाम को मधुशाला नहीं,
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