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Rohan Roy
White जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाने के लिए, आज में जीना बहुत जरूरी है। कल की किस्तों को, आज क्यों भरना है? कल की बेवजह चींताओं से, आज क्यों लड़ना है? कल की झूठी उम्मीदों में, आज क्यों ढलना है? कल की खुशियों की खातिर, आज की छोटी-छोटी खुशियों से क्यों बिछड़ना है? कल के नये रिश्तों के लिए, आज की रिश्तो से क्यों रूठना है? कल के बुरे वक्त से, आज के बेहतर पलो को क्यों छोड़ना है? कल के अस्वस्थ जीवन से, आज के स्वस्थ जीवन को क्यों भूलना है? कल के ढलते सफर में, आज खुद से अलग क्यों होना है? ©Rohan Roy आज में जीना बहुत जरूरी है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | life quotes
आज में जीना बहुत जरूरी है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | life quotes
read moreAnamika Raj
जरूरी है तस्वीरे लेना भी आईना गुजरे लम्हें नहीं दिखता..! ©Anamika Raj जरूरी है तस्वीरे लेना भी आईना गुजरे लम्हें नहीं दिखता..!
जरूरी है तस्वीरे लेना भी आईना गुजरे लम्हें नहीं दिखता..!
read moreरसिक उमेश
White दर्द गम बेइंसाफी देखकर लोग लगा लेते हैं फांसी जो सम्हल गया वो काबिल बन गया जो डर गया उसकी हो गई बर्बादी ©रसिक उमेश #Thinking अमल करना जरूरी है 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'
#Thinking अमल करना जरूरी है 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'
read moreamansingh6295
White दिमाग को थोड़ा समझाना जरूरी है अब कही पर तो रुक जाना जरूरी है नहीं रहती हवाओं में भी ज़हर एक सी इस समय का गुज़र जाना भी जरूरी है ©amansingh6295 दिमाग को थोड़ा समझना जरूरी है अब कही पर तो रुक जाना जरूरी है नहीं रहती हवाओं में भी ज़हर एक सी इस समय का गुज़र जाना भी जरूरी है #write
दिमाग को थोड़ा समझना जरूरी है अब कही पर तो रुक जाना जरूरी है नहीं रहती हवाओं में भी ज़हर एक सी इस समय का गुज़र जाना भी जरूरी है #write
read moreseema patidar
रुकना तो तब अच्छा लगेगा न जब मैं तुमसे कहूं की....... मुझे जाना है और तुम मुझसे पूछो...... जाना जरूरी है क्या....? ©seema patidar तुम मुझसे पूछो...... जाना जरूरी है क्या .....?
तुम मुझसे पूछो...... जाना जरूरी है क्या .....?
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White ज़िन्दगी पूछती है ज़िन्दगी जियोगे कब। स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब। ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में - आसमाँ पर उड़ानें सपनों की भरोगे कब। आप खुद से बताओ यार अब मिलोगे कब। क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब। पालते हो क्यूँ दिल में ग़म उदास रहते हो- रंग जीवन में अपने खुशियों की भरोगे कब। जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब। दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब। कुछ नहीं मिलता है औरों के लिए जीने से- हो चुके सब के बहुत अपने बता होगे कब। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब
Anuradha T Gautam 6280
अगर #आगे बढ़ाना है तो #दूरी जरूरी है..🖊️ #अनु_अंजुरी 🎧🚶♀️..🙏..🚶🏻🤫 ©Anuradha T Gautam 6280 अगर #आगे बढ़ाना है तो #दूरी जरूरी है..🖊️ #अनु_अंजुरी 🎧🚶♀️..🙏..🚶🏻🤫
अगर #आगे बढ़ाना है तो #दूरी जरूरी है..🖊️ #अनु_अंजुरी 🎧🚶♀️..🙏..🚶🏻🤫
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
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