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अनिल कसेर "उजाला"
White झोपड़ी को अब वो महल कह रहे हैं, झूठ को सच वो आजकल कह रहे हैं। टेढ़ी मेढ़ी बातों में फंसा कर 'उजाला', अपने शब्दों को नेता सरल कह रहे हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" महल
महल
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreUNSPOKENWORDSKP
White नफरतों के शहर में मैं ग़ुलाब लिए जा रहा हूं देखो ना यार मैं एक बेवफा से वफा किए जा रहा हूं मालूम मुझे वो मोहब्बत नहीं नसीब में मेरी फिर भी मैं उसे अपना नसीब बताए जा रहा हूं मैं देख रहा हूं उसे किसी ओर से लिपटे हुए फिर भी उसे अपने सीने से लगाने के लिए बेताब हुआ जा रहा हूं देखो ना यार मैं यह क्या से क्या होता जा रहा हूं नफरतों के शहर में मैं ग़ुलाब लिए जा रहा हूं।। ©UNSPOKENWORDSKP #Sad_shayri नफरतों के शहर में ग़ुलाब शायरी हिंदी में शायरी लव 'दर्द भरी शायरी' खूबसूरत दो लाइन शायरी
#Sad_shayri नफरतों के शहर में ग़ुलाब शायरी हिंदी में शायरी लव 'दर्द भरी शायरी' खूबसूरत दो लाइन शायरी
read moreHimanshu Prajapati
हवा सा हो गया है ये महल, अब सब हकीकत से डरते हैं..! ©Himanshu Prajapati #coldnights हवा सा हो गया है ये महल, अब सब हकीकत से डरते हैं..! #36gyan #hpstrange
#coldnights हवा सा हो गया है ये महल, अब सब हकीकत से डरते हैं..! #36gyan #hpstrange
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash कर के मोहब्बत भरपूर तुमसे .. हिस्से में सिर्फ तेरी बेरुखी के हक़दार हुए .. ख़बर भी ना लगी कब दिल खो गया कब तेरी चाहतों के शिद्दत से तलबगार हुए .. ©हिमांशु Kulshreshtha कर के..
कर के..
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreF M POETRY
Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है.. पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
#मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क ओले राशन पानी पर गिराकर महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है मानक सफ़लता के सरकारों के पास है गफलत में हम, दम तोड़े जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है
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