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Rameshkumar Mehra Mehra
New Year 2025 जिस दिन तुम्हे गले लगायेगे.....! बस उस दिन हम नया साल मनायेगे...💞 ©Rameshkumar Mehra Mehra # जिस दिन तुम्हे हम गले लगायेंगे,बस उस दिन हम नया साल हम मनायेगे....💞
# जिस दिन तुम्हे हम गले लगायेंगे,बस उस दिन हम नया साल हम मनायेगे....💞
read moreAnjali Singhal
New Year 2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा रही हैं। उम्मीद की तरंगे लहरा रही हैं, ख़्वाब कोई नया दिखा रही हैं। दुआएँ सभी की तरफ से आ रही हैं, बुरी बलाएँ सबकी ढली जा रही हैं।।" ©Anjali Singhal #Newyear2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा
#Newyear2025 "नई खुशी है नई मुस्कुराहट, मुबारक हो नव वर्ष की नई सरसराहट। पलकें आनंद-उत्साह से भरी जा रही हैं, धड़कनें प्रेम ही प्रेम उमड़ा
read moreAnjali Singhal
White "गुलाब की आरजू तो कभी रही नहीं हमें! हम तो फूलगोभी में ही खुश रहे!!" ©Anjali Singhal #love_shayari "गुलाब की आरजू तो कभी रही नहीं हमें! हम तो फूलगोभी में ही खुश रहे!!" #AnjaliSinghal #shayari #nojoto
#love_shayari "गुलाब की आरजू तो कभी रही नहीं हमें! हम तो फूलगोभी में ही खुश रहे!!" #AnjaliSinghal #Shayari nojoto
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी असुरक्षा की भावना , सकून दिल का खा रही है अनहोनी ना घट जाये पगो को पीछे हटा रही है बढ़ रही है तन्त्रो की अराजकता जीवन को जंग की तरह खा रही है हजार खतरों को झेलकर मजबूरी हर कदम सता रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #CalmingNature बढ़ रही तन्त्रो की अराजकता
#CalmingNature बढ़ रही तन्त्रो की अराजकता
read moreANSARI ANSARI
White आज सजरही है दुनिया। सजाने वाला चाहिए। जिन्दगी के हर मोड़ पर। रूठी है परेशानीया। उसे मनाने वाला चाहिए। ©ANSARI ANSARI आज सज रही है दुनिया।
आज सज रही है दुनिया।
read moreF M POETRY
White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम्हारी याद आये जा रही है......
#तुम्हारी याद आये जा रही है......
read moreSatish Kumar Meena
अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena सोच रही हूं
सोच रही हूं
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