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Shashi Bhushan Mishra
भीड़ में चलिए एहतियात रहे, कोई अपना भी संग साथ रहे, हमने देखे हैं परेशां चेहरे, हौसला है तो कुछ निजात रहे, कोई महरूम न हो शिक्षा से, सबके हाथों कलम-दवात रहे, चंद दिन के मुसाफ़िर हैं सारे, हमारे बाद भी कायनात रहे, ख़ुशी भी आती है मेहमां जैसे, ज़िन्दगी है तभी मुश्किलात रहे, दूर से हो न तसल्ली दिल को, कुछेक पल को मुलाक़ात रहे, बहुत दिनों से है पतझड़ 'गुंजन', बसंत आए तो न ये हालात रहे, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #एहतियात रहे#
#एहतियात रहे#
read more- Arun Aarya
White तुम्हारे इतने समीप आकर कैसे सब्र में रहे ! है ज़िंदा हम तो फिर क्यों किसी कब्र में रहे..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #Sad_Status #कब्र में रहे
#Sad_Status #कब्र में रहे
read moreMohan Sardarshahari
White आ रहे नव पल्लव जा रही है खिजां युवाओं के मिलन में बिक रहे हैं पिज्जा ।। ©Mohan Sardarshahari # बिक रहे पिज्जा
# बिक रहे पिज्जा
read moreMahesh Patel
सहेली...... उसकी एक आदत खूब थी.. मैं जब भी उससे मिलता था.. मुझे गले लगा लेती थी.. ऐसा भी क्या था मुझ में. मैं जब भी दूर रहता था.. आंखों में आंसू भर लेती थी... उसकी एक आदत खूब थी.. ना चाहते हुए भी वह मुझे मिल लेती थी.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
सहेली... गले लगा लेती.. लाला...
read moreबदनाम
कल देखा था तुम्हे. छत पे, बाल सुखाती खुद की धुन में बहती हुई शांत खबर थी मोहल्ले को की तुम आई हो मगर गलियों में शांति बहुत थी एक दफा खिड़की से झांकती तुम नजर आई थी पलक झपकते कही गायब भी हो गई थी मेरी चाय वही मेज में रखी ठंडी हो रही थी और कलम सिर्फ तुम्हारा इंतजार कर रही थी शायद अब अगली मुलाकात ना हो तुमसे ये शहर तुम्हारे बिना अधूरे सा लगता है और घर की दीवारें, तुम्हारी यादें दिलाती है तुम्हारे हिस्से की खिचड़ी रख आया हु अगली दफा साथ में खाएंगे....... ©बदनाम अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
अब में बूढ़ा होने लगा हु.....
read moreMohan Sardarshahari
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset अब लम्बी कविताओं का वक्त नहीं ना ही बचे हैं लम्बे रिश्ते शोसल मिडिया परोसता वासना के किस्से घरों में तड़प रहे मां - बाप से फरिश्ते किताबें कोई छुता नहीं,डिजिटल बोर्ड टंगे दीवार ज्ञान कोई लेता नहीं , डिग्रियां बिकती सस्ते शारीरिक श्रम से विश्वास हटा,रोग मिले महंगे मशीनों के सहारे ही अब कट रहे हैं रस्ते।। ©Mohan Sardarshahari # कट रहे रस्ते
# कट रहे रस्ते
read moreShashi Bhushan Mishra
New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिल पर लगा दिया#
#दिल पर लगा दिया#
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी दायरे में हम सब, गब्बर सिंह टैक्स के आ रहे है एक ही तरह की चीज पर कई दर जीएसटी की लगा रहे है खूब निकाला है लूट का फंडा इस्तेमाल का तरीका देखकर लोगो की निजी जिंदगी में झांक रहे है गरीबो का पोपकोर्न मेला ठेला का शौक अठारह परसेंट लगा कर सता रहै है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #quotation इस्तेमाल का तरीका देखकर,टैक्ट लगा रहे है
#quotation इस्तेमाल का तरीका देखकर,टैक्ट लगा रहे है
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White जमाना जमाने ने गलतियांँ करके मुझे शहर में मशहूर कर दिया जब मैं शहर में मशहूर हो गया तो जमाना खुद मुझे जलने लगा ©DR. LAVKESH GANDHI #जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
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